चंडीगढ़ /नईदिल्ली : 26 मई : आरके शर्मा विक्रमा /मोनिका शर्मा ;——पंजाब में अमन चैन और सुख शांति के माहौल को बनाने वाले और फिर लम्बे समय तक बरकरार बनाये रखने वाले लौह दृढ़ता के धनी आईपीएस पद्मश्री केपीएस गिल ने आज नईदिल्ली स्थित गंगा राम अस्पताल में आखिरी सांस लेकर भौतिक संसार से विदा ले ली है ! 82 वर्षीय गिल ने पंजाब में उस वक़्त डीजीपी के नाते पुलिस की कमान थामी थी जब भारत देश का ताज प्रान्त पंजाब आतंकवाद की आग में सही मायनों में ही झुलस रहा था ! किस घर में कौन आतंकी है घर वालों तक भी ज्ञात नहीं होता है ! साये का साया शत्रु था ! ऐसे माहौल में जब आतंकी हिन्दुओं को गाजर मूली की तरह से काट रहे थे और देश की बहादुर कौम तक खमोशी का कफ़न ओढ़े सोये थी उस दौर में मरहूम बेअंत सिंह पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने आईपीएस स० केपीएस गिल पर भरोसा जताया और पंजाब पुलिस की कमान सौंप दी थी ! गिल ने सूबे की जनता सहित सरकार द्वारा सौंपी जिम्मेवारी को बखूबी अंजाम दिया और सूबे को आतंकवाद से समूचे तौर पर आजाद करवाया ! खुखार आतंकी तक गिल के नाम और इरादों तक से खौफ खाकर भूमिगत हो गए थे या दूसरे प्रांतों की सम्मत पलायन कर गए थे ! या फिर विदेशों में अपने भारत के देश द्रोही शुभचिंतकों की गोद में जा छुपे थे !
केपीएस गिल अपने रौबदार व्यक्तित्व और पंजाबी गबरू वाली कद काठी के ठाठ सेठ थे ! रौबीली उठी तनी मूछें देख कर तो अच्छे 2 उग्रवादी थरथर्रा उठते थे ! देश द्रोही पुलिस अफसरों तक को सही कानूनन सबक सिखाने से भी गिल कभी पीछे नहीं हटे ! धर्म और जातिवाद से ऊपर उठ कर गिल ने अपने धर्म और कर्तव्य को हमेशा तरजीह दी ! तीखी चील सी नजर के नैपोलियन केपीएस गिल ने हमेशा सूबे की सुख शांति के लिए ही सांस ली ! 1995 में आईपीएस केपीएस गिल अपनी पुलिस सेवा से सेवानिवृत होकर खेलों के प्रति भी गहन रूचि रखते हुए हॉकी को प्रोमोट करने में भी अग्रणी ही रहे ! और इंडियन हॉकी फेडरेशन सहित गिल इंस्टीच्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट मैनेजेमेंट के भी अध्यक्ष पद पर खूब बेहतरीन सेवाएं जारी रखीं ! सामाजिक सरोकारों से कभी पीछे नहीं हटे और आतंक के काळा दौर में भी हाजिरी भरी और जनता में निडरता और सुरक्षा का भाव पैदा किया और स्थिरता प्रदान की ! कहते हैं कि उस काले उग्रवाद के दौर में जब गिल के दौरे की भनक किसी भी जिले में पड जाती थी तो उग्रवादी अपने बोरिया बिस्तरे उठाकर पहले ही पलायन कर जाते थे ! गिल को सिविल सर्विसेज हेतु 19 में पद्मश्री से अलंकृत किया गया था ! छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था बिलकुल बुरी चरमर्रा चुकी थी तो गिल साहब ने बयान दिया था कि चंद वर्षों में ही सारा उग्रवाद ठिकाने लगा दिया जायेगा और इसी बयान के बाद वहां के उग्रवादी खेमों में खूब दहशत भरी हलचल हुई थी ! इक रौबदार और रसूखदार आईपीएस अधिकारी के अंत से पुलिस और प्रशासन तंत्र सहित राजनीती और आम रियाया को हुई असहनीय क्षति को कभी भी पूरा नहीं किया जा सकेगा ! बड़े बड़े खूंखार उग्रवादी अपने धर्म के नाम पर जब हिंसा और कत्लेआम करने में मशरूफ थे तब कंवरपाल सिंह गिल की दहाड़ से भयभीत अनेकों आतंकी कानून की मुख्यधारा में लौटने को गिल की हिम्मत से ही मजबूर हुए थे ! गिल ने बतौर सूबे के शीर्ष आईपीएस अफसर दूसरी बार भी कमान कामयाबी से संभाली और अपनी हिम्मत हिमकत का लोहा मनवाया और सूबे में भाईचारे की पुनः ज्योति प्रज्वलित की !
किसी जमाने में आईपीएस वर्सेस आईएएस का मामला खूब टूल पकड़ा था ! दरअसल, आईएएस महिला अधिकारी रूपं देओल बजाजा ने आईपीएस अधिकारी कंवरपाल सिंह गिल पर सेक्सुअल हराशमेंट का केस दर्ज करवाया था ! और आरोप सिद्ध होने की दशा में गिल से उनका पद्मश्री अवार्ड तक वापस लेने की रूपं देयोल बजाज ने खूब गुहार लगाई थी ! गिल पर आरोप सिद्ध हुए और उनको सजा जुरमाना भी हुआ था ! देश विदेश में इस केस ने खूब हलचल मचाये रखी थी ! कहते हैं कि गिल अपने रोमांटिक मिजाज के लिए भी खूब जाने जाते रहे ! अपने जमाने की बालीबुड की बेहद खूबसूरत और चुलबुली अदाकारा की भी गिल के दिलो दिमाग में दीवानगी किसी परिचय की मोहताज नहीं है ! इस अदाकारा ने गिल के विशेष आग्रह पर उनके साथ डिनर भी किया था ! वाक्य ही गिल बेबाकी से उनके हुस्न और अदाओं के मुरीद कहे जाते रहे हैं !