कुरुक्षेत्र : 6 अक्टूबर : राकेश शर्मा /अल्फा न्यूज़ इंडिया :—- हरियाणा परिवहन विभाग की आयुक्त सुप्रभा दहिया ने कहा कि स्कूलों में अब बच्चों को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाने के साथ-साथ सडक़ सुरक्षा के प्रति जागरुक किया जाएगा। राज्य सरकार ने स्कूलों में पाचंवी से दसवीं कक्षा तक पाठयक्रम में एक चेप्टर सडक़ सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों से सम्बन्धित जोडऩे का निर्णय लिया है। जब तक युवा पीढी ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करती, तब तक सडक़ सुरक्षा के मायने सार्थक नहीं हो पाएंगे।
आयुक्त सुप्रभा दहिया वीरवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डा. आरके सदन में परिवहन विभाग हरियाणा व यूटीडी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एनएसएस विंग के संयुक्त तत्त्वाधान में सडक़ सुरक्षा कार्यशाला के उदघाटन सत्र में बोल रही थी। इससे पहले आयुक्त सुप्रभा दहिया, अतिरिक्त उपायुक्त धर्मवीर सिंह, अंडर ट्रेनिंग आईएएस अधिकारी राहुल हुड्डा, एसडीएम नरेन्द्र पाल मलिक, एनएसएस प्रोग्रोम अधिकारी डा. नीरज वत्स, राजीव रंजन ने सडक़ हादसों से बचाव में नागरिक दायित्व विषय पर आयोजित दो दिवसीय सडक़ सुरक्षा कार्यशाला का द्वीप प्रज्जवलित कर विधिवत रुप से शुभारम्भ किया। इस शुभारम्भ अवसर पर एनएसएस की छात्राओं ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुती दी।
आयुक्त ने सडक़ सुरक्षा कार्यशाला पर सभी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज आधुनिकता के साथ दौड़ती जिंदगी में सडक़ सुरक्षा सबसे गम्भीर विषय के रुप में उभर के सामने आया है। इसकी गम्भीरता का सहजता से अनुमान उस समय लगा जब अप्रैल 2015 के सडक़ दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर नजर डाली गई। इन आंकड़ों को देखकर जमीन पैरों के नीचे से निकल गई। जब अवलोकन किया कि देश में 5 लाख सडक़ दुर्घटनाओं में से 1 लाख 11 हजार दुर्घटनाएं हरियाणा प्रदेश में घटित हुई है। इसका मतलब यह हुआ कि 20 प्रतिशत सडक़ हादसे हरियाण की सडक़ों पर हो रहे है। ऐसे में सडक़ सुरक्षा को लेकर किए जा रहे तमाम प्रबंध और अभियान कागजों तक ही सिमटे नजर आए।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हरियाणा के एक-एक व्यक्ति को सडक़ सुरक्षा अभियान के साथ जोडक़र न केवल ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरुक किया जाए बल्कि नियमों की पालना करवाना भी सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए सबसे पहला कदम युवा पीढी में जागरुकता लाकर मानसिकता में बदलाव लाना है। युवा पीढी को सामाजिक दायित्व के साथ ट्रैफिक नियमों की पालना करनी होगी। परिवहन विभाग की तरफ से लोगों में जागरुकता लाने के प्रयास युद्धस्तर पर शुरु किए गए है। यह कार्यशाला भी इसी जागरुकता अभियान का अंग है। इतना ही नहीं परिवहन विभाग ने वेबसाईट पर लर्निंग लाईसेंस बनवाने से पहले ट्रैफिक नियमों की जानकारी का कम्पयूटर टेस्ट दिया गया है। इस वेबसाइट को प्रत्येक वाहन चलाने वाले व्यक्ति को जरुर देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सडक़ सुरक्षा में ड्राईविंग को ही प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए बल्कि पैदल चलने वालो की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए। लोगों का सही मायनों में चरित्र का अंदाजा सडक़ों पर चलने से ही लगाया जा सकता है।
अतिरिक्त उपायुक्त धर्मवीर सिंह ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि सडक़ हादसों में 18 से 40 वर्ष तक की आयुवर्ग के लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है और सडक़ हादसों का आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है, इसका मुख्य कारण ट्रैफिक नियमों की पालना न करना है। इसलिए अब समय रहते लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरुक करना होगा। इसके लिए गांव-गांव जाकर लोगोंं को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देनी होगी। लोगों को यह जानकारी देने के लिए प्रचार के तमाम साधनों का प्रयोग करना होगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एनएसएस अधिकारी डा. नीरज वत्स ने विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से स्वागत करते हुए सडक़ सुरक्षा को लेकर एनएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे कार्यो पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि डब्लयूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में सडक़ दुर्घटनाओं के मामलों में सबसे अग्रिम देशों की श्रेणी में शुमार हो गया है। इस कार्यशाला के विषय-विशेषज्ञ साहित्य अकादमी के पूर्व उप सचिव ब्रजेन्द्र त्रिपाठी, हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डा. बाबु राम, पंजाब विश्विविद्यालय चंड़ीगढ़ हिन्दी विभाग से डा. गुरमीत सिंह ने सडक़ हादसों से बचाव में नागरिक दायित्व विषय पर हिन्दी साहित्य और मीडिया की भूमिका को जोडक़र विस्तृत प्रकाश डाला और कहा कि सभी को सडक़ सुरक्षा विषय को संवदेनशीलता के साथ देखने की जरुरत है।
एसडीएम एवं सचिव आरटीए नरेन्द्र पाल मलिक ने मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सडक़ सुरक्षा मुहिम को प्रत्येक मंगलवार को कार फ्री डे के रुप में मनाया जा रहा है। इस अभियान को लेकर जागरुकता साईकिल रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन सडक़ सुरक्षा परिषद हरियाणा के सदस्य राजीव रंजन ने किया। इस कार्यक्रम के अंत में मुख्यातिथि आयुक्त सुप्रभा दहिया को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इसके अलावा मुख्यातिथि ने एडीसी, एसडीएम व जिंदगी न मिलेगी दोबारा के सभी कलाकारों को सम्मानित किया। इस मौके पर जीएम रोडवेज रोहताश सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी परमिन्द्र कौर, डीआईपीआरओ सुनील कुमार, डा. राज कमल, डा. जितेन्द्र कुमार, विजेन्द्र, डा. सुभाष, प्रधान सिंह सहित अन्य अधिकारी और शिक्षक गण मौजूद थे।