चंडीगढ़ 14 जनवरी 2025 आरके विक्रमा शर्मा बीरबल शर्मा करण शर्मा — माघी का इतिहास सिख पंथ में खूब आदरणीय स्थान रखता है। श्री मुक्तसर साहिब का पुराना नाम खिदराणा दी ढाब था।इस स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह जी के 40 सिंहों ने हताशा में यह अस्वीकरण लिखकर यहां आये थे। वे 40 सिंह माता भाग कौर जी के नेतृत्व में मुगलों से लड़ते हुए शहीद हो गए। उनकी शहादत से द्रवित प्रभावित होकर गुरू साहिब जी ने उन्हें मुक्ति का वरदान दिया। उन शहीद सिंहों की याद में माघ महीने के संगरांद/ संक्रांति के दिन मेला लगता है। और उन चालीस मुक्तों के नाम पर खिदराना ढाब का नाम मुक्तसर साहिब पड़ा। आज 14 जनवरी के ही दिन मकर संक्रांति पर्व पर सिख पंथ के अनुयाई बड़ी संख्या में यहां मत्था टेकने और लंगर सेवा के लिए आते हैं।
