अदभूत शख्सीयत-गुरदेव हरदेव जी

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अदभूत शख्सीयत-गुरदेव हरदेव जी 
-समूह मानवता के मसीहा थे निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी। 

चंडीगढ़ ;14 मई ; अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;——13 मई 2016 की सुबह आम संसार के लिए चाहे आम जैसी रही हो, परंतु निरंकारी मिशन के श्रद्धालुओं के लिए यह ऐसा समाचार लेकर आया, जिसको सुनकर किसी ने अपने कानों पर यकीन नहीं किया। बाबा हरदेव सिंह जी महाराज कनाडा में एक सड़क दुर्घटना के दौरान शरीर करके बिछोड़ा दे गए। दोपहर होते होते यह दुखदायक समाचार मीडिया, सोशल मीडिया द्वारा संसार के कोने कोने में पहुंच चुकी थी। बाबा जी के साथ उनके छोटे दामाद अवनीत सेतिया जी भी ब्रrालीन हो गए थे। जिसने भी इस घटना को सुना, अबाक रह गया क्योंकि अपनी गुरगद्दी काल के 36 वर्षीय दौरान जो इंसान भी उनके सम्पर्क में आया, उनका ही होकर रह गया। अपनी प्यारी मुस्कान से वह हरेक को अपना बना लेते थे।
          बाबा हरदेव सिंह जी निरंकारी मिशन के चौथे मुखी थे। इनका जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में पिता गुरबचन सिंह (बाबा जी) तथा माता कुलवंत कौर (राजमाता) की गोद से हुआ। आप चार बहनों के एकलौते भाई थे। आपकी शादी नवम्बर 1975 में सविंदर कौर (सतगुरु माता जी) के साथ जो गुरमुख सिंह जी व मदन जी फरूखाबाद (उत्तर प्रदेश) की सपुत्री है के साथ सम्पन्न हुआ व आपके घर तीन सपुत्रियां समता, रेणूका व सुदीक्षा जी ने जन्म लिया। आपने अपनी पहली शिक्षा राजाैरी पब्लिक स्कूल दिल्ली व सैकैेंडरी शिक्षा के लिए आप को 1963 में यादविंदरा पब्लिक स्कूल पटियाला पंजाब में दाखिल करवाया जहां 1969 में आप ने मैट्रिक पास की। उच्च शिक्षा आप ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। बचपन से ही आप ने अपने माता पिता के साथ देश विदेशों में अध्यात्मिक यात्रएं करनी शुरू कर दी थी। 1971 में आप संत निरंकारी सेवादल में भर्ती हो गए व खाकी वर्दी पहन कर सेवा में रूची लेने लगे।
         24 अप्रैल 1980 को मिशन के इतिहास में एक बड़ा मोड़ आया जब बाबा गुरबचन सिंह जी मानवता के लिए कुर्बान हो गए। ऐसे घोर संकट के समय आपने मिशन की बागडोर संभाली। अपने पहले प्रवचनों में ही उन्होंने संगतो को नफरत त्याग कर, सारे संसार में प्रेम व भाईचारे की भावना को फैलाने के लिए यत्न करने को कहा।
           नौजवानों को अच्छे कामों के प्रति प्रेरित करने के लिए आप जी ने रक्तदान कैंपो की शुरूआत की व मानव को मानव के नजदीक करने के लिए एक नारा दिया खुन नालियों में नहीं नाड़ियों में बहना चाहिए।
  हर वर्ष 24 अप्रैल 1986 से लगातार दिल्ली से पूरे हिंदोस्तान के साथ साथ संसार के कई देशों में रक्तदान कैंप लगते है तथा यह सिलसिला पूरा साल अलग अलग स्थानों से चलता रहता है। निरंकारी मिशन के नाम पर रक्त का वर्ल्ड रिकार्ड इतिहास में दर्ज है। आप जी ने 36 साल मिशन की रहनुमाई की। आप जी ने जो मानवता के लिए, मानव को मानव के नजदीक लाने के लिए, संसार में नफरत, वैर, विरोध के खात्मे के लिए जो कार्य किए वह भूलाए नहीं जा सकते। गलोवल वार्मिग (धरती का बढ़ता तापमान) का खतरा जो पूरे देश में मंडरा रहा है, को दूर करने के लिए पूरे हिंदोस्तान में अपने पैरोकारों को वृक्ष लगाने का आदेश दिया तथा प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत मुहिम में भी भरपूर योगदान डाला। आपजी के जन्म दिन वाले दिन मिशन के पैरोकार हर गांव, शहर में सड़कों पर पड़ी गंदगी साफ करते है व सरकारी अस्पताल, स्कूल, रेलवे स्टेशनों आदि पर भी बड़े स्तर पर सफाई की जाती है व योग्य स्थानों को देखकर वृक्ष भी लगाए जाते है, जिसकी सराहना हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कर