चंडीगढ़/मोहाली : 15 मार्च ; आरके शर्मा विक्रमा ;—– आज हर किसी पर नेतागिरी का नशा सिरचढ़ के बोल रहा है ! और ये नशा तब और भी प्रभावशाली बन जाता है जब सामने वाला खुद को मीडिया प्रेस रिपोर्टर या ब्यूरोचीफ, स्टाफ रिपोर्टर या चीफ फोटोग्राफर बताकर रौब झाड़ता है ! हर छठी गाड़ी पर प्रेस लिखा रहता है ! ये लोग मौका पड़ते वर्दी को झाड़ने का भी मौका नहीं छोड़ते हैं ! ये नौसिखिये मीडिया पर्सन्स प्रेस वार्ताओं में सबसे आगे बैठते हैं और सामने बैठे आमुकों पर रौबदार ढंग से सवालों के गोले दागते देखे जा सकते हैं ! इनके होशियार बर्ताव के आगे तो असली पुलिस खुद नकली साबित होती रही है ! लेकिन आज का वाक्यात नकली पत्रकार बनकर लूटमार करने वाले मीडिया पर्सन्स से संबंधित है ! मोहाली जिला के सीआईए स्टाफ ने प्रेस पत्रकार बनकर धोखाधड़ी करने के आरोप में दो लोगों पर केस दर्ज किया है। इसमें एक महिला भी शामिल है। उक्त आरोपियों की पहचान “विजय कुमार जिंदल” उर्फ शिवम और “सोनू” के रूप हुई है। दोनों आरोपियों के पास से पैंतीस [35 ] के करीब विभिन्न मीडिया हाउसेज के [पहचान पत्र] आईडी व अन्य सामान भी बरामद किया । पकड़े गए आरोपी एक कंपनी मालिक को पांच लाख रुपये के लिए कुछ वक़्त से ब्लैक मेल कर रहे थे। पुलिस ने दबोचे गए आरोपियों को वीरवार अदालत में पेश किया । माननीय अदालत ने दोनों आरोपियों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। मोहाली की फेज-छह इंडस्ट्रियल एरिया स्थित हायर टेक्नोलॉजी एलएलपी के पार्टनर रणजीत सिंह ने पुलिस को लिखित में शिकायत दी थी। जिसमें उस् ने बताया कि उसकी दूसरी कंपनी हायर मल्टीब्रांड कार सर्विस प्राइवेट लिमिटेड में उसका दोस्त अवतार सिंह अपनी कार की सर्विस करवाने के लिए आया था। इस दौरान आरोपी व्यक्ति व उसकी महिला दोस्त कथित मीडिया पर्सन्स भी आ धमके । और हायर कंपनी के रैगुलेशन समझने के बहाने उनकी वीडियो बना ली।
इसके बाद उसे वीडियो गलत तरीके ये यू टयूब चैनल “न्यूज प्लस प्राइवेट लिमिटेड” पर अपलोड कर के लाइव लोड कर दिया। फिर शुरू हुआ दोस्त को लगातार फोन कर ब्लैकमेल करने का सिलसिला । लगे हाथ ही पांच लाख रुपये की राशि की डिमांड कर डाली। फिर शिवम नाम के आरोपी का फोन आया। साथ ही रौबदार आवाज में स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी तो कंपनी ही फर्जी है। यही नहीं बल्कि उनकी ये करतूत मीडिया के माध्यम से जगजाहिर कर दी जाएगी और ब्रांड इमेज को धूल सरित कर बदनामी कर डालेंगे । इससे उसका तमाम रसता बसता तमाम कारोबार का बेडा गर्क कर देंगे । आखिर दुखी पीड़ित ने इस बाबत अपने फोन रिकॉर्ड व अन्य डॉक्युमेंट्स पुलिस के सुपुर्द किये। फिर क्या था पुलिस ने मामले की गंभीरता को मद्देनजर रखते हुए मुस्तैदी से दोनों नामजद आरोपियों को मुशाकत के साथ धर दबोचा । इलाके में उक्त ऐसे नकली फरेबी परतकारों के किस्से गाहे बगाहे आम सुनने को मिलते रहने से जनता का प्रेस पर से विश्वास उड़ता जा रहा है ! माननीय अदालत ने दोनों आरोपियों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा !