सीवीएम के तीन सदस्यों के निष्कासित का मामला पकड़ रहा रफ़्तार

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सीवीएम के तीन सदस्यों के निष्कासित का मामला पकड़ रहा रफ़्तार,निष्कासन जरूर होगा शतप्रतिशत  

चंडीगढ़  :  21 सितम्बर : आरके विक्रमा शर्मा /मोनिका शर्मा ;—तकरीबन  चार माह बीत जाने के बाद भी कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिए जाने पर चंडीगढ़ व्यापार मंडल (सीवीएम) के तीन सदस्य रजनी तलवार, गुरचरण साहनी और वरिंदर गुलेरिया किसी भी समय निकाले जा सकते हैं। इस सूचना के बाद से व्यापार मंडल के कई सदस्यों में हड़कंप मचा है कि गलत बयानी के कारण कहीं उमके साथ भी ऐसा ही जाये!  इस सम्बन्ध में व्यापार मंडल अनुशासन समिति की जल्द बैठक होने वाली है।  जिसमें इन सदस्यों पर कार्रवाई को लेकर फैसला लिया जाना है। यहां बताना जरुरी है कि सीवीएम के प्रधान अनिल वोहरा कई बार आग्रह कर चुके थे कि कोई भी विवाद आपस में मिल बैठकर ही सुलझाएं ताकि व्यापार मंडल की छवि को नुकसान न पहुंचे। इसके बावजूद उक्त सदस्यों ने फोरम से बाहर जाकर लगातार खिलाफ बयानबाजी की। इससे शहर और शहर से बाहर सीवीएम की छवि को ज़बरदस्त ठेस पहुंची है। ऐसा व्यापार मंडल के सूत्रों का दावा है। 
सूत्रों के अनुसार सीवीएम में अनुशासन को और भी पुख्ता बनाने के लिए कई बिंदुओं पर काम चल रहा है। इस बीच व्यापार मंडल में इस बात को लेकर जोरदार आवाज उठ रही है कि जिन लोगों ने  गलत बयानी कर सीवीएम की छवि को ठेस पहुंचाई है। सबसे पहले उन पर सख्त कार्रवाई कर की जाए। ताकि कोई अनुशासनहीनता न करे। व्यापार मंडल में इस बात को लेकर भी अधिकतर सदस्यों ने ऐतराज उठाया है कि जिन सदस्यों ने चार माह बीत जाने के बाद भी कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया है, उन्हें सीवीएम से तुरंत निकाल देना चाहिए। इसके बाद से तीन सदस्य रजनी तलवार, गुरचरण साहनी और वरिंदर गुलेरिया को बाहर निकाल देने की तैयारी की जा चुकी है।
रजनी कोर्ट गई थी  :—-सूत्रों का दावा है कि विवाद ने सबसे ज्यादा तूल तब पकड़ा था, जब राजनी तलवार चुनाव विवाद को लेकर न सिर्फ व्यापार मंडल के खिलाफ कोर्ट चली गई थी, बल्कि मीडिया में भी बढ़ चढ़कर बोली थीं। जिससे व्यापार मंडल की छवि को ठेस पहुँचने की बात कही जा रही है। इस प्रकार से रजनी तलवार को सीवीएम से निकाला जाना लगभग तय माना जा रहा है। रजनी की इस कार्यशैली से व्यापार मण्डल के अधिकतर सदस्य काफी नाराज हैं । 
गुलेरिया ने काले झंडे दिखने की बात की थी :–वहीँ सूत्रों का मानना है कि वरिंदर गुलेरिया ने सीवीएम के 25 साल पूरे होने पर सिल्वर जुबली मनाने के दौरान काले झंडे दिखाने का खुला ऐलान किया था। गुलेरिया ने मीडिया में भी व्यापार मंडल के खिलाफ जहर उगलने का का काम किया था। माना जा रहा है कि व्यापार मंडल से गुलेरिया की विदाई शतप्रतिशत होकर रहेगी।   
मीडिया में गए थे गुरचरण साहनी :–सूत्रों के अनुसार सीवीएम के वरिष्ठ सदस्य गुरचरण साहनी ने भी व्यापार मंडल के खिलाफ झंडा बुलंद किया था। स्पष्ट तौर पर उन्होंने तब कह दिया था कि व्यापार मंडल में तालीबानी नियम-कानून को बिल्कुल भी नहीं चलने देंगे और न ही कोई कानून किसी पर थोपने देंगे। यह सब कहने के लिए साहनी ने फोरम के बजाय मीडिया का चुनाव किया था।  
प्रधान अनिल वोहरा बोले ;– व्यापार मंडल के प्रधान अनिल वोहरा से जब इस सम्बन्ध में बात की तो उनका कहना था कि तीनों रजनी तलवार, गुरचरण साहनी और वरिंदर गुलेरिया को निकालने या न निकालने के बारे में कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी। क्योंकि तीनों से सम्बंधित मामले अनुशासन समिति में है।  इन्हें निकालने या न निकालने के बारे में अंतिम फैसला लेने का अधिकार सदन के पास है। वोहरा ने बताया कि करीब चार माह बीत जाने के बाद भी उक्त तीनों ही सदस्यों ने अपने पक्ष में कोई सफाई नहीं दी है। 
चैयरमेन चरणजीव सिंह बोले
सीवीएम  के चैयरमेन चरणजीव सिंह ने कहा कि किसी भी संस्थान, एसोसिएशन के लिए अनुशासन जरुरी है। कोई समस्या है तो उसे आपस में ही बैठकर सुलझा लेना चाहिए। तभी सब मिलकर व्यापारियों की समस्याओं का समाधान एकजुट होकर कर सकते हैं। [sabhar]

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