चुके है व संत निरंकारी चैरीटेबल फाऊंडेशन के सदस्यों को मशहूर कमेडीयन कपिल शर्मा के शो में बुलाकर सम्मानित किया गया। किसी प्रकार की कुदरती आपदाओं, भूचाल, सुनामी, बाढ़ आदि आए व वहां भी आपके पैरोकारों ने मानवता की भलाई के लिए दिन रात एक कर दिया। आपजी ने जातों पातों को खत्म किया, नशों से दूर रहने के लिए प्रेरित किया, दाज दहेज व समाज के जितने भी कोहड़ थे उनको अपने उपदेशों द्वारा मानव जीवन में से निकालने के लिए प्रयास किया। आपजी का व्यक्तित्व सारे संसार में इतना चमका कि आप जी को 27 युरपीयन देशों में पारलीमैंट ने विशेष तौर पर इंग्लैंड में सम्मानित किया व वहां आप जी द्वारा किए जा रहे मानव हितैषी कार्यो के चलते आप जी से भाषण द्वारा मार्ग दर्शन लिया गया। आप जी को विशेष तौर पर संयुक्त राष्ट्र यू.एन.ओ. का मुख्य सलाहकार भी बनाया गया। पारलीमैंट में प्रधानमंत्री व रेल मंत्री द्वारा समाज को मिशन की देन के बारे में बहुत ही सतकारित शब्दों से संबोधन किया। देश के कई राज्यों में सड़कों व चौकों का नामकर्ण भी निरंकारी गुरुओं के नाम किया गया। खुद बाबा जी को विश्व स्तर पर बहुत सारे देशों की सरकारों ने शांति का दूत खिताब से सम्मानित किया। यूरपीयन यूनियन ने लगभग 35 देशों के समूह को मानवता व शांति का संदेश देने के लिए, वहां की पारलीमैंट में संबोधन करने का सम्मान दिया गया। अन्तराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मौके 10 दिसम्बर 2016 को अखिल भारतीय मानव अधिकारी परिषद द्वारा ब्रrालीन निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को डा. ए.पी.जे. अबदूल कलाम विश्व शांति पुरस्कार 2016 से सम्मानित किया गया। इसी तरह अमेरिका स्थित मानवता की सबसे उत्तम व विश्व स्तरीय विकास को समर्पित संस्था वी केयर फार हिम्यूमेनिटी द्वारा ब्रrालीन हुए निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को सव्रेश्रेष्ठ अध्यात्मिक विभूती अवार्ड से सम्मानित करने की घोषणा की गई है जो कि संस्था का वर्ष 2017 का अवार्ड है। 
    आपजी पूरा जीवन मानवता की भलाई के लिए काम करते हुए पुरी दुनिया में अमन, चैन, शांति व भाइचारे की स्थापना करने में त्याग दिया। निरंकारी अन्तराष्ट्रीय समागमों की शुरूआत करके उन्होंने सारे संसार में अध्यात्मिक क्रांति लेकर आए। एकत्व, मानवता जैसे नवीनत्म विषियों पर अपने बहुमूल्य विचारों से सारी लुकाई को सुत्र में पिरोने के लिए प्रयास किए। आप जी ने 36 वर्ष दिन रात मानवता की निष्काम सेवा की व कभी भी अपने सुख, आराम व परिवार की प्रवाह न की। उनके मन के अंदर एक उमंग व लक्ष्य था कि पूरा संसार एक ग्लोबल विलेज बन जाए तथा किसी के साथ जाति-पाति, नसल, भाषा, रंग, धर्म, संस्कृतियों व अमीरी गरीबी के आधार पर कोई भेदभाव न हो। इस संकल्प को पूरा करने के लिए आप जी ने अपनी जिंदगी का एक एक पल मानवता के लिए लगा दिया। आप जी का नारा था दीवार रहित संसार, बाबा जी द्वारा दी शिक्षाओं के कारण वह हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। आओ हम उनका फरमान कुछ भी बनो मुबारक है, पर पहला इंसान बनो को सच में अपने जीवन में मान सके। 
     आज के दौर में जब चारो तरफ नफरत, वैर-विरोध, विभिन्नता, आतंकवाद, आपसी सहहोंद का खात्मा व मारू जंग के बदल स्पष्ट रूप में दिखाई देते है तो गुरदेव हरदेव जी प्यार, प्रेम, सहनशीलता, आपसी शांतिपूर्ण सहिहोंद व अन्तराष्ट्रीय भाईचारे के संदेश बहुत ही सार्थक व कल्याणकारी होते है। आज सब तरह की दीवारों को तोड़ कर ऐसा पुलों का निर्माण करने की जरूरत है, जिसकी मानवता के लिए बहुमूल्य साबित हो सकते है। आज 13 मई 2017 को मिशन के श्रद्धालुओं द्वारा संसार भर में समर्पण दिवस के तौर पर मना कर उनकी देन को याद किया जा रहा है। 

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