कल संगीनों के साये तले सबरीमाला मंदिर के खुलेंगे कपाट
चंडीगढ़ /नई दिल्ली/केरल ; 4 नवमबर ; अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;—–देश में हिन्दू धर्म का जो त्रास यत्र सर्वत्र देखा जा रहा है उस सब का असली गुनहगार कौन है ये जानतेसब हैं पर सिरासतदाँ परस्पर इक दूजे पर लांछन लगा रहे हैं ! मीडिया की भी यथास्थिति इनसे कुछ भी अलग नहीं है ! धर्म की जो हानि धर्म की रक्षा करने वाले कर रहे हैं उतनी तो अगले हजारों वर्षों मेंकोई और करहि नहीं पाएंगे ! जहाँ देखो भले ही जम्मू कश्मीर की बात हो या फिर केरल के सबरीमाला धर्मस्थान जोकि हिन्दुओं के लिए परम् पूजनीय आराध्य स्थल है सब की मान मर्यादा का हनन खुलेआमहो रहा है! इजराइल मेंगौ हत्या की सजा मौत की सजा तुल्य है जबकि गौ ब्राह्मण कन्या की संरक्षक मुल्ख में कन्या जन्मने से पहलेही मौत की नींदसुला दी जाती है ! कानून कौन सी होली खेलने मे मशग़ूल है ये तो रब्ब भी न जाने ! सबरीमाला मंदिर की धर्म मर्यादा हनन के कुपित परिणाम आएंगे ही तो जिम्मेवारी क़ानून सहित कानून पलकों की भी बनती है!
नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर पर विवाद अभी पूरी तरह थमा नहीं है। इस बीच 5 नवंबर से मंदिर के कपाट विशेष पूजा के लिए खुलने जा रहे हैं। इसी के मद्देनजर केरल के कई इलाकों में 3 दिन के लिए धारा 144 लगाई जाएगी। मंदिर के कपाट खुलने पर फिर टकराव की नौबत न आ जाए इससे बचने के लिए पूरे इलाके को छावनी में तबदील कर दिया जाएगा। इसके लिए शनिवार शाम से ही पुलिस के 5000 जवान तैनात कर दिए जाएंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पिछले महीने महिलाओं (10 से 50 वर्ष की आयु) को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पिछले महीने काफी हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसे देखते हुए ही प्रशासन की ओर से 4 से 6 नवंबर तक सन्नीधनम, पंबा, निलाक्कल और इलावंकुल में धारा 144 लगाने का फैसला किया गया है। फिलहाल दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है।
मंदिर 5 नवंबर को खुलेगा और इसके बाद 16 नवंबर को करीब दो महीने के नियमित वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए खुलेगा।
सरकार जहां अदालत के फैसले को हर हाल में लागू करने की बात कर रही है, वहीं बीजेपी व अन्य दल फैसले के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। इस कड़ी में बीजेपी ने दूसरे चरण का आंदोलन मंगलवार से शुरू किया। बीजेपी का कहना है कि आगामी रथ यात्रा में पार्टी को बिशप और मौलानाओं का भी समर्थन है।
सरकार जहां अदालत के फैसले को हर हाल में लागू करने की बात कर रही है, वहीं बीजेपी व अन्य दल फैसले के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। इस कड़ी में बीजेपी ने दूसरे चरण का आंदोलन मंगलवार से शुरू किया। बीजेपी का कहना है कि आगामी रथ यात्रा में पार्टी को बिशप और मौलानाओं का भी समर्थन है।
रथयात्रा निकालेगी बीजेपी
बीजेपी की एनडीए सरकार ने छह दिनों की रथयात्रा निकालने का एलान भी किया है। यह रथयात्रा कासरगोड से सबरीमाला तक 8 नवंबर से निकाली जाएगी। इस रथयात्रा को निकालने के पीछे उद्देश्य है कि सबरीमाला मंदिर की परंपरा और रिवाजों को बचाया जा सके। उधर 16 नवंबर को नियमित वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए खुल रहे मंदिर के कपाट में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के शामिल होने संभावना जताई जा रही है।
शाह ने उठाए थे सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल
बीजेपी कार्यालय का उद्घाटन करते हुए अमित शाह ने कहा था कि कन्नूर हमारे लिए तीर्थस्थल जैसा है। अयप्पा के भक्तों पर दमन का कुचक्र चलाया जा रहा है, बीजेपी अयप्पा भक्तों के साथ चटन की तरह खड़ी रहेगी। केरल के अंदर मंदिरों की परंपरा को खत्म करने की कोशिश कम्युनिस्ट सरकार कर रही है। उन्होंने कहा था कि सरकार और कोर्ट को ऐसे आदेश देने चाहिए, जिनका पालन हो सके। उन्हें आदेश ऐसे नहीं देने चाहिए जो लोगों की आस्था का सम्मान न कर सकें। उन्होंने कहा था कि सरकार आग से खेल रही है! wr=ArthP