मृतक की दूसरी पत्नी के पुत्र को है अधिकार अनुकंपा नियुक्ति का

Loading

चंडीगढ़:-25 फरवरी:- राजेश पठानिया/अनिल शारदा प्रस्तुति:—  सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति अनुच्छेद 16 के तहत संवैधानिक गारंटी का अपवाद है, लेकिन अनुकंपा नियुक्ति की नीति संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के अनुरूप होनी चाहिए। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस पीएस नरसिंह की पीठ ने 18 जनवरी 2018 के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया। और कहा कि मुकेश कुमार की अनुकंपा नियुक्ति पर योजना के तहत केवल इसलिए विचार करने से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि वह दूसरी पत्नी का बेटा है। और रेलवे की मौजूदा नीति के अनुसार उसके मामले पर विचार करने का निर्देश दिया जाता है।

पीठ ने कहा, ‘अधिकारियों को यह परखने का अधिकार होगा कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन कानून के अनुसार अन्य सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं। आवेदन पर विचार करने की प्रक्रिया आज से तीन महीने की अवधि के भीतर पूरी कर ली जाएगी।’

इसने कहा, ‘कानून के आधार वाली अनुकंपा नियुक्ति की नीति में वंशानुक्रम सहित अनुच्छेद 16(2) में वर्णित किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस संबंध में, ‘वंश’ को किसी व्यक्ति के पारिवारिक मूल को शामिल करने के लिए समझा जाना चाहिए।’

शीर्ष अदालत ने मामले के इन तथ्यों का उल्लेख किया कि जगदीश हरिजन 16 नवंबर, 1977 को नियुक्त भारतीय रेलवे का कर्मचारी था। और अपने जीवनकाल में उसकी दो पत्नियां थीं।

गायत्री देवी उसकी पहली पत्नी थी। और कोनिका देवी दूसरी पत्नी थी। तथा याचिकाकर्ता मुकेश कुमार दूसरी पत्नी से पैदा हुआ पुत्र है।

हरिजन की 24 फरवरी 2014 को सेवा में रहते मृत्यु हो गई थी। और उसके तुरंत बाद गायत्री देवी ने 17 मई 2014 को एक अभ्यावेदन देकर अपने सौतेले बेटे मुकेश कुमार को योजना के तहत अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने की मांग की। केंद्र ने 24 जून 2014 को अभ्यावेदन खारिज कर दिया। और कहा कि कुमार दूसरी पत्नी का बेटा होने के नाते ऐसी नियुक्ति का हकदार नहीं है।

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण और पटना हाई कोर्ट में दायर याचिकाएं भी बाद में खारिज हो गईं। इसके बाद मामला शीर्ष अदालत तक पहुंचा।मामले में अधिवक्ता मनीष कुमार सरन ने याचिकाकर्ता की ओर से और अधिवक्ता मीरा पटेल ने केंद्र की ओर से दलीलें रखीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

160264

+

Visitors