मोहाली ; 2 दिसम्बर ; अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;—–प्रो. राहुल जैन, पीएचडी, औषधीय रसायन विभाग, नाईपर ने आज डीन का कार्यभार
ग्रहण किया । इससे पूर्व नाईपर के डीन प्रोफेसर पि .वी. भारतम थे ।
ग्रहण किया । इससे पूर्व नाईपर के डीन प्रोफेसर पि .वी. भारतम थे ।
प्रोफेसर राहुल जैन ने डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (ऑर्गेनिक
कैमिस्ट्री) की डिग्री सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सी.डी.आर.आई.), लखनऊ, भारत से वर्ष 1991 में प्राप्त की। 1997 में नाईपर में आने से पूर्व , वह सहायक प्रोफेसर, पेप्टाइड रिसर्च लेबोरेटरीज, मेडिसिन विभाग, तुलाने यूनिवर्सिटी
मेडिकल सेंटर, न्यू ऑरलियन्स, यूएसए, फोगर्टी इंटरनेशनल विज़िटिंग फेलो, बायोऑर्गनिक कैमिस्ट्री, एनआईडीडीके, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ
हेल्थ, बेथेस्डा, यूएसए और रॉबर्ट ए वेल्च पोस्ट-डॉक्टरेट रिसर्च फेलो, मॉलिक्यूलर जेनेटिक्स विभाग, टेक्सस विश्वविद्यालय, साउथवेस्टर्न मेडिकल स्कूल, यूएसए में कार्यरत थे ।
कैमिस्ट्री) की डिग्री सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सी.डी.आर.आई.), लखनऊ, भारत से वर्ष 1991 में प्राप्त की। 1997 में नाईपर में आने से पूर्व , वह सहायक प्रोफेसर, पेप्टाइड रिसर्च लेबोरेटरीज, मेडिसिन विभाग, तुलाने यूनिवर्सिटी
मेडिकल सेंटर, न्यू ऑरलियन्स, यूएसए, फोगर्टी इंटरनेशनल विज़िटिंग फेलो, बायोऑर्गनिक कैमिस्ट्री, एनआईडीडीके, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ
हेल्थ, बेथेस्डा, यूएसए और रॉबर्ट ए वेल्च पोस्ट-डॉक्टरेट रिसर्च फेलो, मॉलिक्यूलर जेनेटिक्स विभाग, टेक्सस विश्वविद्यालय, साउथवेस्टर्न मेडिकल स्कूल, यूएसए में कार्यरत थे ।
उनका कार्य क्षेत्र अल्ट्रा शॉर्ट न्यूरो और
एंटीमाइक्रोबियल पेप्टाइड्स पर संश्लेषण और यांत्रिक अध्ययन, प्राकृतिक और अप्राकृतिक एमिनो एसिड पर सी-एच और सी-एन सक्रियण रणनीतियों
पर कार्य; अप्राकृतिक एमिनो एसिड का
संश्लेषण; पर्यावरण अनुकूल पेप्टाइड
संश्लेषण पद्धतियां; एंटीप्लाज्मोडियल और
एंटी-ट्यूबरक्युलोसिस एजेंटों के नए संरचनात्मक वर्ग पर है ।
एंटीमाइक्रोबियल पेप्टाइड्स पर संश्लेषण और यांत्रिक अध्ययन, प्राकृतिक और अप्राकृतिक एमिनो एसिड पर सी-एच और सी-एन सक्रियण रणनीतियों
पर कार्य; अप्राकृतिक एमिनो एसिड का
संश्लेषण; पर्यावरण अनुकूल पेप्टाइड
संश्लेषण पद्धतियां; एंटीप्लाज्मोडियल और
एंटी-ट्यूबरक्युलोसिस एजेंटों के नए संरचनात्मक वर्ग पर है ।
उनके नाम पर 18 पेटेंट (आईएन, ईयू, यूएस) हैं और उन्होंने 97 आमंत्रित लेक्चर और रिसर्च प्रेजेंटेशंस दिए हैं ।
उन्होंने अब तक 96 मास्टर्स और 18 पीएच शोधकर्ताओं के गाइड के रूप में कार्य किया/
कर रहे हैं। भारत, अमेरिका और जर्मनी में रु
90 लाख रुपये के अनुदान के साथ उनके पास 20 सहयोग परियोजनाएं हैं।
उन्होंने अब तक 96 मास्टर्स और 18 पीएच शोधकर्ताओं के गाइड के रूप में कार्य किया/
कर रहे हैं। भारत, अमेरिका और जर्मनी में रु
90 लाख रुपये के अनुदान के साथ उनके पास 20 सहयोग परियोजनाएं हैं।
वह
वर्ष 2016 और 2017 में क्रमशः नाईपर के अकादमिक मामलों के एसोसिएट डीन और डीन भी
रहे हैं। इन सबके अलावा, वह
नाईपर के केंद्रीय इंस्ट्रूमेंटेशन लेबोरेटरी (सीआईएल), के इन्चार्ज के रूप में भी कार्य निष्पादित कर रहे
हैं ।