चंडीगढ़/ मुंबई:-13 अगस्त:– अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क/ अरुण कौशिक प्रस्तुति:—–#सुशांत_सिंह_राजपूत_केस
#मुंबई_पुलिस_Vs_बिहार_पुलिस
स्वयं को ब्रह्माण्ड की सबसे बेस्ट पुलिस कहने वाली
मुम्बई पुलिस को बिहार पुलिस ने जेम्स बॉन्ड स्टाइल में कैसे गच्चा दिया…
शुरू में मुम्बई पुलिस सहयोग नहीं कर रही थी
पर डायरेक्ट अड़ंगा भी नही लगा रही थी
जैसे ही बिहार पुलिस दिशा सालियान केस की तरफ मुड़ी
मुम्बई पुलिस व उसके आका ठाकरे के कान खड़े हो गए
क्योंकि दिशा केस में हाथ डालने का मतलब
बेबी पेंग्विन का फसना तय है
बिहार पुलिस जैसे ही दिशा केस की फाइल लेने पुलिस स्टेशन पहुची
ठाकरे का फोन आया और पुलिस ने फाइल देने से मना कर दिया
ठीक इसी दिन आईपीएस विनय तिवारी मुम्बई पहुचते हैं और इंक़वारी शुरू करते है…
इंक्वायरी शुरू करने से पहले
उन्होंने पहले से किये अनुरोध के आधार पर आईपीएस मेस की मांग की
तो मांग पर बहाना बनाया जाने लगा
इसकी सूचना विनय तिवारी ने एसएसपी पटना को दी
एसएसपी पटना ने डीसीपी बांद्रा को लगभग 10 बार फोन किया
पर डीसीपी बांद्रा ने रेस्पांड नही किया
क्योंकि मुम्बई पुलिस को लग गया था
कि बिहार पुलिस हर हाल में ठाकरे तक पहुच जाएगी
इसी दौरान एसएसपी पटना ने डीजीपी बिहार को खबर दी
उन्होंने ने डीजीपी महाराष्ट्र को सम्पर्क किया
पर कोई रेस्पॉन्स नही मिला
फिर डीजीपी के आग्रह पर
गृह सचिव बिहार ने गृह सचिव महाराष्ट्र को सम्पर्क किया
पर कोई जबाब नही मिला
इसी दौरान विनय तिवारी ने अपने किसी दोस्त के घर बैठकर वीडियो कॉल के जरिये पूछताछ शुरू कर दी
इसकी भनक मुम्बई पुलिस को लग गयी
तभी डीसीपी मुम्बई ने एसएसपी पटना को सम्पर्क किया और मीटिंग में होने का बहाना कर फेथ में लेते हुए एसएसपी पटना से ये कहते हुए विनय तिवारी का लोकेशन ले लिया
कि वो आईपीएस मेस में जगह दिला देंगे
और लोकेशन मिलते ही विनय तिवारी को
होम कोरोनटाइन के नाम पर
हाउस अरेस्ट कर लिया गया
अब मुम्बई पुलिस का अगला निशाना 4 पुलिस अफसरों की टीम थी
उनका मोबाइल लोकेशन ट्रेस किया जाने लगा
इधर विनय तिवारी के हाउस अरेस्ट होते ही
बिहार पुलिस हरकत में आई
और मुम्बई में स्थित अपने 4 अफसरों का मोबाइल लोकेशन चेंज कर दिया
हर मिनट चेंज होने वाली फ्रिक्वेंशी पर चारो के मोबाइल सेट कर दिए गए
मुम्बई पुलिस लगातार लोकेशन ट्रेस करती रही
पर बिहार पुलिस के अफसरों के मोबाइल लोकेशन ट्रेस नही कर पाई
मुम्बई पुलिस इन्हें भी हाउस अरेस्ट कर
इनके द्वारा जुटाए एविडेन्स नष्ट करना चाहती थी
पर खुद को दुनिया की सबसे अच्छी पुलिस मानने वाली मुम्बई पुलिस को
टेक्नोलॉजिकल शह मात के खेल में बिहार पुलिस ने गच्चा दे दिया
होता ये था कि मुम्बई पुलिस को बिहार पुलिस का लोकेशन दिखता था दादर में पर वो होते बांद्रा में थे
