कहीं वर्दी पर हो रही पुष्प-वर्षा, तो कहीं वर्दी ही बेकसूर गरीब को ही लूटने पीटने में बिजी

Loading

चंडीगढ़:- 26 अप्रैल:- आरके शर्मा विक्रमा/ करण शर्मा:– देश में जहां कोरोनावायरस जैसी महामारी से लोहा लेने वाले अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं में डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ और सफाई कर्मचारी और जीवन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने वाले  योद्धाओं सहित खाकी वर्दी यानी पुलिस का अहम रोल सभी काबिले तारीफ है। वर्दी जहां आज एक हाथ में डंडा थामे हुए तो दूसरे हाथ से भोजन के पैकेट बांटते हुए दिखाई दे रहे हैं। देश इन योद्धाओं को सम्मानित कर रहा है। और इन पर फूलों की वर्षा कर रहा है। और आज इस वर्दी पर गर्व कर रहे हैं। लेकिन वहीं यूपी के जिला जौनपुर के शाहगंज में एक ट्रक ड्राइवर को जिसका नाम मोहम्मद सालिब और पिता का नाम गुल मोहम्मद है। आधा दर्जन पुलिस वालों ने घेरकर इसलिए बेरहमी से पीटा कि उसने उनको सुविधा शुल्क के सिर्फ और सिर्फ ₹500 नहीं दिए। ड्राइवर किसी तरह अपनी जान बचाकर एक दुकान में घुस भी गया। लेकिन खाकी वर्दी को तो सिर्फ गांधी वाला नोट जिसकी बस कीमत ₹500 थी। उसके सिवा उनको कुछ नजर नहीं आ रहा था। ड्राइवर को दुकान से घसीट कर बाहर लाकर बेरहमी से पीटा और गंभीर जख्मी हालत में वहीं छोड़कर एक किनारे हो गए। बाद में जख्मी ड्राइवर को उसके बड़े भाई और आसपास के लोगों ने मिलकर ही अस्पताल पहुंचाया। जहां वो अपना इलाज करवा रहा है। और पुलिस ने अभी तक क्या कार्रवाई की है इसकी भी प्रतीक्षा की जा रही है। लोगों का कहना है कि यह बात अभी नोट कर ली जाए कि उल्टा ड्राइवर पर ही मुकदमा दर्ज हो जाएगा और पुलिस पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं होगी। भले ही यूपी में योगी और सेंटर में मोदी सत्ता पर काबिज हो और अमित शाह गृहमत्री तक भी शिकायत पहुंचे तो वर्दी को ना जाने किसकी शह पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। यहां दो-टूक सवाल तो यह है क्या कभी  कानून अपनी नजरें कानून के रक्षक के भक्षक बने रोल पर भी कैंची चलाएगा। या देश अभी ऐसे ही मजबूरन पिटता रह जाएगा।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

102915

+

Visitors