चंडीगढ़/ नयी दिल्ली- 10 जून–आरके विक्रमा शर्मा/ सुमन वेदवान प्रस्तुति —वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन के सर्वेसर्वा योगराज शर्मा ने नागरिकों को मानव अधिकारों के प्रकारों की जानकारी अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से
वैसे तो मानव अधिकारों की कोई एक निश्चित संख्या नहीं है। विविध प्रकार के समाजों में जैसे-जैसे नए खतरे और चुनौतियाँ सामने आ रहीं हैं। वैसे-वैसे मानवाधिकारों की सूची लगातार बढ़ती जा रही है। यहाँ पर हम संयुक्त राष्ट्र के सार्वभौमिक घोषणापत्र में उल्लिखित मानवाधिकारों के बारे में जानेंगे। इस घोषणापत्र में कुल 30 अनुच्छेद हैं।
नागरिक एवं राजनीतिक अधिकार- सार्वभौमिक घोषणापत्र में अनुच्छेद 4 से लेकर अनुच्छेद 21 तक नागरिक व राजनीतिक अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इनके अन्तर्गत आने वाले प्रमुख अधिकार इस प्रकार हैं-
दासता से मुक्ति का अधिकार
निर्दयी, अमानवीय व्यवहार अथवा सजा से मुक्ति का अधिकार
कानून के समक्ष समानता का अधिकार
प्रभावशाली न्यायिक उपचार का अधिकार
आवागमन तथा निवास स्थान चुनने की स्वतंत्रता
शादी करके घर बसाने का अधिकार
विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
उचित निष्पक्ष मुकदमें का अधिकार
मनमर्जी की गिरफ्तारी अथवा बंदीकरण से मुक्ति का अधिकार
न्यायालय द्वारा सार्वजनिक सुनवाई का अधिकार
अपराधी साबित होने से पहले बेगुनाह माने जाने का अधिकार
व्यक्ति की गोपनीयता, घर,परिवार तथा पत्र व्यवहार में अवांछनीय हस्तक्षेप पर प्रतिबंध
शांतिपूर्ण ढंग से किसी स्थान पर इकट्ठा होने का अधिकार
शरणागति प्राप्त करने का अधिकार
राष्ट्रीयता का अधिकार
अपने देश की सरकारी गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार
अपने देश की सार्वजनिक सेवाओं तक सामान पहुँच का अधिकार
आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक अधिकार- नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों के अतिरिक्त, घोषणापत्र के अगले छह अनुच्छेदों में आर्थिक,सामाजिक तथा सांस्कृतिक अधिकारों के बारे में बताया गया है। इनके अंतर्गत आने वाले प्रमुख अधिकार निम्नलिखित हैं-
सामाजिक सुरक्षा का अधिकार
समान काम के लिये समान वेतन का अधिकार
काम करने का अधिकार
आराम तथा फुर्सत का अधिकार
शिक्षा तथा समाज के सांस्कृतिक जीवन में भाग लेने का अधिकार