साइबर क्राइम सेल ने खालसा मोहल्ला पटियाला से दबोचे दो डिजिटल ठग

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चंडीगढ़ :-10 जून:- राजेश पठानिया/ अनिल शारदा:– आजकल हाईटेक जमाने के चलते साइबर ठगी की चांदी बनी हुई है डिजिटल ठगी का ऐसा दौर आ चुका है कि हर कोई इसकी पकड़ से बमुश्किल ही बच पा रहा है। और इनको पकड़ने में पुलिस के पसीने छूटना स्वाभाविक ही है। लेकिन चंडीगढ़ साइबर सेल ने अपनी मुस्तैदी और दूरदर्शिता के चलते पटियाला के एक ही मोहल्ला से दो साइबर डिजिटल ठगी करने वाले नौजवान सरदार युवकों को हिरासत में लिया है। पगड़ी धारी  दोनों युवक दुबले-पतले तो हैं। लेकिन खासे मोटे ताजे दिमाग के धनी लगते हैं। पलक झपकते ही बड़े से बड़े शातिर को भी अपने मकड़जाल में फंसा कर उसकी मोटी ताजी अमाउंट हड़पने में इनका कोई सानी नहीं है। दूसरी ओर साइबर क्राइम सेल को मिली है अचीवमेंट बहुत मायने रखती है।

चंडीगढ़ पुलिस की साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल  ने ऐसे ही दो शातिर डिजिटल ठगों को गिरफ्तार किया है| साइबर सेल द्वारा इन्हें पंजाब के पटियाला से गिरफ्तार किया गया है| दोनों शातिरों में एक की पहचान सुख सागर (24 वर्ष) पुत्र सतपाल सिंह निवासी खालसा मोहल्ला, पटियाला व दूजे की बीर इंदर सिंह (22 साल) पुत्र गुरप्रीत सिंह खालसा मोहल्ला, पटियाला के रूप में हुई है| साइबर सेल ने दोनों आरोपियों को आज न्यायालय के समक्ष पेश किया| जहां से 13 जून तक इनकी रिमांड हासिल की गई| रिमांड के दौरान साइबर सेल पता करेगी कि इन्होंने और किन-किन अपराधों को अंजाम दिया है और इनके लिंक में और कौन-कौन हैं?

70000 की ठगी की …..

मिली जानकारी के अनुसार, चंडीगढ़ Cyber Crime Investigation Cell को शहर की एक महिला द्वारा शिकायत मिली थी कि उसके साथ 70000 रूपए की डिजिटल ठगी की गई है| महिला ने पुलिस को बताया था कि वह लोन पेमेंट ऐप जेस्ट मनी (Zest money) का उपयोग करती है| उसने जेस्ट मनी के माध्यम से अपने बेटे के लिए एक मोबाइल खरीदा हुआ था| हर महीने वह जेस्ट मनी को मोबाइल की EMI भरती है लेकिन इस महीने में उसकी EMI दो बार काटी गई| जिसके बारे में पता करने के लिए उसने Zest money की हेल्पलाइन गूगल पर खोजी और कम्पनी से सम्पर्क करना चाहा| गूगल पर से मिली Zest money की हेल्पलाइन पर जब उसने फोन किया तो उसे एक OTP भेजा गया और उसे इसे शेयर करने को कहा गया| इधर, जैसे ही उसने ओटीपी शेयर किया उसके 70000 रुपये कट गए|

ठगी कर शातिर करते थे यह काम ….

मालूम हुआ है कि शातिर ठगी करने के बाद अमेज़न उपहार वाउचर खरीदते थे और फिर उन्हें मालाबार गोल्ड, क्रोमा पर भुनाते थे और यहाँ से और सोना, मोबाइल खरीदते थे| वहीं, सोना, मोबाइल प्राप्त होने के बाद इसे बाजार बेच लेते थे| बतादें कि, गिरफ्तारी के दौरान शातिरों से ठगी का सामान भी बरामद किया गया है| साभार एस आर।

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