चंडीगढ़ 28 दिसंबर-आर विक्रमा शर्मा हरीश शर्मा अनिल शारदा प्रस्तुति — आजकल की युवा पीढ़ी खासकर लड़कियां चटर-पटर झट खोलतीं इंग्लिश के लिए मुंह का शटर।। जी हां सही पढ़ा आपने।। आजकल की युवा पीढ़ी पुरानी परंपराएं प्रचलन भाषा बोली बोलचाल खानपान पहरावा सबसे ना वाकिफ हैं। हमारी पीढ़ी के लोग यानी आज की पीढ़ी के माता-पिता के जमाने में भी सीखने की ललक बनी रहती थी। विक्रमी संवत शाक देसी महीने के नाम आज की पीढ़ी के लिए काला अक्षर बराबर है। आमुक महानुभव ने एक चित्र कुछ इस तरह बनाया है कि हर महीने के साथ साथ उस महीने का हिंदी नाम, उसमे आने वाली ऋतू और सूर्य ग्रह की चाल (उत्तरायण और दक्षिणायन) को दर्शाया है। युवा पीढ़ी को सीखने में मदद मिलेगी। पंडित रामकृष्ण शर्मा जी श्री गीता धाम कुरूक्षेत्र से अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से जानकारी दे रहे हैं कि 12 मास के 12 देसी नाम है। एक मास में दो पक्ष होते हैं शुक्ला पक्ष और कृष्ण पक्ष। इसी प्रकार सूर्य उत्तरायण और दक्षिणायन होता है। पांच ऋतु भारत में होती हैं। एक मास में अमावस पूर्णिमा संक्रांति एकादशी श्री गणेश चतुर्थी और मासिक शिवरात्रि होती हैं। सूर्य उदय और सूर्यास्त व राहुकाल का विशेष महत्व है। शुभ मुहूर्त, लग्न और दिशाशूल भद्रा विचार का भी महत्व है। पंचक और गंड मूल का कालसर्प योग का महत्व है। वर्ष में चार नवरात्रि आई हैं। इनमें कार्तिक मास और चैत्र मास नवरात्रि पर्व विशेष हैं। सन ईसवी शाक हिजरी नानकशाही विक्रमी संवत् उल्लेखनीय है। पंडित रामकृष्ण शर्मा जी ने बताया कि यह विक्रम संवत 2081 है।सन 2025 है ।और शाक 1946 और हिजरी 1446 और नानकशाही 556 है। जो जिस तिथि को जन्मता है वह जयंती तिथि और जिस तिथि को मृत्यु होती है वह पुण्यतिथि होती है। अमरत्व प्राप्त देवों की ऋषि मुनियों की जयंती नहीं, प्रकट दिवस मनाया जाता है। श्री गणेश चतुर्थी महाशिवरात्रि और भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी राम नवमी भारतवर्ष में सर्वश्रेष्ठ तिथियां हैं।
