जिम्मेवार तन्त्र सो रहा,जिंदगियों से खिलवाड़ हो रहा,ट्रस्ट की लैबों में आखिर क्या हो रहा

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जिम्मेवार तन्त्र सो रहा,जिंदगियों से खिलवाड़ हो रहा,ट्रस्ट की लैबों में आखिर क्या हो रहा 

चंडीगढ़ ; सितम्बर ; अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क ; दुनिया भर में पण्डित  जवाहर लाल नेहरू के सपनों के साकार रूप सोहनी सिटी चंडीगढ़ अपनी वास्तुकला शिक्षित अनुपात जनसँख्या विविधता धर्म कर्म खेल साइंस मेलमिलाप और तेजतर्रार पुलिस प्रेस उच्च कोटि की चिकित्सा सर्विसेज का डमरू बजता है ! लेकिन कुछ सूदखोर इसकी बोलती तूती को दांव पर लगा कर इंसानियत के नाम पर अपनी  पाकेट्स भरने में मशगूल रहते हैं !  इंसानियत की सेवा की दुहाई मचाने वाले कुछेक ट्रस्टों द्वारा लैब टेस्टिंग सेंटर्स  मन्दिरों व् गुरुद्वारों सहित अन्य कई धर्म स्थलों में खोले गए हैं ! ताकि धन आभाव में गरीब लाचार मरीज सस्ती और सहजता से अपनी सेहत  सम्बन्धी जाँच समीपवर्ती ट्रस्टों द्वारा स्थापित लैबों में करवा लें ! क्योंकि जीने का अधिकार सब को है स्वस्थ्यलाभ  सबका बुनियादी अधिकार है ! लेकिन कुछेक ट्रस्टों द्वारा स्थापित लैबों के कर्ताधर्ता व् करिंदे क्या क्या वहां अनैतिक कर्मों को अंजाम दे रहे सुनकर भी रौंगटे खड़े हो जाते हैं ! सेक्टर 20 में ट्रिब्यून रोड पर स्थित एक नामवर ट्रस्ट  की मशहूर लैब में इंसानी जिंदगियों के साथ जो घिनौना खेल सेवा की आड़ में खेला जा रहा उससे प्रशासन, पब्लिक हेल्थ और डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज की सक्रियता और मिलीभगत सब कुछ की पोल खुद ब खुद खुली हुई है ! हैरत तो ये कि डायरेक्टर हेल्थ, समाज सेवी धार्मिक संस्थाएं और सम्बन्धित डिपार्टमेंट के अधिकारी किस लोभ के वशीभूत ये सब अमानवीय कुकृत्य करवाये जा रहे हैं और देख सुन कर भी आँखें बन्द किये हुए हैं ! भोलेभाले मरीजों से पैसे ऐंठते हुए उनको लैब रिपोर्ट्स मनमर्जी के हिसाब से थमाने के पीछे की मंशा समझ से पर हैं ! उक्त  लैब से पकड़ी एक रिपोर्ट् में माँ व् बेटे की रिपोर्ट किस के इशारे पर किस को बदनाम करने की  एक सी  बनाई गई समझ से पर है ! उक्त लैब धारकों को एक सरकारी सीनियर डॉक्टर ने  जिम्मेवारी और जवाबदेही के चलते अलर्ट भी किया  पर हर बार चेतावनी तक सुनकर अनसुनी करना सारे  किस्से और डील पर से खुद ही पर्दा उठा देता है ! ये मरीजों की जिंदगियो से खिलवाड़ कब से किस के इशारे पर जारी है ये तो खंगालना डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज,चंडीगढ़ प्रशासन और स्थानीय पुलिस के खास करके ख़ुफ़िया तन्त्र की जवाबदेही का विषय है ! लेकिन इस गैरकानूनी खेल में इस अनैतिकता के हमाम में कौन कौन से उच्च अधिकारी भी चन्द नोटों की खातिर नन्गे हैं पर से पर्दा फाश करने का वक़्त आ गया है ! कितने मजबूर मजलूम मरीजों ने ऐसे घोर लापरवाही भरे सर्टिफिकेट्स के कारण सही उपचार के आभाव में जान से हाथ धोये होंगे खुद खुदा ही जानें !  आखिर जवाबदेह और जिम्मेवार अधिकारी किस के इशारे पर कुंभकर्णी नींद सो रहे हैं शहर में ऐसे कितने फर्जीवाड़े और इंसानियत के ष्ट्रों के लैब रूपी अड्डे हल रहे हैं की कलई खोलने का वक़्त आ गया है ! ऐसी लैबों पर क्या सख्त कानूनी कार्यवाही अंजाम दी जाएगी ये भी पब्लिक की आँखों में धुल झोंकने वाली बात से ज्यादा कुछ नहीं होगी ! हैरत तो ये भी है कि उक्त लैब के काले कारनामों  की पोल खोलने से मीडिया तन्त्र क्यों मुंह फेरे हुए हैं ये भी खुद बखुद में यक्ष प्रश्न है !         

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