धान के खेतों मे बड़ रहा है भूरा तेला व सफेद पीठ वाले तेले का प्रकोप : डा. बलबीर सिंह

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धान के खेतों मे बड़ रहा है भूरा तेला व सफेद पीठ वाले तेले का प्रकोप : डा. बलबीर सिंह 
 
सही समय पर कीटनाशकों का प्रयोग करके पाई जा सकती है  बीमारियों से निजात
चंडीगढ़/बाबैन :  20 सितम्बर : आरके विक्रमा शर्मा /राकेश शर्मा :— कृषि विभाग कुरूक्षेत्र के सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डा. बलबीर सिंह भान द्वारा कई गांवों का दौरा किया व किसानों को पत्ती व पौधा का तेला की पहचान व रोकथाम के बारे मे विस्तार से जानकारी दी। पौधा संरक्षण अधिकारी बलबीर सिंह भान नें बाबैन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया की जिला कुरूक्षेत्र के कई गांवों में धान के खेत का  निरीक्षण के दौरान  खेतों में भूरा तेला व सफेद पीठ वाले तेले का आक्रमण पाया गया। उन्होंने बताया कि आज कल जो मौसम चल रहा है वह इस कीट की बढ़ौतरी के लिए अनुकूल है। उन्होंने बताया कि इस कीट के शिशु पौधों का रस चूसतें है। पत्तों को तेला पत्तों का रस चुसता है जबकि पौधों का तेला तनें के निचले भाग से रस चुसता है इस पर आक्रमण गोलाकार टुकडिय़ों में शुरू होता है जोकि धीरे-घीरे बढ़ता है। उन्होंने बताया कि हमें इसकी रोकथाम के लिए 10 किलोग्राम काब्रेरिल 5 प्रतिशत का धूड़ा या मिथाईल पैराथियान का प्रति एकड़ धूड़ा करें या 250 मि. ली ड़ाइकलोरवास 76 ई.सी को 1.5 लिटर पानी में मिला ले और इस घोल को 20 किलोग्राम रेत मे मिला कर प्रति एकड़ फसल मे खड़े पानी में बिखेर दें। उन्होंने पत्रकारों को बातचीत करते हुए बताया कि उप कृषि निदेशक कुरुक्षेत्र डा. कर्म चन्द ने कृषि विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए की वें फील्ड़़ में जाकर किसानों को कीटों व बिमारियों की रोकथाम के बारें मे जागृत करें। 

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