अपराधियों से पुलिस डरती कहना डॉ जसपाल को पड़ा महंगा,फर्जी मामला हुआ दर्ज,उच्चाधिकारी खामोश

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अपराधियों से पुलिस डरती कहना डॉ जसपाल को पड़ा महंगा,फर्जी मामला हुआ दर्ज,उच्चाधिकारी खामोश   

चंडीगढ़ /मनीमाजरा ; 12 जून ; अल्फ़ा न्यूज इंडिया  ;—–पुलिस की हिमायत मदद करना भी आज के वक़्त में महंगा पड़ सकता है ! यकीन नहीं तो भुक्त भोगी जाने माने आरटीआई एक्टिविस्ट और भाजपा के कदावर नेता जसपाल सिंह जोकि जागरूकता  अखबार के सम्पादक भी हैं से ही जान लें ! मनीमाजरा  पुलिस स्टेशन में बीती 29 मई को सुखलाल के मर्डर पर प्रतिक्रिया देते  हुए एंटी क्रप्शन सोसायटी के चेयरमेन और समाजसेवक डॉ जसपाल सिंह ने पुलिस की तरफदारी में ही कहा था कि अब हत्यारे पुलिस की भी परवाह नहीं करते हैं ! और अपराधियों से पुलिस भी भयभीत रहती है ! यही बजह रही कि किसी ने भी खासकर पुलिस वालों ने सुखलाल को बचाया ही नहीं ! डॉ जसपाल सिंह ने स्पष्ट किया कि उक्त क्राइम हेतु मनीमाजरा पुलिस स्टेशन इंचार्ज इंस्पेक्टर हरमिंदर जीत सिंह सहित पुलिस स्टेशन में मौजूद अन्य पुलिस वाले भी दोषी हैं ! और सभी दोषी सजा के हकदार हैं ! बस डॉ जसपाल सिंह को ये बोलना ही खूब महंगा पड़ गया ! पुलिस स्टेशन इंचार्ज के विरुद्ध बोलना ही महंगा साबित हुआ ! मनीमाजरा पुलिस स्टेशन में उल्टा शिकायतकर्ता के खिलाफ ही मामला दर्ज कर दिया गया ! शिकायतकर्ता के नाम से लेकर पता तक सब फर्जी ही निकले यहाँ तक कि मोबाइल नंबर भी फर्जी पाया गया ! तो क्या पुलिस ने बिना तहकीकात किये ही डॉ जसपाल पर मामला दर्ज करने में अपनी जल्दबाजी दिखाई और वर्दी पर दाग लगवाया ! हर और इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता सहित ईमानदारी पर सवालिया चिन्ह लगे हैं ! पब्लिक खुद हैरान है कि पुलिस पब्लिक की रक्षक ही भक्षक की भूमिका में उत्तर आई है ! बताते चलें कि डॉ जसपाल सिंह ने ही पुलिस स्टेशन इंचार्ज हरविंदर जीत सिंह की शिकायत डीजीपी चंडीगढ़ को दी तो उन्हों ने इंस्पेक्टर पुलिस स्टेशन इंचार्ज को बुलाया और खूब फटकारा ! बदले की कथित भावना से हरविंदर जीत सिंह ने डॉ जसपाल सिंह पर ही फर्जी मामला दर्ज करवा डाला ! शिकायत की जाँच गहनता  से  की गई तो पाया शिकायतकर्ता और उसके पता व् मोबाइल नंबर फर्जी 
​हैं ! उधर उच्च अधिकारी भी इस घटनाक्रम के बारे में बात करने से बच ही रहे हैं जिसमे बोलकर क्यों खुद को छोटा  किया जाये ! दीगर तथ्य तो ये भी है कि मनीमाजरा में बिगड़ते कानून के मसौदे पर डॉ जसपाल सिंह ने देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी चिट्ठी लिख भेजी है ! हैरत देखो कि जब शिकायतकर्ता पुलिस स्टेशन की दहलीज पर इक ऐड रपट लिखवाने के एड़ी चोटी का जोर लगाते हुए अनेकों चक्कर काट कर हताश निराश हो जाता तब भी पुलिस मामला दर्ज करने में सौ प्रकार की न नुकर करती नजर आती है ! पर उक्त मामले  में तो अदद स्पीड पोस्ट से ​ इक शिकायत आने पर पुलिस अमला मुस्तैद हो उठा और बिना कोई जाँच पड़ताल किये डॉ जसपाल सिंह पर मामला दर्ज किया ! उक्त मामले के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर राज बहादुर के मुताबिक मामले में बारीकी से जाँच करके शिकायत करता और मोबाइल नंबर पता सब फर्जी पाए गए ! आई ो ने तुरंत मामले को संज्ञान मानकर तुरंत जाँच से उच्च अधिकारीयों को वाकिफ करवाया ! खबर लिखे जाने तक उच्च अधिकारीयों ने अभी तक क्या कार्यवाही किसको मार्क की कोई खबर नहीं मिली है ! पर वर्दी वाले अफसर ने समूचे वर्दी वाले रौबदार महकमे की खुद  किरकिरी करवा डाली ! 

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