क्रांतिदूत रेणुका सुत भगवान महापराक्रमी परशुराम धरावतरण दिवस पर की दीपमाला

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चंडीगढ़:-25 अप्रैल:- आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा:– सृष्टि रचयिता भगवान शंकर जी के भक्त शिरोमणि महा पराक्रमी अस्त्र शस्त्र के ज्ञाता और महान दानवीर कर्ण, गुरु द्रोणाचार्य और गंगा पुत्र देवव्रत भीष्म के गुरु-श्रेष्ठ पितृ भक्त परशुराम जी का धरावतरण दिवस भारत देश में ही नहीं अपितु जहां-जहां भी उनके वंश की बेलें लहरा रही हैं वहां वहां भगवान परशुराम जी को आस्था, श्रद्धा में लीन होकर श्रद्धालुओं ने भक्ति वंदना पूजा अर्चना से नतमस्तक होकर चिंतनशील मुद्रा में आत्म स्मरण किया।।

भगवान परशुराम ब्रह्मांड में पितृ भक्ति के सर्व स्वीकार्य उदाहरण कहे जाते हैं। और उनके क्रोध की सीमा का भी कोई पार नहीं है।। इसी के चलते उन्होंने धरती पर से पापियों को दो चार बार नहीं अपितु 21 बार उनका संहार रुपी सर्वनाश किया था।

 

आज के परम पुनीत पर्व को भले ही आधुनिक युग के बुद्धिमान-अज्ञानी परशुराम के धरा अवतरण दिवस को परशुराम जयंती का नाम देते हैं।। इस पर धर्म सेवक पंडित रामकृष्ण शर्मा ने स्पष्ट किया कि जयंती उन लोगों की मनाई जाती है जिनके जीवन का अंत हुआ है। लेकिन भगवान परशुराम जी आज भी अजर अमर ज्योति प्रकाशमय तीन लोग में विचरण करते हैं।

नृसिंह पीठाधीश्वर रसिक महाराज ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम हिमालया ने धर्म रक्षक भगवान परशुराम के पितृ भक्ति के साथ-साथ उनके मातृ भक्ति से जुड़े प्रसंग का बखान करते हुए कहा कि परशुराम के पिता ने किसी कारणवश अपनी पत्नी अर्थात परशुराम की माता का परशुराम के हाथों ही वध करवा दिया था। पुत्र की पितृ भक्ति को देखकर पिता ने कुछ वरदान मांगने को कहा। तो परशुराम ने पलक झपकने से पहले ही पिताजी से मां रेणुका जी को जीवित करने का वरदान मांग लिया। पिता ने सहर्ष पुत्र को यशस्वी भव आशीर्वाद देते हुए उसकी माता को पुनर्जीवित किया था। तीन लोक में मातृ पितृ भक्ति का ऐसा सर्व वंदनीय उदाहरण ना तो हुआ और ना ही भविष्य में कभी होगा। भगवान परशुराम अस्त्र शास्त्र के ज्ञाता और सिर्फ उच्च कोटि के आचार्य भी कहे जाते हैं।

आज ब्राह्मण समाज जिन कुंठाओं का हीन भावनाओं का और कुकर्म परिपाटियों  का अनुकरणी बन रहा है इस बेला पर भगवान परशुराम का फरसा ही तमाम बुराइयों का जड़ से नाश कर सकता है।। और ब्राह्मण धर्म समाज को  फिर से धर्म-कर्म और मर्म की पराकाष्ठा का सेहरा बांध सकता है।।

पंचकूला से भगवान परशुराम जी के जन्म उत्सव पर दीप मालाएं करते हुए भजन कीर्तन अपने अपने घरों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए करने के समाचार प्राप्त हुए हैं।। ऑल इंडिया श्री परशुराम महासंघ और ट्राइसिटी प्रेस क्लब के महासचिव हरीश शर्मा ने भी भगवान परशुराम जी के महाबली जीवन के प्रसंग सोशल नेटवर्किंग के जरिए महासंघ के सदस्यों के साथ सांझे किए। और सभी ने अपने अपने घरों में घी के दीप प्रज्वलित किए। और भगवान परशुराम से कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी कि तुरंत समूल विनाश की याचना भी की। और देश सहित दुनिया के तमाम देशों के लिए स्वास्थ्य की मंगलकामनाएं भी कीं ।।।

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