चंडीगढ़ ; 7 आरके शर्मा विक्रमा /मोनिका शर्मा ;—— हेल्थ एंड वेल्थ आज हर किसी की पहली चाहत ही नहीं बल्कि जरूरत है ! पर ये नसीब कितनों को होती है ये जगजाहिर है ! मौके पर इलाज मिलना और सस्ता सुलभ मिलना तो सोचने का ही विषय मात्र है ! लेकिन आज डीटीजी ने ये सब सम्भव कर दिखाया है ! डॉ एआर राजा ने ड्रीम टच ग्लोबल ने सस्ते और सटीक कामयाब इलाज का दावा करती तकनीक और दवाओं को खोज को अब सेमिनारों की मदद से जन जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है ! इस ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े हीरा सिंह [नंगलवाले ] ने विस्तार से बताया कि तकनीक एक खोज तो है ही साथ ही बड़ी सस्ती और सरलतया प्रयोग में लाइ जाने वाली विधा भी है !
आज इस से जुड़ने वाले खुद के परिवारों की भी अच्छे से देखभाल और पालना कर रहे हैं साथ ही जरूरतमंदों को भी मदद करते हैं ! उक्त विधा से कितने बीमारी पीड़ितों को नया जीवनदान मिला के बारे में हीरा सिंह ने स्पष्ट किया कि डीटीजीएल टीम ने सटीक इलाज पद्यति से अनेकों जीवन बना कर एलोपेथी आयुर्देविक होम्योपैथी यूनानी और अनेकों प्रचलित पैथियों से कहीं आगे की तकनीक से रोगग्रस्त पीड़ित की रक्षा की है !
खेतों में काम करते एक किसान को जहरीले सर्प ने काटा तो वह बेहोश हो गया था कान मुंह से से खून आने लगा ! तभी साथी किसानों ने सर्प को मारा और दोनों को केरल के स्वामी जिसके पास डीटीजीएल का डिटॉक्सिन स्प्रे के पास ले गए तो तीन बार देह पर चैनल डिटॉक्सिन स्प्रे करके किसान की जान बचाई ! एक औरत को निरंतर थायरॉड के चलते गर्दन में भारी सूजन होने से साँस तक कठिनाई झेलने से मात्र इस स्प्रे से ही निजात मिली ! एक शिशु के सर में पानी भरने से उसको नींद भी नहीं आती थी और हाथ पेअर टेढ़े हो गए थे रातदिन रोने से भूखप्यास से दुखी था ! कुछ भी खानेपीने में बड़ी पीड़ा होती थी ! डॉ एआर राजा ने पीड़ित बच्चे का सफलता से सस्ता और सहज इलाज किया ! जबकि एलोपैथी इलाज से बच्चे को राहत नहीं मिली !
उक्त डीटीजी इलाज के बाद सर का पानी खत्म हुआ बच्चा ठीक से सोने लगा और हाथ पैरों में भी जान आ रही है ! तेजी से ये डीटीजी तकनीक भारत में बढ़ने से लोगों को खास करके असाध्य रोगियों को अब पुर्ण् रूप से चिकित्सा मुइलेगी और बीमारी से छुटकारा होगा ! हीरा सिंह ने बताया कि इंटर्नल स्प्रे से भी बच्चे का सफल टीटमेंट करिजल्ट सब के सामने है ! महज 12 दिनों में ही सूजन अनिंद्रा और भूख सब से छुटकारा चमत्कार नहीं बल्कि डीटीजी तकनीक से सम्भव है !