महज 30 दिनों में तकरीबन 500 पुरुष हो रहे आत्महत्या का शिकार

Loading

चंडीगढ़ गाजियाबाद 06 फरवरी 2025 आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा+दिलीप शुक्ला प्रस्तुति –महिला अपनी जिद और मनमानी के लिए खुदकुशी करती है या पैसे के लिए तलाक लेती है,पुरुष झूठे केस और एक एकतरफा कानून की वजह से खुदकुशी करता है।हर दिन लगभग 500 पुरुष आत्महत्या कर रहे एनसीआरबी के डाटा के अनुसार ,अगली बार आपका भाई बेटा बाप का नंबर हों सकता है इसलिए आवाज उठाएं, एक दिन क्रिमिनल और फैमिली कोर्ट में जाए सारा दलाली और शोषण का सिस्टम समझ आजाएगा।अदालत पुरुषों को न्याय नहीं देगी , समाज को सामाजिक व्यवस्था के ताने बाने को क़ायम रखने ओर टूटते परिवार को बचाने के लिए को आगे आना होगा ::-■ अब समय आ गया है कि समाज उन सभी महिलाओं का बहिष्कार करे और उन्हें शर्मिंदा करना शुरू करे जो बेकार बैठी हैं और मुफ्त भरण-पोषण/गुज़ारा भत्ता का आनंद ले रही हैं। ■ अब समय आ गया है कि ऐसी महिलाओं के माता-पिता और भाई-बहनों को भी शर्मिंदा किया जाए जो अपनी बेटी/बहन की टूटी हुई शादी से पैसे का आनंद ले रही हैं। ■ *सिंगलमॉम्स* की जय-जयकार करना बंद करें। उनसे और बच्चों से सवाल करें: उनके पिता कहाँ हैं? पिता को बच्चे से मिलने की अनुमति क्यों नहीं है? ■ सोशल मिडिया पर अपनी बात खुलकर कहें ।■ ध्यान दें हम महिला विरोधी नहीं हें । हम एकतरफा महिलावादी कानूनों का विरोध करते हें … जिनका दुरूपयोग एक चालाक , चरित्रहीन ओर दुष्ट महिला अपने पति से पैसे ऐंठने ओर उसे आत्महत्या के लिए मज़बूर करने के लिए करती हे ।■ सालों चलने वाली कानूनी प्रक्रिया ओर पुरुषों के अंतहीन शोषण एक ज्वलंत विषय हे .. इसके बारे मे गंभीरता से सोचना ओर कड़े कदम उठाना नितांत आवश्यक हे । ■ समाज को पुरुषों पर हो रहे इस प्रताड़ना पर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहिए ताकि आपके अपने भाई या बेटों को पंखे से लटकने के लिए मज़बूर ना होना पड़े । ■ निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता हे समाज को चाहिए की अन्याय के खिलाफ आवाज उठाए । ■ संकोच ओर सामाजिक निंदा की परवाह ना करें … अपने साथ हो रहे अत्याचारों , प्रताड़ना ओर शोषण को जग जाहिर करें । ■ ऐसे वकीलों ओर जजों का भी बहिष्कार करें जो जानबूझकर चंद पैसों के लालच मे एक पिता को उसके बच्चों से दूर कर देते हें । वे सिर्फ बच्चों के भविष्य के साथ ही खिलवाड़ नहीं करते वरन एक हँसते खेलते परिवार को बर्बाद कर देते हें । ■ ऐसी महिलाओं से सवाल पूछा जाना चाहिए जो खुद की चरित्रहीनता को छुपाने के लिए अपने पति पर झूठे केस करती हें ।■ समाज को अलग/तलाकशुदा महिलाओं के एकतरफा उत्पीड़न के झांसे में आना बंद करना चाहिए।■ समाज को नेताओं , सांसदों से प्रश्न करना चाहिए की वो न्याय की आवाज क्यों नहीं उठाते हें ।■ नेताओं से सवाल करना जरूरी है की एकतरफा महिलावादी कानूनों मे वो परिवर्तन करने के लिए क्या कदम उठा रहे हें । ■ देश मे प्रताड़ित पुरुषों की बढ़ती आत्महत्याओं को रोकने के लिए पुरुष आयोग बनाने की मांग को लेकर सड़कों पर आना होगा ओर बुलंद तरीके से आवाज़ उठाना चाहिए ।■ एकतरफा कानूनों से पीड़ित पुरुषों को न्याय दिलाने के लिए महिलाओं को भी यथशक्ति प्रयास करने के आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

245607

+

Visitors