ब्रह्माकुमारी पिता और पुत्र रूपी प्रजा के आपसी सम्बन्धों का ज्ञान रही हैं बांट

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चंडीगढ़ ; सितम्बर ; अल्फा न्यूज़ इंडिया ;—ज्ञान ही है जो इंसान को भगवान  या फिर शैतान बनाता है ! सबसे पहला संस्कार माता से शुरू होता है और पिता रूपी गुरु,और गुरु रूपी पिता सन्तान  रूपी प्रजा को जीवन जीने का ध्येय और जीवन  के मोक्ष का करुणामय कर्म रूपी द्धार का राह प्रसस्त करता है ! सेक्टर 34 स्थित प्रदर्शनी मैदान में दूर दर्ज के इलाकों से बड़ी तादाद में रोज हजारों लोग जीवन सुखदाई ज्ञान व् जानकारियां प्राप्त करने 
आ रहे हैं ! मीडिब्रह्माकुमारी पिता और पुत्र रूपी प्रजा के आपसी सम्बन्धों का ज्ञान रही हैं बांट या प्रभारी दीदी पूनम जी ने बताया कि लोगों को विकारों और बिमारियों से छुटकारा पूर्ण रूप से योग ही दिलवा सकता है सो हैं विभिन्न केंद्रों में साप्ताहिक योग निशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था समाज  हेतु शुरू की गई है ! स्कूली बच्चों और बुजुर्गों तक के लिए निशुल्क अति सरल  सहज योग सिखलाई के लिए केंद्र हमेशा प्रतिबद्ध हैं ! उक्त महा आयोजन में मानव समाज को सृष्टि चक्र और घरेलू चक्रों के बारे में विस्तृत जानकारी  दी जा रही है कैसे हमको नकारात्मकता पर काबू पाना है कैसे देश मानव और अपने समाज की उन्नत खुशहाल बनाना है के बारे में चरणवत पड़ावों में समझाया जा रहा है ! सैकड़ों  बहनें और भाई शांति अनुशासन और स्नेह के साथ व्यवस्था बनाये रखने हेतु अपनी अपनी बनती भूमिका निभा रहे हैं ! अनेकों बुद्धिजीवी पत्रकार संगठन और कालेजों स्कूलों के स्टूडेंट्स संस्थानों और अन्य इकाइयों से लोग भीड़ के रूप में उमड़ रहे हैं ! सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से केंद्रों के भाई बहन आदि ही संचालित कर रहे हैं ! हर धर्म,जाति सम्प्रदाय और चरण वर्ण के लोग इस अनोखी और हर इंसान के कल्याण से जुडी प्रदर्शनी का लाभ उठाने को ललायित हैं ! व्यापारी वर्ग डॉक्टर्स वकील और कड़ी मेहनत करने वाले श्रमिक आदि ध्यान योग ज्ञान और शांति का पथ पढ़ने के लिए उमड़ रहे हैं ! कलाकार समाज भी अच्छी तादाद में उमड़ रहा है और दिन भर की दिमागी दिली और दैहिक थकान से स्ट्रेस से निजात पाने के लिए उमड़ रहे हैं ! कोर्ट कचहरी और प्रशासकीय व्यवस्था को   खुद को ठीक ढंग से सन्तुलित  संचालित रखने हेतु ज्ञान और जानकारी का लाभ उठा रहे हैं ! पुरे फेस्टिवल और आयोजन का उद्देश्य लिए आज का कुम्भकर्ण लघु नाटिका का मंचन से समापन होता है ! कुम्भकर्ण आज का खूब सारी नकारात्मक ऊर्जा भ्रष्टाचार,अत्याचार,बलात्कार,लूटखसूट ,अनैतिकता  अधर्म सहित पापाचार कुकर्म कुसंगति पांचों विकार ईर्ष्या और विकारी शक्तियों का भाजक बनने की खूबियां समेटे है ! कैसे अपने अंदर के समाज के कुम्भकर्ण से छुटकारा संगति में अच्छे आचरण से  पाना है ये बखूबी समझाने में ब्रह्मकुमारी मिशन शत दर  शत सफल हुआ है !  आपसी तालमेल सहयोग और शिष्टाचार सहित अनुशासन वाक्य ही इस महाआयोजन में बहिनों और ब्रह्मकुमारों भाइयों से सिखने को मिलता है ! यहाँ हर धर्म का समाज और व्यक्तित्व निर्माण में रोल के बारे में बारीकी से बिना भेदभाव से बखान किया जा रहा है ! दीदी सारिका ने धन्यवाद के साथ बताया कि अगर हम अपने अंदर ही तनिक सा परिवर्तन करके यहाँ सुनाया गया ज्ञान, विस्तृत रूपसे बखानी गई जानकारियां ही अपना लें तो कल्याण होगा ही और हम दूसरों को भी मार्ग दर्शन दे सकेंगे ! 

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