चंडीगढ़/जेसलमेर: 14 मई:- आरके विक्रमा शर्मा/ चंद्रभान सोलंकी:—–अति होती है पृथ्वी पर तब शिव आते।
या अवतार स्वरूप गणों को पहुंचाते।।
ऐसे ही अवतरित हुये थे संभा जी।
मुखपर जय श्रीराम हृदय में अंबा जी।
धर्म सनातन हेतु समर्पण कर डाला।
हिंदुत्व की रक्षा में मृत्यु को वर डाला

भारत भूमि पर मराठा साम्राज्य के द्वितीय शासक, साहसी, दृढ़ निश्चयी, अपराजेय योद्धा, योद्धा संभा जी महाराज जी की जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र अपने यशस्वी बलशाली और गाय ब्राह्मण दीन हीन व नारी शक्ति का भक्त रक्षक को कोटिशः नमन करता है।