इसके बाद मुम्बई पुलिस ने रोड पर
और सम्भावित अभियुक्तों के ठिकानों पर चौकसी बढ़ा दी
अब चुकी बिहार पुलिस के इन 4 अफसरों की पहचान मीडिया में उजागर हो गयी थी
इसलिए इनका सार्वजनिक रूप से इन्वेस्टिगेशन करना मुश्किल हो गया था
अब इसी टाइम से शुरू हुआ
बिहार के डीजीपी श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय का गेम प्लान
वास्तव में 4 अफसर जो पहले गए थे
उनके जाने के बाद और विनय तिवारी के मुम्बई लैंड करने के 3 दिन पहले
बिहार पुलिस के 5 और जांबाज ऑफिसर मुम्बई पहुच अंडरकवर इन्वेस्टिगेशन शुरू कर चुके थे
बिहार पुलिस का प्लान था
कि शुरू के 4 ऑफिसर मीडिया हाइप के साथ भेजो जिससे कि सबका ध्यान उन्ही 4 पर रहे
फिर पीछे से उन 5 को गुप्त तरीके से भेजा गया
जो वहां पहुंचते ही अपने मिशन को अंजाम देने में लग गए
अब मुम्बई पुलिस समझ नही पा रही थी
कि 4 ऑफिसर बाहर नहीं निकल रहे
विनय तिवारी को कोरोनटाइन कर दिया
फिर भी बिहार पुलिस का इन्वेस्टिगेशन कैसे चालू है !!
होता यूं था
कि जिससे-जिससे पूछताछ करनी थी
या जिस-जिस जगह पर जाना था
उस-उस जगह पर ये बाद में गुप्त रूप से गए 5 ऑफिसर छद्दम भेष में जाते थे
और सारी जानकारी इकट्ठा करते थे
जिनकी गवाही लेनी थी
उनका वही से विडीयो काल पर विनय तिवारी से बात करवाते थे
और उसी बातचीत में विनय तिवारी पूछताछ कर लेते थे
ये सिलसिला लगातार चल रहा था
पर मुम्बई पुलिस समझ नही पा रही थी
इसी बीच बिहार के जो 4 ऑफिसर शुरू में गए थे
बिहार लौटने के लिए एयरपोर्ट पहुचते है
क्योंकि केस सीबीआई को ट्रांसफर हो चुका था
तभी मुम्बई पुलिस का माथा ठनका
उसने बिहार से 27 जुलाई के बाद आए हर शख्स को स्कैन करना शुरू किया
तो पता चला कि उन 4 के बाद 5 और अफसर आये थे
जिनकी वापसी उसी फ्लाइट से थी
जिनसे 4 जा रहे थे
अब मुम्बई पुलिस कुछ नही कर सकती थी
क्योंकि सारे 9 आफिसर एयरपोर्ट के अंदर थे
और वहां से सारा कंट्रोल
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय जी के हाथ मे था
इसी खीज में आईजी पटना के आग्रह के बाद भी
बीएमसी ने विनय तिवारी को नही छोड़ा
पर तब तक ये मसला सुप्रीम कोर्ट में उछल चुका था
क्योंकि बिहार पुलिस सुप्रीम कोर्ट पहुच गयी थी
और इधर एडीजी बिहार ने फिर एक पत्र लिखा विनय तिवारी को छोड़ने के लिए
बिहार पुलिस से मात खाने के बाद
मुम्बई पुलिस को अब सुप्रीम कोर्ट से करवाई का डर सताने लगा
और उसे तिवारी जी को रिलीज करना पड़ा
बिहार पुलिस अपना काम कर चुकी थी
डीजीपी साहब का प्लान सफल हो गया था
भारत के किसी भी स्टेट पुलिस द्वारा
मुम्बई पुलिस को उसके घर मे घुस कर
उसकी तमाम आपत्ति के बाद भी
उसकी नाक के नीचे से सारी जानकारी बाहर निकाल लाने की ये पहली घटना थी
जो स्वर्णिम अक्षरों के दर्ज हो गयी।।। व्हाट्सएप यूजर से::::साभार 🙏