उन्नाव का पूरा सच और नंगा सच ………..।।।

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चंडीगढ़ : 01 अगस्त : अल्फा न्यूज इंडिया डेेस्क प्रस्तुति :—लड़की के परिवार की विधायक से रंजिश और अब न्याय की इस लड़ाई को पूरी तरह समझने के लिए हमें 2002 में जाना होगा.

दरअसल कहानी उन्नाव जिले के माखी गांव के सराय थोक मोहल्ला से शुरू होती है. यहीं पर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और लड़की का परिवार अगल-बगल रहता है. 2002 तक इन दोनों परिवारों के बीच बहुत गहरा रिश्ता था. इतना ही नहीं कुलदीप सिंह सेंगर को पहली बार विधायक बनाने में लड़की के परिवार ने भी खूब साथ दिया था. आखिर इतनी गहरी दोस्ती अचानक गहरी दुश्मनी में कैसे तब्दील हो गई?

दरअसल, सियासत में दोस्ती और दुश्मनी के कोई मायने नहीं है. अगर कुछ मायने रखता है तो वह है ‘मौका’. उन्नाव के इस मामले में भी यही हुआ. 2002 के प्रधानी के चुनाव के दौरान इस दुश्मनी की नींव पड़ी.

दरअसल लड़की के पिता तीन भाई थे. तीनों की इलाके में दबंग की छवि थी. लेकिन कुलदीप सिंह सेंगर के विधायक बनने के बाद किसी बात को लेकर दोनों परिवारों में अनबन हुई और सेंगर ने तीनों भाइयों से किनारा कर लिया. इसी बात से नाराज तीनों भाइयों ने प्रधानी के चुनाव में विधायक को सबक सिखाने की ठानी.

प्रधानी के चुनाव में लड़की के ताऊ खुद मैदान में उतरे. दूसरी तरफ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मां चुन्नी देवी प्रधान का चुनाव लड़ रही थीं. कहा जाता है कि विधायक ने उस वक्त गुड्डू सिंह के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों को हथियार बनाया और लड़की के ताऊ की उम्मीदवारी खारिज करवा दी. इसके बाद लड़की के ताऊ ने अपने करीबी दोस्त देवेंद्र सिंह (सड़क हादसे में घायल लड़की के वकील महेंद्र सिंह के भाई और रेप मामले में सीबीआई के गवाह) की मां को सामने खड़ा किया.

चुनाव प्रचार के दौरान ही पहली बार दोनों परिवारों के बीच हथियारों का इस्तेमाल हुआ. लड़की के चाचा और सेंगर के भाइयों के बीच लड़ाई हुई और गोलियां भी चलीं. इसमें कई लोग घायल हुए. विधायक की तरफ से पुलिस केस दर्ज करते हुए लड़की के चाचा के खिलाफ हत्या के प्रयास 307 का मामला दर्ज हुआ.

इसके बाद लड़की के परिवार में पहला क़त्ल हुआ. उसके ताऊ की गांव में ही ईंट-पत्थरों से कूचकर हत्या हो गई. उस वक्त भी परिजनों ने हत्या का इल्जाम विधायक पर लगाया था. इस हत्या के बाद लड़की का चाचा जो 307 में वांछित अपराधी था फरार हो गया. करीब 17 साल बाद वह 2017 में दिल्ली से गिरफ्तार हुआ. अब हत्या के प्रयास में वह रायबरेली जेल में 10 साल की सजा काट रहा है. इसी चाचा से जेल में मिलने उस दिन लड़की अपनी चाची के साथ Swift Dezire कार में जा रही थी जब accident हुआ ……….

4 जून 2017 को एक बार फिर इन परिवारों की रंजिश सामने आई. इस बार इस परिवार ने मर्दों की खानदानी लड़ाई में अपनी 17 वर्षीया बेटी को उतार दिया ………….लड़की ने आरोप लगाया कि विधायक सेंगर ने अपने घर में उसके साथ रेप किया. इस आरोप के बाद विधायक के भाई अतुल सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर लड़की के पिता की बुरी तरह पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया. मामले में पुलिस ने भी विधायक का साथ दिया और पिता को आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया. जहां दो दिन बाद उनकी मौत हो गई. यह परिवार में दूसरी मौत थी. इसके बाद रायबरेली सड़क हादसे में चाची और मौसी की मौत हो गई. चाची रेप मामले में सीबीआई की गवाह भी थीं. हादसे में खुद लड़की गंभीर रूप से घायल है.

अब इस परिवार में मर्द के नाम पर लड़की का एक छोटा भाई और चाचा का एक बेटा है. चाचा खुद 307 के मुक़द्दमे में जेल में बंद 10 साल की सज़ा काट रहे हैं. लड़की हॉस्पिटल में हैं. घर में मां, दो बहनें और दो भाई ही हैं. कोई रिश्तेदार भी साथ नहीं दे रहा है. दे भी कैसे ?

पूर्वांचल में इस तरह की खानदानी लड़ाइयां आम बात है । समाज ही ऐसा है । ऐसी खानदानी लड़ाइयां अक्सर 2 या 3 पीढ़ी तक चलती हैं ……. एक दो नही 20 — 30 — 40 murder तक होते हैं आपस में ……… खूब लड़ते हैं आपस में , खून खराबा होता है …….. पर फिर भी लड़ाई का एक स्तर बना रहता है ……. घर की औरतें , बच्चे , बड़े बुजुर्ग इस युद्ध में शामिल नही होते …….. लड़ाई सिर्फ मर्दों की होती है ….. हत्या भी सिर्फ उसकी होगी जो लड़ाई में शामिल है …….. अगर परिवार का कोई लड़का य्या भाई इस युद्ध से दूर कही कमा खा रहा य्या पढ़ लिख रहा है तो उसे कोई नही छूता ……..

मर्दों की इस लड़ाई में ये लड़की कूद पड़ी या फिर कुदा दी गयी ……. और वो भी ऐसे झूठे घृणित आरोप के साथ ……. Gang Rape ???????? ऐसे में कौन रिश्तेदार मित्र दोस्त ऐसे परिवार का साथ देगा ??????

Note : ये सारी जानकारी पहले से ही पब्लिक डोमेन में है । News 18 ने इसपे एक विस्तृत रिपोर्ट लिखी है ।
मेरे इस लेख के कुछ अंश वहीं से लिये गए हैं ।
इसके अलावा बहुत से फेसबुकिये मित्र जो उन्नाव के आसपास के रहने वाले हैं वो इस पूरी कहानी का सत्यापन कर सकते हैं ।

पर समस्या ये है कि देश मे Media Trial चल रहा है । कोई भी लड़की कैसा भी झूठा सच्चा तथ्यहीन आरोप लगा दे ,लोग हुआँ हुआँ करने लगते हैं ।

कुलदीप सेंगर दबंग , बाहुबली , माफिया हैं …….. ऐसे आदमी राजनीति में नही चाहिए …….. पर वो बलात्कारी नही हैं ……..

News 18 के इस लेख में जहां जहां पीड़िता शब्द लिखा था उसे मिटा के मैंने लड़की लिखा है क्योंकि वो लड़की पीड़िता नही …….. मर्दों की खानदानी लड़ाई में कूदने वाली लड़की पीड़िता नही होती और मर्द बंदूकों rifles से लड़ते हैं , दुश्मन की बेटियों से बलात्कार नही करते ।

– 🤔🤔Ajit Singh की पोस्ट -सााभार।।।।

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