जैसलमेर : 8मई ; चंद्रभान सोलंकी ;—— शहर की कोई भी सड़क अतिक्रमण से अछूती नहीं है। कई जगहों पर मुख्य सड़क के हिस्से भी अतिक्रमण की चपेट में हैं। लोहारो के द्रवारा फुटपात पर कब्जे जारी । इससे पैदल चलने वालों का मार्ग अवरुद्ध है। गीता आश्रम व दुरदर्शन रोड भी राहगीरों के चलने लायक नहीं रह गया है।
इस 25 फीट चौड़ी सड़क का आधे से ज्यादा हिस्सा लोहारो के कब्जे बन चुका है। ऐसी हालत में लोगों को व्यस्त सड़क पर किसी तरह से आड़ा-टेढ़ा होकर चलना पड़ता है। इस रास्ते पर पैदल चलना तो मानो नामुमकिन सा हो गया है। इसके अलावा सारा दिन मुख्य सड़क के आधे हिस्से में लोहार डेरा डालकर बैठे रहते हैं। भयवश स्थानीय लोग इसका विरोध नहीं कर पाते। उनका आरोप है कि पुलिस इस फुटपात पर अवैध कब्जे पर बैठे लौहारो की ओर ध्यान भी नहीं देती। पुलिस प्रशासन के सामने यह सबकुछ होता है लेकिन कार्रवाई शायद ही कभी हुई होगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार पुलिस को सूचित किया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वर्षों बाद भी यहां प्रशासन को पैदल चलने वालों की परेशानी नहीं दिखी। रास्तों के अवरुद्ध होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
मुख्य फुटपात पर अवैध कब्जे से यहां राहगीरों की परेशानी का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। अन्य कोई रास्ता नहीं होने की वजह से पथिकों को व्यस्त फुटपात पर आवाजाही करनी पड़ती है। अगर पुलिस कोतवाल थोड़ी सी सख्ती दिखाए तो इस फुटपात पर लोग पैदल चलने का हक पा जाएंगे। इसके लिए पुलिस को इस फुटपात पर डेरा डालने वाले लोहारो को डेडानसर मैदान तक पहुंचाना होगा।
फुटपात पर बैठे लौहारो को यहा से हटाकर कही अन्य जगह भेज दिया जाय तो बहुत हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
शहर में पैदल चलने वाले राहगीरो को निजात दिलाने के लिए फुटपात पर कब्जा करके बैठे लैहारो को हटा दिया जाय । इसके लिए पुलिस को थोड़ी सख्ती दिखानी चाहिए और लोगों को भी जागरूकता दिखाते हुए फुटपात पर बैठे लौहारो को हटाने का सकंल्प लेना चाहिए
-जगदीश पालीवाल
फुटपाथ होते हुए भी पैदल राहगीरो को सड़क पर चलना पड़ता है जिससे आए दिन दुर्घटना होती है रौड़ जाम होती है जहां पैदल चलने वालों को परेशानी होती है, वहीं सड़क अतिक्रमण के चपेट में आ जाती है, लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है।
प्रशासन गहरी निंद मे सो रहा है
-घनश्याम पालीवाल
शहर में खास कर मुख्य सड़क पर सड़क का निर्माण कराने के साथ ही फुटपाथ का निर्माण कराया जाय। ताकि पैदल चलने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो। फुटपाथ नहीं होने से सभी लोगों को परेशानी होती है।
-पपुराममाली
अमरसड़क पर वाहन खड़ा किए जाने के कारण पूरी सड़क वाहनों से पट जाती है। हमेशा जाम लगा रहता है। डर के मारे लोग इस सड़क पर आना ही नहीं चाहते। पैदल चलने वालों की परेशानी का तो हाल ही मत पूछिए।
-हरीश वैष्णव
शहर की सड़क पर फुटपाथ ही नहीं है जिससे कि लोग उस पर चल सके। कई सड़कों पर तो फुटपाथ लायक भी जगह नहीं है। इस वजह से लोगों को जोखिम उठाकर सड़क पर ही पैदल चलना पड़ता है।
फुटपाथ की परेशानी कहानी
अगर आपको अपने इलाके में कोई ऐसा स्थान दिखता है जहां पैदल यात्रियों के चलने के स्थान यानी फुटपाथ का अतिक्रमण कर लिया गया है, या नए फुटपाथ, फुट ओवर ब्रिज, अंडरपास आदि की इतनी जरूरत है कि अगर वह पूरी हो जाए तो वहां होने वाले सड़क हादसे रुक जाएं, यातायात के जाम से छुटकारा मिल जाए !