चंडीगढ़/नई दिल्ली:- 6 अगस्त:- राजेश पठानिया/ अनिल शारदा प्रस्तुति:—दिल्ली पुलिस ने शनिवार (3 सितंबर, 2022) को फेक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए लड़की को बदनाम करने के आरोप में आस मोहम्मद नाम के युवक को गिरफ्तार किया है। पीड़िता ने आस मोहम्मद पर उसका पीछा करने का भी आरोप लगाया है।_*
*_मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोपित आस मोहम्मद ने दिल्ली में रहने वाली 12वीं की एक छात्रा से सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती की थी। इस दौरान उसने खुद को सेना का जवान बताते हुए अपना नाम ‘आसु राणा बताया था। इसके बाद पीड़ित लड़की और आरोपित के बीच सोशल मीडिया में ही बातचीत होने लगी और फिर दोनों ने अपने मोबाइल नंबर एक्सचेंज किए थे।_*
*_बताया जा रहा है कि आरोपित और पीड़िता इस दौरान चार-पाँच बार मिल भी चुके थे। लेकिन, जब लड़की की माँ को इनकी दोस्ती के बारे में पता चला और आरोपित की सच्चाई भी सामने आ गई तब लड़की ने दोस्ती तोड़ दी थी।_*
*_जब लड़की ने आस मोहम्मद से संपर्क बंद कर दिया, तब उसने लड़की को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर कई फेक एकाउंट्स बनाए। इन एकाउंट्स के जरिए आरोपित ने पीड़िता के दोस्तों और टीचर्स से संपर्क किया। साथ ही इन अकाउंट्स में उसने अश्लील फोटोज शेयर करने शुरू कर दिए। साथ ही इसने, फेक अकाउंट के जरिए, पीड़िता के टीचर्स और दोस्तों से पैसे भी माँगे थे। जिन लोगों ने उसे पैसे देने से मना कर दिया, उसे यह गाली देता था।_*
*_इसके बाद, लड़की ने तंग आकर इस मामले की शिकायत उत्तरी जिले की पुलिस से की। जहाँ, पुलिस ने जाँच के बाद आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 419, 500, 354-डी, 509 और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।_*
*_इस मामले में पुलिस का कहना है जाँच के दौरान, उस इंस्टाग्राम अकाउंट की जानकारी निकाली गई। इससे पता चला कि इंस्टाग्राम अकाउंट को बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एक गाँव के निवासी आस मोहम्मद के नाम पर था। इसके बाद आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से दो सिम कार्ड और एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है। आरोपित, मुंबई के कलिना कैंट में भारतीय सेना में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर रसोइया के रूप में काम कर चुका है। इसका पिछला रिकॉर्ड भी निकाला जा रहा है।
इस बारे में जब स्थानीय कुछ मुस्लिम पहरावा पहने मुसलमानों को यह पूरी घटना बताई गई तो सब ने एक पति ही कहा कि गुनहगार को फांसी देने से समाज में कोई ऐसी हरकत करके मुसलमानों को बदनाम नहीं करेगा इसको स्पेशल कोर्ट लगाकर सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए। ऐसे गुनाहगार के लिए मौत की सजा भी कोई मायने नहीं रखती है। उधर हिंदू जमात ने भी ऐसे काफिरों को तुरंत ठिकाने लगा देने की बात अपने मुस्लिम भाइयों के साथ स्वर मिलाते हुई कहीं।।