गिरगिट भी आंसू बहाये,अपना मरे तो रोना आये,सियासत ही छटपटाये
भारत माँ के सीने पर अपनों की आज गद्दारी से मातम का रंग बिखरा है ! आज हर घर आंगन सुना बेरौनक दिख रहा है, हाहाकार खूब मच रहा है !! कहने को है खूब महंगाई, फिरभी कदम कदम पर इमां बिक रहा है बेटे रणबाँकुरे हो रहे हैं शहीद, बेबस माँ का ही आँचल सिसक रहा है !! बहिने हाथ में लिये थी राखी,विधवा…