सीनियर आईपीएस के बाद अब सीनियर आईएएस एडवाइजर हुए साइबर ठग बाजों की मुस्तैदी और ठगी का शिकार

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चंडीगढ़:- 5 जून;- राजेश पठानिया/ अनिल शारदा/ करण शर्मा//:– साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों के हौसले ही नहीं तादाद भी बढ़ रही है! जो साइबर क्राइम सेल के लिए एक बड़ी चुनौती है। आज से ठीक 1 सप्ताह पूर्व पुलिस प्रमुख प्रवीर रंजन आईपीएस को साइबर ठग बाजों ने बखूबी अपना शिकार बनाकर साइबर क्राईम सेल की मुस्तैदी पर कालिख पोत दी थी। यही नहीं, अब पंजाब के गवर्नर  और चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार आईएएस धर्मपाल जी को साइबर धोखे बाजों ने पटखनी दी है। बीते हफ्ते चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुख प्रवीर रंजन की फोटो लगाकर साइबर ठगों ने ठगी का चुनौती भरा प्रयास किया। और अब इनके हौसले बुलंद होते हुए चंडीगढ़ के वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर और चंडीगढ़ प्रशासक के एडवाइजर धर्मपाल की उक्त ऑफिशियल फोटो को व्हाट्सएप डीपी के रूप में मिस यूज करते हुए लोगों को ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की है। इन धोखे बाजों ने 91504 73834 के व्हाट्सएप नंबर पर एडवाइजर की फोटो लगाकर चैटिंग की। और अपनी मुस्तैदी से साइबर क्राईम सेल की मुस्तैदी को ठेंगा दिखा दिया।

सोचने वाली बात तो यह है कि जब एक आईएएस और आईपीएस ऑफिसर जो कि चंडीगढ़ में अपने-अपने महकमों में शीर्ष पदों पर आसीन हैं। साइबर धोखे बाजों का शिकार हो सकते हैं तो आम जनता का तो हाल मत ही पूछिए। और साइबर क्राइम सेल में कितने केस पेंडिंग हैं। यह अपने आप में और भी विचारणीय ् विषय है।

दुखद और हैरत की बात तो यह है कि हजारों कथित पीड़ित लोग जो साइबर ठग बाजों के शिकार हुए हैं। उनकी ना तो रपट लिखी जाती है। ना उनको कोई साइबर क्राइम सेल से रिस्पांस मिल पाता है। इसीलिए ऐसे तमाम पीड़ित लोगों ने मन निराश मायूस हताश रखते हुए साइबर क्राइम की ओर मुंह करने से खुद का मुंह मोड़ लिया है। चंडीगढ़ के सबसे बड़ी डिपार्टमेंट चीफ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी हरविंदर पाल मनी माजरा निवासी को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाते हुए उनके खाते से तकरीबन ₹174000 ठग लिए थे जिसकी साइबर क्राइम सेल सेक्टर सतारा में बकायदा रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी लेकिन आज तक हरविंदर पाल को उनकी यह रकम दिलाने में साइबर क्राइम सेल कहां तक कामयाब हुआ है यह हरिंदर पाल की नम आंखें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। बताते चलें कि हरिंदर पाल का बेटा अस्पताल में भर्ती रहा जिसके इलाज पर अच्छा खासा खर्च आया और हरेंद्र पाल अपने खून पसीने की कमाई को वापस पाने के लिए आज भी साइबर क्राईम सेल का मुंह ताक रहा है। बेबसी में अपनी दुखद आर्थिक हानि को और घर में आर्थिक तंगी को व्यक्त कर पाने में भी असमर्थ है लेकिन साइबर क्राइम सेल के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

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