सलमानखान व् काला चिंकारा शिकार केस में आग्नेयास्त्र कानून केस में फैसला 18 जनवरी को

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राजस्थान /जोधपुर ; 11 जनवरी ; अल्फा न्यूज़ इंडिया ;—बालीबुड में सौ करोड़ी क्लब के हीरो सल्लू मियां यानि  सलमान खान के खिलाफ जोधपुर की कोर्ट अब  आग्नेयास्त्र कानून से सम्बन्धित केस अपना  18 जनवरी को फैसला सुनाएगी,जिसकी पशु प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार है। सल्लू के एडवोकेट सारस्वत हस्तीमल के मुताबिक  मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट  ने सोमवार को केस  की सुनवाई पूरी की ! पर अभी  फैसला सुरक्षित रखा है । 1998 में तकरीबन 18 वर्ष पुराने उक्त काला चिंकारा शिकार के उक्त मामले में  फैसला सुनाये जाने के वक़्त सलमान खान को हर हाल में कोर्ट में उपस्थित रहने की भी हिदायत और आदेश हैं !  

 बताते चलें कि सल्लू पर अपने फ़िल्मी  अन्य कलाकारों के साथ  1998 में  अक्टूबर महीने की पहली तारीखों में ही मिडनाइट में  काले हिरण का शिकार अपनी लाइसेन्स वाले हथियार से करने का आरोप लगा था । ये सब लोग उन दिनों जोधपुर में अपनी  फिल्म “हम साथ-साथ हैं ” की शूटिंग में व्यस्त था ! सल्लू मियां पर  अवैध हथियार बिना इजाजत के लेकर जाने सहित गैर कानूनी ढंग से यूज करने का आरोप लगा था । उस हथियार के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई थी। उनके खिलाफ आग्नेयास्त्र कानून के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया था। ये भी कड़वा स्तय सामने आया था कि उक्त हथियार जो सल्लू साथ लेकर गए थे उसकी लाइसेंस एक्सपायरी डेटड था !  हैरत तो ये है कि वर्ष 2006 में जोधपुर के निचली कोर्ट ने सलमान खान को दोनों केसों में क्रमश एक वर्ष और 5 वर्ष की कैद दिए की सजा सुनाई थी !   हालाँकि जनता का रोष था कि  इतनी कम सजा आम आदमी को ऐसा जुर्म करने  हेतु कतई न मिलती,उसे तो लम्बी आयु शायद सलाखों के पीछे ही बितानी पड़ती ! जुलाई 2016 में राजस्थान हाईकोर्ट ने उक्त केस में सल्लू मियां [सलमान खान ] को बाइज्जत बरी करने का फैसला सुनाया था तो समूचा समाज हक्काबक्का ही रह गया था !

  सल्लू मिया द्वारा  हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच के सामने 2006 में दी गई सजा को चुनौती दी गई थी ! जनता और न्याय प्रेमियों का सर झनझना तो तब उठा जब हाईकोर्ट ने भी सलमान खान को जुलाई बरी किये जाने का फैसला सनुया था ! हालाँकि स्टेट गवर्नमेंट ने भी निचली कोर्ट के 2006 में आये सजा के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी ! पर जनता ने इस सब को हाथी के दन्त करार दिया था ! स्टेट गवर्नमेंट ने सलमान खान की सजा में बढ़ोतरी किये जाने की अपील की थी ! पर हाईकोर्ट ने बरी किये जाने का फैसला दो पल में सूना डाला था ! जनता ने उक्त फैसले को न्याय के मुंह पर कालिख तक करार दिया था !  राजस्थान स्टेट गवर्नमेंट  ने सलमान खान उक्त काला  चिंकारा के अवैध और प्रतिबन्धित शिकार किये जाने के केस  में बरी करने के हाईकोर्ट  के फैसले के विरुद्ध  अक्टूबर, 2016  में  विशेष सुनवाई याचिका (एसएलपी) सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। अब एक बार फिर ये काला चिंकारा शिकार केस चर्चित हो उठा है ! सभी न्यायप्रेमी और पशु प्रेमी दूध का दूध और पानी का पानी होने की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे है ! देखना ये भी होगा कि  न्याय अपना क्या प्रभाव और अहमियत दिखायेगा आगामी 18 जनवरी को ही सब के सामने आएगा ! 

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