चंडीगढ़ +गाज़ियाबाद : 6 जुलाई : आरके शर्मा विक्रमा प्रस्तुति :—– फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वालों पर हो कार्रवाई: मधुर शर्मा*
सिविल डिफेंस के उपनियंत्रक सी0 एम0 मीणा और डिविजनल वार्डन राजेन्द्र नगर ए.के ठाकुर पर आरटीआई कार्यकर्ता मधुर शर्मा ने गंभीर आरोप लगाए है। मधुर शर्मा ने दस्तावेजों के आधार पर प्रमुख सचिव नागरिक सुरक्षा सचिवालय को कार्यवाही हेतु पत्र भी लिखा जा चुका है। सचिवालय से उक्त दोंनो की जांच के आदेश भी आएं और मजिस्टेट के समक्ष बयान दर्ज कराये गए तथा जांच चल भी रही है, मगर दवाब के कारण जांच को प्रभावित किया जा रहा है और दोंनो भ्रष्टो अधिकारियों के विरुद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही नही की जा रही है। मुधर शर्मा की माने तो ए.के ठाकुर ने जो सिविल डिफेंस ज्वॉइन करते समय जो शैक्षिक योग्यता के दस्तावेज लगाने चाहिए थे वह नही लगाए। बल्कि उनके स्थान पर स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र (टीसी) जमा कराई गई, जो कि फर्जी हैं। वर्ष 1973 में जारी हुई और फेल वर्ष 1974 दर्शाया गया है। उपनियंत्रक सी0एम0 मीणा ने ए.के ठाकुर को पृथक न करते हुए उनको अभयदान दे दिया। जिसकी शिकायत जिलाधिकारी से की गई। किंतु अधिकारियों को भी जांच के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। इतना ही नही सिविल डिफेंस के डिविजनल वार्डन राजेन्द्र नगर एके ठाकुर ने फिटनेस सर्टिफिकेट जमा कराया वह भी जाली था जिसकी पुष्टि गर्ग हॉस्पिटल कड़कड़डुमा दिल्ली के डॉक्टर निदशक ने अपने पत्र में की, क्यों कि ए.के ठाकुर विकलांग केटेगरी से आते हैं। उनके एक हाथ में प्रोब्लम है। बावजूद इसके उनको सिविल डिफेंस में रखा हुआ है। यह जानकारी आरटीआई के तहत मुहैया हुए कागजातों के आधार पर मिली। जिस अस्पताल ने फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया था, वहां से सूचना मांगने पर ज्ञात हुआ कि वह नकली है और गर्ग हॉस्पीटल दिल्ली द्वारा कोई स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी नही किया गया, न ही उस पर जांच करने वाले डाक्टर का नाम और मुहर अंकित थी। उधर उपनियंत्रक सी0 एम0 मीणा की जांच खुद वरिष्ठ आईपीएस अमिताभ ठाकुर कर रहे हैं। उन्होंने नौकरी के दौरान जो डाक्यूमेंटस जमा कराए थे वह असली नही थे। जब जांच हुई तो वह फर्जी मिले और तभी से सी0 एम0 मीणा ने अपनी पूरी फाइल लखनऊ से गायब करा दी। तब से जांचे चल रही है किंतु आज तक कोई निष्कर्ष नही निकला है। बल्कि उलटा जो सत्यता की आवाज उठाता है उसको फंसा दिया जाता है या सिविल डिफेंस से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
✔️साभार : मधुुर शर्मा आर टीआई एक्टिविस्ट !