केस व पगड़ीधारी हवलदार ने केस व पगड़ीधारी सिख की खुलकर की बेअदबी

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अमृतसर+ चंडीगढ़:- 10 मई:- हरीश शर्मा+ राजेश पठानिया/ अनिल शारदा:—- पंजाब सूबे को तो ना जाने किस की काली नजर लग गई है! कभी चंडीगढ़ और मोहाली की सरहद पर मॉडल जेल बुडैल की चारदीवारी के पास खतरनाक विस्फोटक सामग्री का बैग मिलता है! जिसे चंडी मंदिर की आर्मी के बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय किया! और फिर कुछ ही दिनों बाद मोहाली स्थित पंजाब इंटेलिजेंस दफ्तर के बाहर लांचर से विस्फोट किया जाता है! भवन की खिड़कियों के शीशे तक चूर होते हैं! अभी इस समाचार की सुर्खियों की स्याही सूखी भी नहीं थी कि गुरुओं की पवित्र धरती अमृतसर से सिखी को शर्मसार करने वाली निंदनीय घटना ने सिख पंथ का सर शर्म से झुका दिया।

अमृतसर सिटी की विजय नगर बटाला रोड की पुलिस पोस्ट में एक केस धारी और पगड़ी धारी हवलदार ने एक केस धारी और पगड़ी धारी दूसरे सिक्ख को बुरी तरह मारा-पीटा ही नहीं। बल्कि उसके केसों को खूब बेअदबी से नोचा और मौजदा लोगों द्वारा मना किए जाने के बावजूद भी इस सिख पगड़ी धारी हवलदार ने मारपीट करते हुए दूसरे पगड़ी धारी सिख की पगड़ी उछाली और उसे खूब भला बुरा भी कहा। हैरत की बात है कि इस हवलदार को वहां उसे कुछ सीनियर और कुछ जूनियर मुलाजिमों ने जी भर कर रोका। कि वह इस तरह की घिनौनी हरकत ना करें। और बेवजह पुलिस स्टेशन के अंदर कानून को अपने हाथ में लेकर गुंडागर्दी ना फैलाएं। क्योंकि पुलिस का काम दहशत फैलाना नहीं है अमन चैन बहाल करना है। लेकिन इस केस और पगड़ी धारी सिख हवलदार की  इस निंदनीय हरकत ने लगता है पंजाब पुलिस के पुलिस स्टेशनों और पुलिस चौकियों के अंदर की गुंडागर्दी का खुला रूप लोगों के सामने ला दिया है। खबर लिखे जाने तक ऐसी घिनौनी हरकत कर सिखी समाज को शर्मिंदा करने वाले इस वर्दीधारी हवलदार पर कौन-कौन सी धाराओं के तहत मामला दर्ज किए गए हैं?? और क्या उससे तमाम पुलिस की आन बान और शान का पर्याय वर्दी वापस ली गई है! या नहीं!! यह सब कुछ अभी पुष्टि के दायरे से दूर है!

ऐसी ही एक और घटना जिसने पंजाब पुलिस को शर्मसार किया है। संगरूर जिले से सामने आई है। वहां के एसपी करणवीर सिंह अपने एएसआई देवेंद्र सिंह के माध्यम से ₹3,00,000 की रिश्वत मांगने के कारण अपनी ड्यूटी से फरार बताए जा रहा हैं। और उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत एफ आई आर भी दर्ज की गई है। रविंद्र सिंह को अरेस्ट किया गया है। जबकि करणवीर सिंह फरार होने में कामयाब रहे हैं। कहा जाता है कि एसपी करणवीर सिंह एएसआई देवेंद्र सिंह के माध्यम से भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी का यह भी गंदगी भरा नाच ना जाने कब से नाच रहा था।। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री और इमानदार फितरत के धनी भगवान सिंह मान राजनीति में एंट्री मारते ही ट्रैफिक पुलिस वालों की जेबों से लोगों के पैसे निकाल कर वापस करवाने के लिए भी बखूबी मशहूर रहे हैं। और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही उन्होंने राज्य से भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी को जड़ से उखाड़ फेंकने का वादा और दावा और सरकारी घोषणा भी की थी। देखना यह है की वर्दी पर नकेल कसने में भगवंत मान कितने कामयाब और कितने कारगर साबित होते हैं। और कितनी जल्दी कसूरवार पगड़ी और केस धारी हवलदार सिख पुलिस मुलाजिम को और उसके बाद संगरूर के एसपी करणवीर सिंह को और उसकी कठपुतली ऐएसआई रविंद्र सिंह को क्या सब सिखाते हैं। और कानून की किन किन धाराओं के तहत उन पर ईमानदारी से मामले मुकम्मल रूप से दर्ज करते हैं। सिख धर्म की सिखी शर्मसार महसूस कर रही है। वहीं, लोग हवलदार से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर ऐसा भी क्या गुनाह हुआ?! कि इतनी भीड़ के मना करने के बावजूद भी मारपीट गुंडागर्दी करते हुए एक नागरिक जो केसधारी है और पगड़ीधारी भी है। उसकी मान मर्यादा का अपमान किया गया। और उसके धर्म का बखूबी निरादर किया गया। सिख पंथ के लोगों की ही नहीं सभी की आंखें मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पर टिकी हुई हैं। इन सब निंदनीय प्रकरणों पर वह किस तरह का एक्शन लेते हैं और एक्शन की डायरेक्शन आगे चलकर कितनी कामयाब साबित होती है यह आने वाले कल की परतों की गरत में छुपा हुआ है।।

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