_पंचमी का शुभ संयोग, जानिए कैसे करें पूजा, शुभ मुहूर्त:–पंडित कृष्ण जी मेहता

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चंडीगढ़: 10 अक्टूबर:-आरके विक्रमा शर्मा+करण शर्मा+ अनिल शारदा प्रस्तुति:—-इस बार शारदीय नवरात्रि 9 के बजाय 8 दिनों की है। अर्थात 7 अक्टूबर से नवरात्रि प्रारंभ होगी और 15 को नवरात्रि का समापन हो जाएगा। इस बार तिथि तो नौ ही रहेगी लेकिन दिन 8 रहेंगे, क्योंकि इस बार चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही दिन है।_*

🌸 *_1. देवी :चतुर्थी पर मां कूष्मांड और पंचमी पर मां स्कंदमाता की पूजा होगी।_*
*_2. तिथि : शुक्ल पक्ष चतुर्थी ( क्षय तिथि ) 09 अक्टूबर को 07:49 AM से 10 अक्टूबर 04:55 PM तक रहेगी। तब पंचमी तिथि पंचमी तिथि 10 अक्टूबर को 04:55 AM से 11 अक्टूबर 02:14 AM तक रहेगी।_*

⚛️ *_शुभ मुहूर्त :_*

✡️ *_पंचमी शुभ मुहूर्त:- अभिजीत मुहूर्त– 11:50 AM से 12:37 PM, अमृत काल– 04:47 AM से 06:16 AM, ब्रह्म मुहूर्त– 04:49 AM से 05:37 AM तक रहेगा।_*

✍🏼 *_कैसे करें पूजा :_*

🤷🏻‍♀️ *_1. पूजन में शुद्धता व सात्विकता का विशेष महत्व है, इस दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत हो भगवान का स्मरण करते हुए भक्त व्रत एवं उपवास का पालन करते हुए भगवान का भजन व पूजन करते हैं।_*

👉🏼 *_2. नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद अपने ईष्ट देवी मूर्ति या चि‍त्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें। मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें।_*

🤷🏻‍♀️ *_3. पूजन में देवताओं के सामने धूप, दीप अवश्य जलाना चाहिए। देवी के लिए जलाए गए दीपक को स्वयं कभी नहीं बुझाना चाहिए।_*

👉🏼 *_4. फिर देवी के मस्तक पर हलदी कुंकू, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं। फिर उनकी आरती उतारें। पूजन में अनामिका अंगुली (छोटी उंगली के पास वाली यानी रिंग फिंगर) से गंध (चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी) लगाना चाहिए।_*

🤷🏻‍♀️ *_5. पूजा करने के बाद प्रसाद या नैवेद्य (भोग) चढ़ाएं। ध्यान रखें कि नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है। प्रत्येक पकवान पर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है।_*

👉🏼 *_6. अंत में उनकी आरती करके नैवेद्य चढ़ाकर पूजा का समापन किया जाता है।_*

🤷🏻‍♀️ *_7. घर में या मंदिर में जब भी कोई विशेष पूजा करें तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन भी किया जाता। लेकिन विस्तृत पूजा तो पंडित ही करता है अत: आप ऑनलाइन भी किसी पंडित की मदद से विशेष पूजा कर सकते हैं। विशेष पूजन पंडित की मदद से ही करवाने चाहिए, ताकि पूजा विधिवत हो सके।_*

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