भागा हुआ कारीगर खोजा चंडीगढ़ मुस्तैद पुलिस ने

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भिवानी ज्वेलर्स मालिकों ने नहीं किया था कारीगर का किडनेप
-चंडीगढ़ पुलिस को मिली सफलता, ढूंढ निकाला कारीगर
चंडीगढ़ : 8 मार्च : अल्फ़ा न्यूज इंडिया  ;—– चंडीगढ़ पुलिस ने मनीमाजरा में भिवानी ज्वेलर्स के प्रबंधकों द्वारा पिटाई के बाद गायब हुये कारीगर को ढूंढ निकाला है। कारीगर का भिवानी ज्वेलर्स के प्रबंधकों द्वारा कोई अपहरण नहीं किया गया था, बल्कि वह कारीगर खुद ही अपने गांव भाग गया था। मनीमाजरा पुलिस थाना प्रभारी कर्मचंद के अनुसार कारीगर के परिजन आरोप लगा रहे थे कि भिवानी ज्वेलर्स के मालिकों द्वारा कारीगर का अपहरण कर लिया गया था, लेकिन जांच में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई और कारीगर अपने गांव में भाग गया था। कारीगर पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में अपने मामा के पास मिल गया है। कारीगर ने मनीमाजरा पुलिस को सूचित कर दिया है कि वह कलकत्ता में है और ठीकठाक है। 
दरअसल भिवानी ज्वैलर्स सेक्टर ८ से एक कारीगर श्रीकांत जिसका अड्डा सेक्टर 4  पंचकूला में था, वह सोने लेकर गया था और सामान तैयार करके देना था, लेकिन उसके बाद उसने फोन उठाना बंद कर दिया। ग्राहक को सामान देने में देरी होने के बाद भिवानी ज्वेलर्स के प्रबंधक दीपक मनीमाजरा पहुंच गये थे। जहां पर प्रबंधक और श्रीकांत के बीच झगड़ा हुआ था। जिसकी रिकॉर्डिंग भी हो गई थी। इस दौरान श्रीकांत ज्वैलर्स की गाड़ी से दौड़ गया था। जिसकी रिकॉर्डिंग सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। इसके बाद सन्नी वर्मा ने बताया कि शिवेंदु, पिंट्टू, हारु, परिमल और अन्य ने भिवानी ज्वैलर्स प्रबंधकों पर आरोप लगाया था कि श्रीकांत को किडनैप करके कहीं मार दिया है। परंतु कार से भागता श्रीकांत सीसीटीवी में कैद होने के चलते पुलिस ने लड़ाई झगड़े का ही केस दर्ज किया था। इसके बाद मनीमाजरा पुलिस ने जांच के दौरान श्रीकांत के मामा तरुण से संपर्क किया, तो उसने माना था कि श्रीकांत कलकत्ता भाग गया है, लेकिन श्रीकांत के मनीमाजरा के जानकार मामले को भडक़ाने में लगे रहे। मनीमाजरा पुलिस ने सही ढंग से जांच की, तो श्रीकांत का पता लग गया है। जांच अधिकारी अनिल कुमार ने मामले में श्रीकांत से भी मोबाइल पर बातचीत कर ली है। भिवानी ज्वैलर्स के सन्नी वर्मा ने चंडीगढ़ पुलिस का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने जांच में श्रीकांत को ढूंढ निकाला। सन्नी वर्मा ने आरोप लगाया कि शिवेंदु, पिंट्टू, हारु, परिमल ने पुलिस को गुमराह किया और पैसे ऐंठने के लिए मामले को नया रुप देने की कोशिश की है।

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