बच्चा बहाना, मोबाइल एन्जॉय,21 जिंदगियों पर पड़ा भारी,अख़िर कब तक ???

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भुवनेश्वर [उड़ीसा] ; अक्टूबर ; अल्फा न्यूज़ इंडिया ;—पिछले महीने उड़ीसा के भुवनेश्वर से दूर जिला अंगुल में एक यात्री बस अनियंत्रित होकर 50 फ़ीट नीचे जा गिरी थी और 4 महिलाओं सहित 21 लोगों की जीवन लीला समाप्त हो गई थीं ! जिला कलैक्टर अनिल सेमल के मुताबिक बस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुई थी और अथामल्लिक कालेज की स्टूडेंट्स भी मौत का ग्रास बनी थीं ! 30 से अधिक सवारियां बुरी तरह जख्मी हुई थीं ! मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रशासनिक अधिकारियों को घायलों के उपचार में तीव्रता और मुस्तैदी से काम करने के आदेश व् हिदायतें दी थीं ! आखिर हादसा क्यों बरपा ;—  बस चालक के अनुसार पूल पर साईकिल सवार बच्चा बस के आगे आ गया था उसी को बचाने  के चक्कर में बस अनकंट्रोल्ड होकर नीचे  जा गिरी थी ! आखिर बजह कुछ और ही थी :—-    उड़ीसा से मिली पुख्ता खबर मुताबिक सरकार ने बसचालक की और प्रशासनिक अधिकारियों के कहे पर यकीं कर लिया और आगे गहन जांच तक न की ! कसूरवार लापरवाह बसचालक पर कानूनन और नैतिकता के आधार पर आज तक क्या कार्यवाही की गई सब सरकारी और पुलिस के कागज कथित तौर पर कोरे ही हैं ! कहा जा रहा है कि बस चालक उस वक़्त मोबाइल फोन सुनने में मशगूल था ! उसका ध्यान सामने जा रहे बच्चे पर अचानक पड़ा तो वह खुद ही अवाक् हो गया था ! पुलिस ने उसका मोबाईल फोन कब्जे में लेकर पूरी जाँच क्यों नहीं की थी ! घायलों ने पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को बसचालक की  कथित घोर लापरवाही के बारे अवगत करवाया भी था ! 
          उड़ीसा  में 2016 का था ये दूसरा बड़ा हादसा ;— उड़ीसा राज्य में ये दूसरा बड़ा दिलदहलाने वाला हादसा था ! पहले हादसे में भी 27  लोगों की जान गई थीं ! ये बस हादसा अप्रैल में देवगढ़ में बरपा था जब इक बस 300 फ़ीट गहरे जा गिरी थी ! तात्कालीन हादसे के शिकारों ने प्रशासनिक अधिकारियों पुलिस अफसरों को बताया था कि बसचालक खुद नशे में था और कुछ पल पहले बस स्वामी से उसकी किसी बात को लेकर झड़प हुई थी ! वह दिमागी तौर पर परेशान हो गया था और ऐसे में भरी बस में सवारियों की जनों का जोखिम उठाना की अपने आप में लापरवाही का सबब नहीं है ! तभी सब चेते गए होते तो;—-उस बस हादसे से प्रशासन और पुलिस सहित   परिवहन मंत्री आदि सब सचेत हो गए होते और जिम्मेवार पर कानूनन  बनती कार्यवाही करके सजा दी होती तो दूसरा बड़ा जानलेवा दुखदाई बस हादसा न बरपा होता ! 

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