चंडीगढ़ ; 21 अप्रैल ; आरके शर्मा विक्र्मा ;---- सरकारी राजस्व देशवासियों के खून पसीने की सच्ची सुच्ची कमाई का धन है ! आजकल चुनाव जनता के खून पसीने की कमाई से मलाई कमाने के कथित आधार पर सम्पन्न हो रहे हैं ! सरकारी तंत्र भारी मतदान बढ़ाने के लिए वोटर्स को खूब प्रलोभन दे रही है ! इसके लिए नामचीन आर्थिक सामाजिक बालीबुड आदि आदि हस्तियों की सेवाएं ली जा रही हैं ! ये अलग बात इन सेवाओं के बदले सरकार कितना राजस्व खर्च कर रही ये फुरसत का विषय है ! वोटरों को मतदान केंद्र तक लाने के लिए सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा रही है ! सोशल मीडिया पर खबरें ये भी वायरल हो रही हैं कि जो सरकारी कर्मचारी या गैर सरकारी नागरिक मतदान नहीं करेगा उसपर जुरमाना लगेगा ! ये धन राशि कितनी निर्धारित है ये भी अभी अनिश्चितता के घेरे में है ! यहाँ यक्ष सवाल उठता है कि जब सरकार ने जन बहुपयोगी परियोजनाएं सिरे चढ़ाई है ! हर क्षेत्र में बिना भेदभाव के कार्य किये तो फिर कटोरा लेकर वोट मांगने के पीछे का औचित्य समझ से परे है ! फिर ये मतदान न करने वाले को आर्थिक दंड देना अनुचित है और मंत्री और नेता जोकि एमपी और विधायक चुने गए उनपर भारी जुरमाना करना चाहिए और उनके बैंक खाते भरने वाली आय जो सीधे जनता का धन है की रिकवरी क्यों न सुनिश्चित की जाये ! क्योंकि पांच साल चुने जन प्रतिनिधि ने विकास को गति दी होती विकास की रुपरेखा जनकल्याणकारी बनाई होती तो फिर सरकारी राजस्व का बेड़ागर्क करने की धांधली क्यों देखने को मिल रही है ! यहाँ न्यायपालिका मूकदर्शक बनी हुई है ! कानूनन कारगुजारी के नाम पर न्यायपालिका को भी भ्र्ष्ट सांप सूंघ जाता है !
इस र्मतबा जनता का धन बरसात के पानी की तरह बहाया जा रहा ताकि वोट प्रतिशतता में वृद्धि दर्ज हो सके ! लेकिन परिणाम कागजी कार्यवाही बेशक जो भी रहे सच ये है आशातीत परिणाम का ग्राफ निराशाजनक रहा है ! हर चुनाव की तरह उक्त लोक सभा चुनाव में सत्तारूढ़ सरकारें बनाम पार्टीज सरकारी तंत्र का दुरूपयोग नहीं कर रहे है ऐसा कदापि भी सच नहीं है ! राजनीती को धंधा बनाने वाली फ़ौज का मानना है कि पैसे को पैसा कमाता है ! और नेता नर्क को जाता है ! पर पहले वह देश को ही खा जाता है ये वाक्यात छोटे हैं पर जुमले नहीं हैं ! वोट प्रतिशतता को बढ़ाने की मंशा से कई लाभ देती घोषणाएं की जा रहि हैं ! देवभूमि हिमाचलप्रदेश में उक्त संबंधी हुई पहल सराहनीय है ! ट्राइसिटी के जाने माने आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ जसपालसिंह [भाजपा के सक्रिय सिपहसलार] और ट्राइसिटी प्रेस क्लब और गैर राजनीतक संस्था हिन्द संग्राम परिषद के पदाधिकारियों व् कार्यकर्ताओं सहित समर्थन एनजीओ और संवेदना एनजीओ सहित वार विंडोज के लिए निशुल्क हॉबी क्लासेज वर्कशॉप आयोजित करने वाली अदिति कलाकृति की मास्टर ट्रेनर मोनिका शर्मा आभा ने एकस्वर में मांग की है कि हिमाचल प्रदेश की सरकार की इसी तर्ज पर ट्राइसिटी के चुनाव अधिकारी यहाँ भी चुनाव प्रतिशतता और वोटर तादाद में प्रतिशतता बढ़ोतरी के लिए सराहनीय इनामी घोषणाएं आदि करके वोटरों को आकृष्ट करने वाले बूथ लेवल अफसरों के लिए प्रोत्साहित घोषणाएं करें ! ताकि बीएलओज खूब उत्साह और ईमानदारी से अपनी एरिया वाइज वोट प्रतिशतता बढ़ाने के लिए खूब डट कर कार्य करें ! इस से सरकारी धन को बर्बादी रुकेगी और थोड़े में ज्यादा नफा भी होगा ! बशर्ते की सरकारी ऊपर से नकिहे तक के अधिकारी ईमानदारी की मिसाल बनें !