अराजकता व आपसी वैर भाव होगा खत्म —- कैलाश चंद जैन*

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चंडीगढ़ 1 सितम्बर :- आरके शर्मा विक्रमा करण शर्मा:—भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता एवं जैन समाज के अग्रणी नेता कैलाश चंद जैन ने प्रधानमंत्री से अंतरराष्ट्रीय योग की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय क्षमावाणी दिवस घोषित किए जाने की मांग की है तथा कहा है कि क्षमावाणी दिवस विश्व में शांति स्थापित करने में सहायक होगा व दुनिया में फैल रही अराजकता और आपसी भेदभाव खत्म करने के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कैलाश चन्द जैन ने कहा है कि जैन धर्म में प्रचलित क्षमावाणी पर्व पर हम पूरे साल में अपने द्वारा की गई गलतियों के लिए क्षमा मांगते है और दूसरों की गलतियों को माफ करके वैर भाव खत्म कर देते है। मिच्छामि दुक्डम एक ऐसा शब्द है जिसको अगर दिल से अपना लिया जाए तो बड़े से बड़े विवाद समाप्त हो सकते है।

प्रधानमंत्री ने तो स्वयं ही संसद में मिच्छामी दुक्कड़म कह कर सभी सांसदों से किसी भी तरह की हुई भूल के लिए क्षमा मांगी है।

कैलाश जैन का कहना है कि आज के समय आतंकवाद मानवता के लिए घोर खतरा बना हुआ है। आज पूरे विश्व में अराजकता का माहौल है, तथा विश्व में कई आतंकी संगठनों ने लोगों की शांति एवं चैन को प्रभावित किया है। ,पूरा जनमानस इन से बुरी तरह प्रभावित है। असामाजिक तत्व पूरी मानवता के लिए खतरा बन चुके है आपसी वैर भाव बढ़ता जा रहा है । भाई का भाई से, पड़ोसी का पड़ोसी से वैर हर जगह एक दूसरे से वैर भाव – क्षमा कहीं नही।

इस वैर भाव को केवल अपनी गलतियों की क्षमा मांग कर ऒर एक दूसरे को क्षमा करने से ही खत्म किया जा सकता है।

क्षमावाणी ही एक ऐसा पर्व है जिससे आपसी मतभेद , वैमनस्यता और मनमुटाव को  मिटा कर शांति स्थापित करने का मार्ग मिल सकता है। यह आपसी सद्भावना स्थापित करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। जरूरत है इस क्षमावाणी पर्व के महत्व को समझने की। कोई भी व्यक्ति, समाज , धर्म, देश ऐसा नहीं होगा ,जो क्षमावाणी (FORGIVENESS DAY) के महत्व को समझते हुए इसे स्वीकार न करे।

कैलाश जैन ने प्रधानमंत्री से इस विषय पर गम्भीरता से विचार कर क्षमावाणी पर्व को को राष्ट्रीय क्षमावाणी दिवस घोषित करने की मांग की है।

कैलाश जैन का कहना है कि जिस तरह योग को विश्व योग दिवस  के रूप में पूर्ण संसार में मनाने की प्रेरणा दी है ,उसी तरह क्षमावाणी पर्व को भी मान्यता देकर पहले भारतवर्ष में लागू करे और ततपश्चात पूरे विश्व मे सभी देशों में स्वेच्छा से स्वीकृति के लिए प्रेरित करें । सारा विश्व क्षमावाणी पर्व अधिकृत रूप से मनाएगा तो दुनियाभर की बहुत सी समस्याओं का समाधन होगा और आतंकवाद पर भी अंकुश लगेगा। अंतराष्ट्रीय क्षमावाणी दिवस मनाया जा सकता है ।

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