*देश में क्या चल रहा है?*फिर भी हजार गुस्ताखियां हैं माफ

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चंडीगढ़ 7 सितंबर आर के विक्रम शर्मा करण शर्मा प्रस्तुति:—– देशवासी या सही मायने में मतदाता जब भी अपने चुने हुए आकाओं की अकड़ परास्ती  के आगे गौण हो जाते हैं। तो वह नया नेता चुनते हैं नई उम्मीदों का महल खड़ा करते हैं और जीवन की नई डगर खोजते हैं लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात।।

*सिर्फ पेट्रोल-डीजल ही महंगा नहीं हुआ*

*2014 के पहले:-

 

*पूरे देश में सबसे महंगी बिजली उत्तर प्रदेश में मिल रही है*

 

सीमेंट की कीमत 195 रुपये थी

*अब 410 रुपए*

 

स्टील की कीमत 3600 रुपये होगी,

*अब 6500 रुपए*

 

रेत थी 1500 रुपए की ट्राली,

*आज 6000 रुपए की ट्रॉली*

 

मोटरसाइकिल की कीमत 50,000 रुपये थी।

*अब 90,000 रु.*

 

मेडिक्लेम बीमा 1049 रुपये प्रति 1 लाख था,

*अब रु.4100*

 

डिश रीचार्ज 110 रुपए था,

*अब 450 रुपए*

 

350 रुपये का था गैस सिलेंडर,

*अब 880 रु*

 

गैस सब्सिडी 250 रुपये थी,

*अब 0 जीरो*

 

यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए अधिकतम 100 रुपये,

*अब रु.10000*

 

*60 साल में अकेले देश का था 55000 करोड़ का कर्ज,*

अब 1 लाख 8000 करोड़ है

 

*ड्राईविंग लाईसेन्स 250 मे बनता था*

अब 5500 मे बनता है।

 

*घरेलू असलहा का रिन्यूल 1000 में होता था*

अब 6000 में होता है

 

*27 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से ऊपर थे,*

अब 35 करोड़ परिवार गरीबी रेखा के नीचे जा चुके हैं

 

*रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट 5 रुपये,*

अब प्लेटफार्म टिकट50 रु*

 

*मिट्टी का तेल 20 रुपये प्रति लीटर,*

अब 60 रुपए प्रति लीटर और मिलना भी बन्द हो गया है

 

मोबाइल इनकमिंग फ्री था

अब इनकमिंग जारी रखने के लिए 49 रूपये प्रतिमाह देना पड़ता है

 

ATM से पैसे निकालने का चार्ज Rs.0 था

अब 3 बार से ज्यादा निकालने पर हर बार 105 रुपये

 

देश पर 2.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था।

अब 25 लाख करोड़

 

सकल घरेलू उत्पाद प्लस 11% था

अब माइनस 24%

 

बेरोजगारी दर 2% थी,

अब 14% से भी ज्यादा है

 

7 साल बीत चुके हैं, निम्नलिखित से क्या हुआ

 

1) कोई बड़ा अस्पताल नहीं बनाया गया।

2) न वाड्रा को जेल भेजा गया।

3) न ही हम विश्वगुरु बन पाये।

4) न 15 लाख प्राप्त हुए।

5) कोई काला धन वापस नहीं आया।

6) न दाऊद, नीरव मोदी, मेहूल चौकसी और विजय माल्या या किसी एक बैंक भगौड़े को पकड़ कर भारत वापस लाया गया।

7) 7 साल मे कोई रोजगार नहीं।

8) न गंगा मईया स्वच्छ हो पायी।

9) महिलाओं पर हो रहे अत्याचार नहीं रुके।

10) कोई स्मार्ट सिटी नहीं मिला।

11) कोई बुलेट ट्रेन नहीं चली।

12) कोई आतंकवादी गतिविधी या घटना नहीं रुका

13) कोई मुद्रास्फीति कम नहीं हुई।

14) कोई पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं हुआ।

15) किसी किसान को सही कीमत नहीं मिली।

16) कोई कश्मीरी पंडित घर नहीं लौटा

17) न स्टार्टअप इंडिया।

18) न मेक इन इंडिया।

19) न स्किल इंडिया।

न डिजिटल इंडिया।

21) कोई अच्छे दिन नहीं आए।

22) साहब की लाल आँखो से ना चीन घबराया।

23) कोई डॉलर का दाम नहीं गिरा।

२4) कोई गरीब को आरक्षण प्राप्त नहीं हुआ।

25) सीमा पर जवानो की शहादत कम नहीं हो सकी।

अल्फा न्यूज़ इंडिया के लाखों देशभक्त पाठकों ने हमारे माध्यम से अपने जज्बात राष्ट्र के नाम सांझे किए हैं। समूचा राष्ट्र अब तो सीमा पर जवानों की शहादत को कम होना नहीं देखना चाहता है। बल्कि राष्ट्र अब सीमा पर किसी भी जवान की शहादत नहीं देखना चाहता है अगर वास्तव में दुश्मन मूर्खों में दहशत है। तो यह दहशत दिखाई देनी चाहिए। यह सच बात है कि यह दहशत नहीं बल्कि देश प्रेम और जवानों के प्राणों के प्रति समूचे राष्ट्र का दायित्व झलकता है। जम्मू कश्मीर में जहां अब जवानों को कोई भी रोक कर थप्पड़ मारना तो दूर सोच तक भी नहीं सकता है। जवानों पर पत्थर फेंकना तो दूर जवानों की ओर तिरछी नजर से देखना भी अब नामुमकिन कर दिया गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस साहसिक कार्य और सरदार पटेल लाल बहादुर शास्त्री नेताजी सुभाष चंद्र बोस चंद्रशेखर आजाद भक्त राज सुखदेव जैसे असंख्य देशभक्तों की परिपाटी का अनुसरण साहसिक है। वंदनीय है। सराहनीय है। आज हमारा राष्ट्र पहले की तरह ही निडर नींद सोता है। लेकिन अब आज हमारा जवान सरहद पर जोश आत्मसम्मान के साथ अपने कर्तव्य को निभा रहा है। सेना के प्रति किए गए इन कार्यों के आगे हजार गुस्ताखी माफ हैं। चाहे वह देश का दुश्मन है। यह देश भक्त जय हिंद जय भारत।।

 

स्वघोषित पहरेदार के द्वारा 18-18 घंटे काम करने के बाद हक़ीक़त में क्या हुआ

 

जय हिंद

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