सर्व कल्याण हेतु श्रीमद् भागवत कथा अत्यंत फलदाई और फलीभूत होती है : पंडित रामकृष्ण शर्मा

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चंडीगढ़ :  कुरुक्षेत्र 1: मार्च आरके विक्रमा शर्मा : सर्व कल्याणकारी श्री मद भागवत कथा का भव्य आयोजन कर्मभूमि कुरुक्षेत्र में जून महीने की 14 तारीख से लेकर 21 तारीख तक होगा!! इस बाबत अधिक जानकारी देते हुए आयोजक और धर्म सेवक पंडित रामकृष्ण शर्मा ने अल्फा न्यूज़ इंडिया को बताया कि मद भागवत कथा के मात्र श्रवण से ही जन्म जन्म के पापों से निजात मिल जाती है। मात्र एक भागवत कथा आयोजन करने पर कई पीढ़ियों का कल्याण हो जाता है।। जन्म मरण की परंपरा टूटती है और श्री हरि चरणों में स्थान मिलता है और पितृपक्ष मोक्ष को प्राप्त होते हैं। इसीलिए सर्व कल्याण हेतु श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कर्मभूमि में स्थित श्री कृष्ण संग्रहालय के सामने श्री गीता धाम में 1 सप्ताह के लिए 14 जून रविवार से शुरू होकर सूर्य ग्रहण 21 जून को समापन होगा ।। उक्त भागवत कथा के समापन का और सूर्यग्रहण के स्नान, तर्पण व दान का यह सुमेल अत्यंत जीवन उपयोगी और सर्व सुख, संपदा, समृद्धि और दीर्घायु सबल स्वास्थ्य प्रदान करने वाला है।

श्रीमद् भागवत कथा का जून महीने में आयोजन किए जाने के पीछे सटीक  और सर्वमान्य तर्क देते हुए पंडित रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि पहला कल्याणकारी तर्क या तथ्य यह है कि इसका समापन करने के साथ सूर्य ग्रहण का पाप हरण कल्याण कारक स्नान करने का कर्मभूमि कुरुक्षेत्र के पवित्र सरोवरों  में सुअवसर मिलेगा।।

दूसरा गृहस्थी लोग, नौकरी पेशा व कृषि और व्यवसाय से जुड़े लोग भी अपने बच्चों की शिक्षालयों की छुट्टियों में सपरिवार कथा श्रवण-लाभ ले सकते हैं! तीसरा आसपास की धर्मशाला में रहने की इन दिनों बखूबी बेहतरीन व्यवस्था व अवसर की बहुतायत रहती है। आयोजकों की  ओर से कथा श्रवण करने वालों को नाश्ता और भंडारा वितरण की भी व्यवस्था की जाएगी।। ताकि हर दर्शक व  श्रवण करने वाला निश्चिंत होकर एकांत चित शांत भाव से कथा का श्रवण करें।

भागवत कथा सप्ताह में जो भी धर्मरत और धर्म के आस्थावान शामिल होना चाहते हैं वह अपने रहने की व्यवस्था के लिए आयोजक पंडित रामकृष्ण शर्मा से मोबाइल नंबर 94173 07196 पर संपर्क कर सकते हैं। और अपना और अपने परिवार के लिए एक कमरा बुक करवा सकते हैं, यह व्यवस्था निशुल्क  है।।

पंडित रामकृष्ण शर्मा गीता धाम के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाते हुए बताया कि ब्रह्मलीन 1008 श्री श्री गीत आनंद जी महाराज ने ही सर्वप्रथम भारत में श्री गीता जयंती का श्री आरंभ किया था जो कि आज समूचे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती की तौर पर मनाई जाती है गीता धाम की तमाम संचालन व्यवस्था माता श्री सुर दर्शन जी महाराज भिक्षु द्वारा की जाती है और गीता धाम में वृद्धों के लिए आश्रम की व्यवस्था भी है जोकि पूर्णतया निशुल्क है और गौशाला है जहां देसी नस्ल की ही गाय बड़ी संख्या में पाली जाती हैं समूचे गीता धाम का संचालन और प्रबंधकीय प्रणाली भक्तजनों के अनन्या सहयोग समर्थन से भी संभव है। पूरे कुरुक्षेत्र में सिर्फ गीता धाम में ही साधु समाज के सैकड़ों साधु जन सवेरे चाय और बिस्किट्स ब्रेड मट्ठी मिष्ठान  आदि और दोपहर को संपूर्ण भोजन ग्रहण करते हैं। भारत के कोने कोने से आने वाले पर्यटकों के लिए कुरुक्षेत्र में गीता धाम के कपाट हमेशा स्वागत के लिए खुले रहते हैं।। हर वक्त यहां धर्म चर्चा व धर्म विचार मंथन से धार्मिक वातावरण बना रहता है इसका लाभ कुरुक्षेत्र वासी और कुरुक्षेत्र में घूमने आने वाले पर्यटक बखूबी ग्रहण करते हैं।।

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