चंडीगढ़: 13 सितंबर: आरके विक्रमा शर्मा/ राजेश पठानिया +अनिल शारदा प्रस्तुति:—-टेलीकॉम आपरेटर ऐसे कानून की मांग कर रहे हैं, जहां इंटर्नेट सर्विस प्रोवाइडर जैसे अधिकारों का पालन उनके द्वारा भी किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो सोशल मीडिया ऐप भी कालिंग चार्जेज लागू कर सकते हैं। जिनमें फेसबुक, इंस्टाग्रामभी शामिल है।
(इटी) मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक दूरसंचार विभाग द्वारा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का प्रस्ताव लागू हुआ तो व्हाट्सऐप के साथ-साथ अन्य सभी सोशल मीडिया ऐप जैसे फेसबुक, इस्टाग्राम से आप फ्री काॅलिग की सुविधा अपने यूजर्स को नहीं दे पाएंगे। अगर ट्राई का प्रस्ताव लागू हुआ ।सूत्रों के मुताबिक ट्राई ने साल 2008 में इस प्रस्ताव को लौटा दिया था। दरअसल उस वक्त भारत में इंटर्नेट का विकास होना शुरू हुआ था। अब डिजिटल की बढती दुनिया के मद्देनज़र दूरसंचार विभाग फिर से अपने इस प्रस्ताव को आगे कर ट्राई से इस बार फिर से विचार करने को कहा है। हालांकि दूरसंचार विभाग की ओर से कंप्लीट इंडस्ट्री के लिए सेम सर्विस, सेम रूल के सिद्धांत का पहाडा पडा रहा है।
यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि जहां सोशल नेटवर्किंग यूजर को उदाहरण दे व्हाट्सएप पर कॉलिंग करने का शुल्क भी देना पड़ेगा ऐसे में यह स्थिति और भी हास्यास्पद हो जाती है कि अब भारत की अवधी का बहुत बड़ा भाग निशुल्क सेवाएं लेने का आदि हो रहा है दिल्ली पंजाब में इसकी व्यापकता और विशालता देखते ही बनती है। यहां की जनता फ्री का पानी बिजली और न जाने क्या-क्या हासिल कर चुकी है। सवाल उठता है कि आखिर हम कब तक निशुल्क सेवाओ व्यवस्थाओं सुविधाओं का उपभोग कर पाएंगे। कहीं भारत की दशा भी वेनेज़ुएला की तरह ना हो जाए। या पड़ोसी देशों श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी दरिद्रता भारत में भी घर ना कर ले।।