कर्मचारियों को मोदी सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की बड़ी सौगात : चुघ

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चंडीगढ़ 26 अगस्त अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति— भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि आदरणीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार का यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक और स्वागत योग्य है। मोदी सरकार के इस दूरदर्शी निर्णय से पेंशन को लेकर कर्मचारियों के लम्बे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर किया गया है। मोदी सरकार के इस कर्मचारीयों के हित में लिए गए निर्णय से भारतीय पेंशन प्रणाली को एक नई दिशा मिलेगी चुग ने कहा कि मोदी सरकारका यूनिफाइड पेंशन प्रणाली का निर्णय देश की सेवा में कार्यरत कर्मचारियों के हित में हैं। मोदी सरकार पिछले 10 वर्षों में दीर्घकालिक, स्थायी और जनहित में कदम उठाने पर विश्वास रखती रही है। यूपीएस का यह निर्णय इस बात का स्पष्ट प्रमाण है। यह निर्णय न केवल देश के 23 लाख कर्मचारियों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगा।चुग ने कहा कि सरकार हमेशा कर्मचारियों के योगदान की सराहना करती है और करती रहेगी। कर्मचारी सरकार की रीढ़ है, भाजपा की सरकार उनके अधिकारों और भलाई को प्राथमिकता देती है और उनके प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाती है। चुग ने कहा की कांग्रेस पार्टी ने केवल तुच्छ राजनैतिक लाभ लेने के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू करने का वादा तो किया था, लेकिन वास्तव में उसे लागू करने में पूरी तरह से विफल रही। हिमाचल प्रदेश में ओपीएस को लागू करने का वादा भी अभी तक पूरा नहीं किया गया है, जो इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ झूठे वादे करने में माहिर है।चुग ने कहा की कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के अपने मेनिफेस्टो में भी ओपीएस लागू करने का वादा नहीं किया और तेलंगाना में भी इस मुद्दे पर कोई स्पष्टता नहीं दी। इससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी के झूठे वादे और भ्रम फैलाने की लगातार कोशिश कर रही है। चुग ने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि गांधी नेहरू परिवार देश की जनता को कब तक झांसा देंगे? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को झूठे वादों से जनता को गुमराह करना बंद करना चाहिए। कांग्रेस पार्टी की अक्षमता और असंवेदनशीलता इस बात का प्रमाण है कि उनके वादे केवल चुनावी शगूफे हैं, जिन्हें वे चुनावी लाभ के लिए मात्र औपचारिकता मानते हैं।

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