खुली लूट व कालाबाजारी का जाल एक साज़िश का ही अहम हिस्सा !!!!!

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चंडीगढ़:- 29 मई :- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:- आई एम ए द्वारा योगऋषि बाबा रामदेवजी को 1000 करोड़ का नोटिस जारी करने पर रोष व्यक्त करते हुए रामादल अध्यक्ष पण्डित कल्किराम ने कहा कि पूरे कोरोना संक्रमण काल में IMA की भूमिका बहुत संदिग्ध रही है।

सबसे पहले मास्क लगाने के लिए ऊंचे दामो पर बिकने वाले मास्क N95 के फायदे बताकर जनमानस को गुमराह किया,

फिर कहा ये प्रभावी नहीं।

 

फिर हैड्रॉक्सिक्लोरिक्विन की धूम मचाई अब उसका कोई नामलेवा भी नहीं बचा।

फिर प्लाज्मा थेरेपी का शोर मचाया गया।लोग उसके जुगाड़ में हलकान होते रहे।

फिर कहा कि ये भी प्रभावी नहीं।

 

स्टेरॉयड थेरेपी को बहुत असरदार कहा अब कह रहे कि नहीं,ये ब्लैक फंगस का कारण है।

 

रेमडीसीवीर का हव्वा उड़ाकर जनमानस को जमकर लूटा लोग उसके लिए जमीन आसमान एक करते रहे……फिर कहा-हर केस में प्रभावी नहीं।

 

वैक्सीन के डोजों का अंतराल भी मख़ौल हो गया।

 

मरीज जिए या मरे,बिल फाड़ेंगे पाँच छह लाख का दूसरी तरफ 400 रुपये के मासिक खर्च वाले कोरोनिल, 20 रुपए के काढ़े और 10 रुपए की अमृतधारा को हर दिन कठघरे में खड़ाकर षडयन्त्र रचा जाता है ।

 

जबकि IMA ने आजतक यह नही बताया कि IMA की प्रयोगशाला कहां पर स्थित है।

 

दूसरा 99% बैक्टीरिया फ्री घोषित करने में IMA ने कौनसी प्रक्रिया अपनाई है।

अपने अब तक के शोधों को उन्होंने किस जर्नल में प्रकाशित किया है, IMA को इस तरह के प्रमाणपत्र/अनुशंसापत्र बांटने हेतु किसने अधिकृत किया है।

अपने कुकर्मों को नजरअंदाज कर IMA के दो पदाधिकारियों का बयान जिसने सबसे ज्यादा आहत किया है:-

 

1…कोरोना जीसस की वजह से खत्म हो रहा है : जयालाल (IMA प्रेसिडेंट)

(धर्मांतरण कराने का कुचक्र)जबकि कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश भी वही हैं।

भारत के सभी मठ मन्दिरों सहित सनातन समाज के करोड़ो भाई बहन वातावरण की शुद्धिकरण के लिए नित्य अपने-अपने घरों में यज्ञ-हवन कर रहे हैं लेकिन कोई इसका श्रेय नही ले रहा है।

 

2. कोरोना वायरस के सुपर स्प्रेडर खुद मोदी जी ही हैं : डॉक्टर नवज्योत दहिया (IMA वाइस प्रेसिडेंट) जबकि कोविड को लेकर माननीय प्रधानमन्त्री के प्रयासों को दुनियाभर ने सराहा और उन्ही के पदचिन्हों पर चलकर लोग कोरोना से मुक्त हो रहे हैं ।

 

मोदीजी को लेकर भ्रामकता फैलाने का षडयन्त्र अक्षम्य है।

 

सबसे बड़ी बात तो यह है कि IMA कोई वैधानिक संस्था नही अपितु सन 1928 में ईसाईयों द्वारा बनाया गया एक मामूली NGO है जो लगातार देश के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कर रहा है,

 

कोरोना काल मे भ्रामक तथ्यों को प्रसारित कर भारतीय जनमानस का शोषण करने में इस संगठन ने कोई कसर नही छोड़ी पोल न खुलने पाये इसके लिए बाबा रामदेव को 1000करोड़ का नोटिस जारी कर दिया।

 

बाबा रामदेवजी के योग का प्रचार प्रसार करने से कोरोना संकटकाल में करोड़ो लोगों को आत्मबल प्रदान करते हुए स्वास्थ्य लाभ दिया आज भी करोड़ो लोग अपने-अपने घरो मे रखकर सुबह टेलीविजन के माध्यम से योगाभ्यास करते हैं।

 

IMA के पदाधिकारियों को उपरोक्त सभी तथ्यों को आधार बनाकर रामादल ट्रस्ट के अधिकृत उच्च न्यायालय खण्ड पीठ लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री डी॰सी॰त्रिपाठी,उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता श्री एस॰के॰पाण्डेयजी द्वारा आगामी 24 घण्टे में 10,000 करोड़ का लीगल नोटिस जारी किया जायेगा जिसका लिखित जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जायेगा।जवाब न दिये जाने पर दर्ज कराया जायेगा मुकदमा।

 

 

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