हमारे हरियाणा की आबादी जितने हैं सरकारी कर्मचारी, पर सच तो जानों

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चंडीगढ़ 22 मई:- आर के शर्मा विक्रमा+ करण शर्मा:– कहते हैं कि 32 पठारों के बीच यह 4-6 ऊंगली भर मलाईदार जीभ अगर कहीं फिसल जाए तो ना जाने कितनी जिंदगियां को निपटा डालती है। लेकिन जब आका भी अपना इलाका भी अपना तो डाका भी अपना। जी हां सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक टीवी क्लिप में हरियाणा प्रांत के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकारी कर्मचारियों की गिनती को लेकर बुरी तरह दुविधाधार होते देखे व सुने जा रहे हैं। सीएम खट्टर साहब के मुताबिक प्रांत की जनसंख्या और सरकारी कर्मचारियों की संख्या एक बराबर ही है। हरियाणा की कुल जनसंख्या दो करोड़ 53 लाख है। लेकिन खट्टर साहब के मुताबिक इस प्रांत के सरकारी कर्मचारियों की जनसंख्या दो करोड़ 75 लाख है। यह तो जुबान है किसी की भी फिसल सकती है। चाहे फिर वह प्रांत का मुख्यमंत्री हो, या फिर कोई मास्टर जी।

लेकिन यह भी कड़वा सच है कि छोटो की तो बात ही छोड़िए अगर कोई बड़ा भी बड़े कद का इंसान भी गिरता है तो उनक गुलामो तक की हंसी छूटे बिना नहीं रह सकती है उसी तरह सीएम खट्टर के आंकड़ों के आपस में उसने भर की देर थी कि चटखारे लेने वालों को एक और मौका हाथ लग गया है। इन चटखारे लेने वाले रसियों की मानें, तो प्रांत के सीएम खट्टर कुछ भी बोल सकते हैं। बिना मीठा और नमकीन स्वाद जाने हुए। खट्टर को हर चीज खटाई में डालने की आदत भी है। और हर चीज को खट्टा करने में भी उनका कोई जोड़ नहीं है। किसी की जुबान पकड़ी नहीं जा सकती है। कोई राग अलाप रहा है कि मैं चाहे हरियाणा की जनसंख्या कम करुं। या सरकारी कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दूं, मेरी मर्जी— मेरी मर्जी।

लेकिन हजारों साल पुराने शास्त्र इस चीज की गवाही देते हैं कि जुबान फिसलने भर से महाभारत का एक ऐसा महा युद्ध हुआ था। जिसमें उस दौर में जीने वाला कोई भी इंसान किसी भी तरह से नहीं बचा था। हमें हर चीज हर शब्द सोच कर बोलना चाहिए। हो सके तो कटु या नकारात्मक शब्दों को अगले पल के लिए छोड़ देना चाहिए। यह बहुत ही ध्यान देने योग्य सुझाव है कि जिसकी जीभ कंट्रोल में है नियंत्रण में है उसका अपना शरीर भी नियंत्रण में है। और बाहर का तमाम समाज भी उसके नियंत्रण में है। साभार फोटो।

 

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