जसलीन में लीन हुए जलोटा, मठारू की चढ़ती जवानी, अनूप उम्र के दिन मांगे मोर
चंडीगढ़ /मुंबई ; 28 सितम्बर ;– आरके शर्मा विक्रमा /अरुण कौशिक ;— ये इश्क जब जुनुन बनता है तो तख्ते ताउस सब तुच्छ लगते हैं और काले रंग की लैला में भी मजनू को हुश्न का दमकता दीया दिखाई देता है ! ये कब राजा को आशिकी में रंक बनाये ये तो खुदा खैर करें ! आज कल एक नहीं अनेकों जोड़ियां बड़े विचित्र कलाम मशगूल हैं ! कहीं कश्मीर के कामरान कमसिन हसीना के साथ ये रात फिर नसीब हो न हो गुनगुना रहे हैं तो कहीं डायरेक्टर साहब लड़खड़ाती उम्र की ढालनें फिसलती हसरतों को रिहा चक्रवर्ती के नाजुक कंधों पर बोझ बना रहे हैं ! भजन सम्राट के भजन सुन सुन भगवान तो उन पर मेहरबां हुए ही साथ ही हुस्नों की हंसिका जस्मीन कब 65 साल के अनूप में अपना हमसफ़र खोज बैठी किसी को भी खबर तो दूर भनक तक न लगी !
जलोटा जी जिंदगी के दिनों का लोटा लिए हुस्न की लबालब भरी नदिया किनारे न जाने किस आस के सहारे आ बैठे हैं ! अनूप जलोटा जस्मीन की “बेदाग चुनरिया” को अपने इश्क का रंग रंगने में आजकल तल्लीन हैं ! हैरत तो ये कि अनूप जलोटा पर इस उम्र में ये क्या रंग चढ़ रहा है ! और जस्मीन भी जलोटा को बाँहों में कस्ते हुए अधरों पर पिया ऐसी रंग दे चुनरिया बोल गुनगुनाती थकती नहीं है !
जलोटा जी की तो जवानी हवा हो चूकी है पर जस्मिन की जवानी तो गर्मागर्म बसंत बहारों की हवा को लांघते हुए भरे यौवन का तूफान बनी हुई है ! इसमें क्तिने उड़े और उड़ेंगे ये तो जस्मीन भीं हिसाब नहीं रख सकती !