चंडीगढ़ 22.05.2025 आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा हरीश शर्मा-नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा नागरिकों और निवासियों के जनहित में जारी एक मैसेज 20.05.2025 को सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. इसके मुताबिक 20 मई से 2 जून तक सवेरे 10 से दोपहर बाद 3:00 तक कोई व्यक्ति खुले आसमान के नीचे नहीं निकलेगा। मौसम विभाग के मुताबिक तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। और उसके बाद इस विकट परिस्थिति से निपटने के नाना प्रकार के उपाय जनहित में बताए गए हैं। हालांकि यह सभी उपाय बहुत उपयोगी और आदिकाल से लोग अपने जीवन में आदतन इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी मैसेज में आधुनिक दौर में घरों और कारों आदि में लगे एसी व पेट्रोल आदि डलवाना कारों में से ज्वलनशील पदार्थ हटाने और कई तरह के सावधानिया के बारे में नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा जारी उक्त पोस्ट में एतिहयात बरतने की बात, सरल और सहज उपाय और अधिक सजगकता पर बल दिया गया था। लेकिन बाद में सरकारी फेक पोस्ट चेक द्वारा बताया गया कि केंद्र सरकार के मौसम विभाग और नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय ने कोई भी ऐसी पोस्ट जारी नहीं की है। सोशल मीडिया पर एक्टिव वेब चैनलों ने जनहित उद्देश्य को सामने रखकर इस पोस्ट को अधिक से अधिक वायरल किया था। सवाल यह है कि अगर यह पोस्ट वाक्य ही नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय यह मौसम विभाग द्वारा जारी नहीं की गई। और सरकारी स्तर पर इसके फेक होने की भी पुष्टि की गई। तो अभी तक फेक न्यूज़ पोस्ट करने वालों के खिलाफ कोई एफ आई आर शिकायत क्यों दर्ज नहीं की गई?? ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ साइबर क्राइम एक्ट के तहत क्यों नहीं कार्यवाही अमल में लाई गई? सोशल मीडिया पर एक्टिव सभी वेब न्यूज़ चैनल आदि ने जनहित को प्रमुखता देते हुए इस फेक न्यूज़ को वायरल किया तो क्या सरकारी स्तर पर इसकी भनक किसी को भी नहीं पड़ी? यह बड़ा हास्यास्पद तथ्य है। संबंधित अधिकारियों पर भी कानूनन एक्शन की दरकार है।
