नवरात्रि पर्व लेकर आया विक्रमी संवत और गुड़ी पड़वा, मिटेगा अब कोरोना वायरस का नामोनिशान

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चंडीगढ़:- 25 मार्च: अल्फा न्यूज़ इंडिया धर्म डेस्क:—🕉🔱💐🌹

सदा भवानी दाहिने सन्मुख रहें गणेश,

पाँच देव रक्षा करें, ब्रम्हा विष्णु महेश। 🌹

🙏🚩 जय श्री गणेश🚩

🙏💐🔱🕉

🌸जय श्री हरि 🌸

#जानिए_माँ_दुर्गा_के_दिव्यास्त्र_किस_बात_का_प्रतीक
#शक्ति_की_अधिष्ठात्री_देवी_की_संरचना_तमाम देवीदेवताओं की संचित शक्ति के द्वारा हुई है. जिस तरह तमाम नदियों के संचित जल से समुद्र बनता है, उसी तरह भगवती दुर्गा विभिन्न देवी देवताओं के शक्ति समर्थन से महान बनी हैं. देवताओं ने मां दुर्गा को दिव्यास्त्र प्रदान किये.

#इस_आद्याशक्ति_को_शिव_ने_त्रिशूल,#विष्णु_ने_चक्र, #वरुण_ने_शंख, #अग्नि_ने_शक्ति,#वायु_ने_धनुषबाण, #इन्द्र_ने_वज्र_और_यमराज_ने_गदा_देकर_अजेय बनाया.
दूसरे देवताओं ने मां दुर्गा को उपहार स्वरूप हार चूड़ामणि, कुंडल, कंगन, नुपूर, कण्ठहार आदि तमाम आभूषण दिए. हिमालय ने विभिन्न रत्न और वाहन के रूप में सिंह भेंट किया.

1.#शंख
दुर्गा मां के हाथ में शंख प्रणव का या रहस्यवादी शब्द ‘ओम’ का प्रतीक है जो स्वयं भगवान को उनके हाथों में ध्वनि के रूप में होने का संकेत करता है.

2.#धनुषबाण
धनुष बाण ऊर्जा का प्रतिनिधित्त्व करते हैं दुर्गा मां के एक ही हाथ में इन दोनों का होना इस बात का संकेत है कि मां ने ऊर्जा के सभी पहलुओं एवं गतिज क्षमता पर नियंत्रण प्राप्त किया हुआ है.

3.#बिजली_और_वज्र
ये दोनों दृढ़ता के प्रतीक हैं. और दुर्गा मां के भक्तों को भी वज्र की भांति दृढ़ होना चाहिए जैसे बिजली और वज्र जिस भी वस्तु को छुती है उसे ही नष्ट एवं ध्वस्त कर देती है अपने को बिना क्षति पहुंचाए. इसी तरह माता के भक्तों को भी अपने पर विश्वास करके किसी भी कठिन से कठिन कार्य पर खुद को क्षति पहुंचाए बिना करना चाहिए

4.#कमल_के_फूल
माता के हाथ में जो कमल का फूल है वह पूर्ण रूप से खिला हुआ नहीं है इससे तात्पर्य है कि कमल सफलता का प्रतीक तो है परन्तु सफलता निश्चित नहीं है. कमल का एक पर्यायवाची पंकज भी है अर्थात् संसार में कीचड़ के बीच भक्तों की आध्यात्मिक गुणवत्ता के सतत् विकास के लिए खड़ा है कमल.

5.#सुदर्शन_चक्र
सुदर्शन चक्र जो दुर्गा मां की तर्जनी के चारों ओर घूम रहा है. बिना उनकी अंगुली को छुए हुए यह प्रतीक है इस बात का कि पूरा संसार मां दुर्गा की इच्छा के अधीन है और उन्हीं के आदेश पर चल रहा है. माता इस तरह के अमोघ अस्त्रशस्त्र इसलिए प्रयोग करती हैं ताकि दुनिया से अधर्म, बुराई और दुष्टों का नाश हो सके और सभी समान रूप से खुशहाली से जी सकें.

6.#तलवार
तलवार जो दुर्गा मां ने अपने हाथों में पकड़ी हुई है वह ज्ञान की प्रतीक है वह ज्ञान जो तलवार की धार की तरह तेज एवं पूर्ण हो. वह ज्ञान जो सभी शंकाओं से मुक्त हो तलवार की चमक का प्रतीक माना जाता है.

7. #त्रिशूल
मां दुर्गा का त्रिशूल अपने आप में तीन गुण समाए हुए हैं. यह सत्व, रजस एवं तमस गुणों का प्रतीक है. और वह अपने त्रिशुल से तीनों दुखों का निवारण करती हैं चाहे वह शारीरिक हो, चाहे मानसिक हो या फिर चाहे आध्यात्मिक हो.

8.#सिंह सवारी
मां दुर्गा शेर पर एक निडर मुद्रा में बैठी हैं जिसे अभयमुद्रा कहा जाता है जो संकेत है डर से स्वतंत्रता का, जगत की मां दुर्गा अपने सभी भक्तों को बस इतना ही कहती हैं, अपने सभी अच्छे बुरे कार्यों एवं कत्र्तव्यों को मुझ पर छोड़ दो और मुक्त हो जाओ अपने डर से अपने भय से।।
🍓🌲#जय_माता_दी 🌲🍓 🙏🏻🌹!! जय श्रीकृष्ण !!🌹🙏🏻🙏🏻

#Զเधॆ_Զเधॆ🙏🙏

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आपका दिन मंगलमय हो…✍🏻🌹
🌹हरे कृष्ण

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👇महामंत्र सदैव जपिए और खुश रहिए
दूसरों को भी जपने को बोल अपना जीवन सफल बनाइए।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे !
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे !
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“जय जय श्री राधे”
*व्हाट्सएप यूजर से साभार।।
“श्रीजी की चरण सेवा” 🙏

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