चंडीगढ़:- जैसलमेर:- 17 सितंबर:- आरके विक्रमा शर्मा /राजेश पठानिया/ अनिल शारदा/ चंद्रभान सोलंकी:— वीर और देशभक्त मराठों व मारवाडियों राजपूतों की भूमि राजस्थान के जिला जैसलमेर के एक गांव में एक दलित ने एक दुकान के बाहर रखे मटके से पानी क्या पिया, उसको अपनी जान के लाले पड़ गए। उसे गोली मारी गई। भाग कर उसने अपनी जान तो बचा ली है। लेकिन प्रशासन और पुलिस व्यवस्था सहित कानून व्यवस्था यानी कानून के रक्षकों के ऊपर भी एक सवालिया चिंह लगा दिया है।
आज के दौर में दलितों पर हमले संविधान निर्माताओं द्वारा सख्त कानूनों का प्रावधान ना होना दर्शाता है। अगर संविधान में दलितों पर अत्याचार करने वालों को शक्ति से कुचलने का प्रावधान रहता। तो यह नौबत ना आती। सच बात तो यह है कि यह घटना उस प्रांत में घटी है। जहां कांग्रेस आई का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सत्ता पर काबिज है। और कांग्रेस आई की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने दलित समाज के कल्याण और उत्थान के लिए जितने बेहतरीन कानून और सुविधाएं मुहैया करवाई हैं। उतनी तो किसी भी दलित नेता ने नहीं करवाई हैं। और ना ही उतना प्रयास कर पाए हैं।
दलित युवक ने समाज के आम वर्ग के मनोहर सिंह की दुकान के बाहर पड़े घड़े से प्यास बुझाने के लिए पानी पी लिया। वहां दुकान के पास ही 8 लोग सार्वजनिक रुप में ही शराब पी रहे थे। उनकी जाति विशेष के मटके से पानी क्यों पीने के लिए गालियां दी गईं। युवक पर गोली दाग दी गई। और उसके सर में सरिया मारकर उसकी हत्या करने का प्रयास किया गया। युवक ने भागकर जान बचाई। पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने आकर मामला दर्ज करके युवक का उपचार करवाया। अगली कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने किन किन धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। इस सारी जानकारी की खबर लिखे जाने तक प्रतीक्षा है। युवक की जान खतरे से बाहर है।
लेकिन समाज के दोनों वर्गों में तनाव व्याप्त है। मिली जानकारी मुताबिक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। लेकिन जहां जहां खबर फैल रही है। वहां के दलित समाजों में आग बबूला होना और आवाज उठाना स्वभाविक है।।। पुलिस भी इस मामले में बारीकी से जांच में जुटी है कि अगर युवक को प्यास लगी थी। तो उसने बिना पूछे वहां की व्यवस्था की जानकारी होते हुए भी उसी मटके से पानी क्यों पिया। क्या वहां आसपास सार्वजनिक नल नहीं था। यह भी जांच की जाएगी कि कहीं दलित युवक ने सामान्य वर्ग के युवकों को ऐसी हरकत करके उकसाया तो नहीं है।।