अल्पसंख्यकों को सहायता व संरक्षण दें पर संविधान की गरिमा और अस्तित्व पर कुठाराघात ना करें

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चंडीगढ़ 20 मार्च आरके विक्रम शर्मा प्रस्तोता :-व्लाडीमीर पुतिन का अब तक का सबसे संक्षिप्त भाषण –

आपको इसे अवश्य पढ़ना चाहिए और इस पर विचार करना चाहिये .

व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति रूसी संसद को सम्बोधन में रूस के अल्पसंख्यक के साथ तनाव पर कहा –

रूस में रूसियों की तरह रहें . कोई भी अल्पसंख्यक समुदाय जो कहीं से हो, यदि उसे रूस में रहना है , यहाँ काम करना है, आहार लेना है तो रूसी भाषा में बोलना होगा, रूस के कानूनों का सम्मान करना होगा .यदि वे शरीयत नियमों को वरीयता देना पसंद करते हैं एवं मुस्लिम जीवन शैली में जीना चाहते हैं तो उन्हें हमारा सुझाव है कि वे उन स्थानों पर जायें जहाँ यह राजकीय कानून है .

रूस को अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की आवश्यकता नहीं है . अल्पसंख्यकों को रूस की आवश्यकता है, हम किसी तरह के विशेषाधिकार उन्हें नहीं देते, और न ही हम अपने कानूनों में ऐसे बदलाव लायेंगें जो उनकी अपेक्षावों पर खरे हों , चाहे वो *ऊंची से ऊंची आवाज में इसे ‘भेदभाव’ कहें .* रूसी संस्कृति की अवमानना हमें किसी भी रूप में स्वीकार नही है . हमें यदि एक राष्ट्र के रूप में जीवित रहना है तो हमें अमेरिका, इंग्लैंड, होलैंड और फ्रांस में हुये आतंकी हमलों से सीख लेने की आवश्यकता है .मुसलमान उन देशों का अधिग्रहण कर रहे हैं लेकिन वे रूस के साथ ऐसा नहीं कर पायेंगे .

रूसी रिवाजें एवं परंपरायें का मुकाबला असंस्कारी और आदिम मुस्लिम शरीयत नियमों के साथ नहीं किया जा सकता .

जब भी यह सम्माननीय वैधानिक निकाय नये नियमों के सृजन का विचार करे तो उसे रूस के राष्ट्रीय हितों को प्रथम वरीयता में रखना है, यह ध्यान में रखते हुए कि *मुस्लिम अल्पसंख्यक रूसी नही हैं .*

*रूसी संसद के राजनेताओं ने पुतिन का खड़े होकर 5 मिनटों तक अभिवादन किया .*

*अगर आप इस जानकारी को अपने तक ही सीमित रखते हैं तो आप भी इस समस्या के भागीदार ही माने जायेंगे .*

निवेदन है कि प्राप्त संप्रेषण को अधिक से अधिक लोगों से साझा करें . साभार व्हाट्सएप यूजर।।

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