सभी राशि वाले भगवान शिवलिंग का पंच अमृत से स्नान करवाएं ! पहले एक एक द्रव्य से फिर एक साथ सभी से करवाएं ! पूजा में रत होकर ध्यान लगाएं और गुरुवर से मिले मंत्र का जप करें ! जिन्हों ने अभी गुरु धारण नहीं किया वह ॐ नमो शिवाय या ॐ शिवाय का नाम जाप करें ! खूब मंचित लगाकर इस मर्तबा शिव बाबा को खुश करें सदा खुश रहोगे ! शिवलिंग के बाद पार्वती माता के बाद गणेश जी कार्तिकेय फिर नंदी और शेषनाग की पूजा अर्चन जरुर करें ! शिव का प्रसाद बड़ा सरल और सीधा सादा बनाएं! आटा धीमी आंच पर भूनकर उसमे शक़्कर मिलाएं तीन लड्डू बनाएं ! इक शिवलिंग जी पर चढ़ाओ, दूसरा नंदी पर तीसरा खुद ग्रहण करें ! फिर नंदी जी वाला किसी बैल या गौवंश को दें और शिव जी वाला परसादी बांटें !पंडित रामकृष्ण शर्मा जी के मुताबिक पहले पहर की पूजा एकल फलदायी दूसरे की दुगुनी और तीसरे की चौगुनी चौथे पहर की पूजा आठ गुना और पांचवें पहर की अंतिम पूजा कई गुना अधिक फलदात्री होती है ! और नहीं कर सको तो सिर्फ जय भोले जय भोले का निरंतर गुणगान करें ! पापाचार दूषित प्रचार परहेज करें और अमृत बचन सुनें और सुनाएँ ! बुजुर्गों का संतों का जरूर चरण स्पर्श करें और अपनी नेक कमाई से कुछ रूपये उनके चरणों में जरूर अर्पित करें खूब बरकत होगी ! हाँ ध्यान रखें भगवान को चंदन टीका लगाएं ! फूल फल बिल्व बेर चढ़ाएं ! फूल केतकी का व् तुलसी दल भी नहीं चढ़ाना !एक समय कुट्टू की पूरियां ग्रहण करें !नमक नहीं लेना ! शिव अर्चना करें, पवित्रभावयुक्त रहें ! सदाचार का सेवन करें ! भगवान की उत्साह पूर्वक बारात आयोजित करें और खूब तन मन धन से नाचे गायें और भगवान शिवपार्वती जी को नृत्यभाव से रिझायें ! भजन कीर्तन करें और दिल खोल कर मिठाइयां वितरित करें ! भगवान के पर्व पर सब को बधाइयां दें मंगलकामनाएं दें और शंकरमय वातावरण का सृजन करें !