शहीदों को सलाम, मधुबाला इन मेमोरी और हैप्पी वैलेंटाइन डे

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चंडीगढ़ 14 फरवरी आरके विक्रम शर्मा : भारतवर्ष  की सर्वमान्य और सर्व अनुकरणीय संस्कृति और सभ्यता आज अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है हिंदुस्तान की समाजिक और धार्मिक व परिवारिक परंपराओं का समूचा विश्व बेहतरीन ढंग से अनुकरण कर रहा है। वहीं भारतीय पश्चिमी सभ्यता की जूठन चाटने में गौरव और स्वाभिमान समझ रहे हैं भारत आज अपने शहीदों को उनकी शहादत को भूल चुका है यह सिर्फ कागजों की स्याही बनकर रह गए हैं आज ही के दिन बीते वर्ष 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर में पुलवामा में सैनिकों से भरी बस को देशद्रोही आतंकियों ने बम विस्फोट से छलनी कर दिया था। 5 दर्जन से भी ज्यादा वीर नौजवानों ने वीरगति पाई थी आज उनको इस देश की माटी की आन बान शान के लिए कुर्बान हुए पूरे 1 वर्ष हो चुका है कृतज्ञ राष्ट्र अपने वीर सपूतों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। और आज ही के दिन भारत माता की फिरंगीओं से पूर्णतया आजादी के लिए हमारे देशभक्तों ने अपनी जान निछावर करने की अनुपम अनुकरणीय उदाहरण रची थी। शहीद-ए-आजम  राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह सरीखे नौजवानों ने हंसते हंसते फांसी के फंदे चूमे थे। इन फांसी के फंदे को चूमने का दिन 14 फरवरी को ही निर्धारित किया गया था।  आज ही के दिन तीनों शहीदों को फिरंगी हकूमत ने फांसी देने की सजा मुकर्रर की थी। भारत का और कण-कण अपने नौजवान रण बांकुरों को नतमस्तक होकर कृतज्ञतावश श्रद्धासुमन भेंट करते हुए स्मरण कर रहा है। 14 फरवरी को ही बॉलीवुड के रुपहले पर्दे की तत्कालीन रोमांटिक जोड़ी मधुबाला और यूनुस खान उर्फ दिलीप कुमार की प्रेम के रिश्तो को दर्शाने वाली ” संगदिल”फिल्म जो 1952 में बनी थी उस की तस्वीर में मधुबाला की प्यार के सागर में गोते खाती हुई मदहोशी में बंद आंखें खुले होंठ और बेशुमार प्यार की अनुभूति का आनंद लेते हुए मधुबाला का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था मधुबाला और दिलीप कुमार का उस दौरान रोमांटिक सफर पुर जोरों पर था देश अपनी इस बेशुमार हुस्न की मलिका मधुबाला को उनके जन्मदिन पर स्मरण करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि देता है।

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