अब राजस्थान में किसी भी अपराधी की खैर नहीं, हर जुल्म की सजा का प्रावधान

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जयपुर 13 अक्टूबर :– आरके शर्मा विक्रमा/एडवोकेट विनीता शर्मा प्रस्तुति:—  महात्मा गांधी का कथन है । कोई भी निर्णय लेते समय एक जरूरतमंद का चेहरा सामने रखो ओर निर्णय लेते समय यह विचार करो कि मेरे इस निर्णय से इस व्यक्ति को क्या लाभ होगा। इस आधार पर लिया गया निर्णय यकीनन सही होगा।

इसी विचार को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पीड़ित को समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिये निर्बाध अपराध पंजीकरण की व्यवस्था लागू की है। देखने से तो इस व्यवस्था में अपराध बढ़े हुए लगते है, लेकिन पीड़ित वर्ग को सुगमता से न्याय मिल पाना भी सुनिश्चित हुआ है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य होने के बावजूद अपराध के आंकड़ों में हुई आंशिक वृद्धि यह प्रमाणित करती है कि राजस्थान के पुलिस थानों में अनुकूल वातावरण होने से परिवाद दर्ज करने का हौसला और पुलिस कार्यवाही में विश्वास बढ़ने से आमजन भयमुक्त होकर अपने प्रकरण दर्ज करवा रहे हैं।

राजस्थान पुलिस महिलाओं, बच्चों व कमजोर वर्गों के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम के संबंध में त्वरित व प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कर रही है। महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के साथ यौन शोषण के मामलों को केस ऑफिसर स्कीम के अंदर लेकर हिनियस क्राइम मोनेटरिंग यूनिट द्वारा सतत निगरानी रखी जाती है। आरोपी को तुरन्त गिरफ्तार करने से लेकर अनुसन्धान शीघ्र पूर्ण कर चालान कोर्ट में पेश करने, लोक अभियोजक की नियुक्ति कराने, पीडित व परिजनों की काउंसलिंग करने, एफएसएल से रिपोर्ट प्राप्त करने तथा कोर्ट में साक्ष्य व साक्षी प्रस्तुत कर दोषियों को कठोर दण्ड दिलवाने के सम्पूर्ण प्रयास किये जा रहे है। पुलिस की प्रभावी व त्वरित कार्रवाई की वजह से महिलाओं व बच्चियों के विरुद्ध दर्ज गम्भीर प्रकृति के अपराधों में सम्बंधित न्यायालय द्वारा दोषियों को कठोर कारावास से लेकर मृत्युदण्ड तक की सजा व अर्थदण्ड से दण्डित किया जा रहा है।

महिलाओं व बच्चियों के विरुद्ध दर्ज गम्भीर प्रकृति के मामलों के अनुसंधान पर भी विषेष ध्यान दिया जा रहा है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम्स अगेंस्ट वूमेन में अब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं। यह यूनिट महिला अत्याचारों के साथ-साथ एससी-एसटी अत्याचार एवं बच्चों के विरुद्ध अपराध व मानव तस्करी के अपराधों की रोकथाम की मॉनिटरिंग भी करती है। न्याय दिलाने के लिए त्वरित और गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान के परिणाम स्वरुप दुष्कर्म के प्रकरणों में औसत अनुसंधान का समय 278 दिन से घटकर अब लगभग 100 दिन रह गया है। पूर्व में दुष्कर्म प्रकरण में 30% से भी अधिक प्रकरण कोर्ट के माध्यम से दर्ज होते थे लेकिन अब इनकी संख्या कम होकर लगभग 13% रह गई है। भयमुक्त पंजीयन व्यवस्था के साथ ही पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए त्वरित और गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान पर विशेष बल दिया जा रहा है। विशेष रूप से महिलाओं और बालिकाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में अपराधियों की तत्काल धरपकड़ करने के साथ ही उन्हें सजा दिलाने के लिए अधिकाधिक साक्ष्य व साक्षी जुटाने पर ध्यान रखा जा रहा है।

महिलाओं व बच्चियों के दुष्कर्म, हत्या जैसे अनेक मामलों में दोषियों को गिरफ्तार कर तीव्र अनुसंधान पूरा करके चालान कोर्ट में पेश किया। साक्ष्य व साक्षी को कोर्ट में पेश कर दोषियों को कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदण्ड की सजा से दण्डित कराया गया है।

 

दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के 21 प्रकरणों में कठोर कारावास से लेकर मौत की सजा,,

 

●जयपुर के कोटखावदा इलाके में 26 सितंबर को 9 साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म किया गया था। पुलिस ने 13 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अगले 6 घंटे में आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया। मात्र 4 दिन चले ट्रायल में 19 गवाहों के बयान करा साक्ष्य प्रस्तुत किये गए एवं अस्पताल में भर्ती बालिका की वीसी के जरिये बयान दर्ज कराए। देश के सम्भवत पहले मामले में मात्र 5 दिन में आरोपी कमलेश मीणा (25) को कोर्ट ने 20 साल की सजा व 2 लाख रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई।

●6 जनवरी को बीकानेर के नयाशहर थाना क्षेत्र में 5 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म करने के आरोपी को पुलिस ने तुरन्त गिरफ्तार कर 3 दिन में चालान पेश किया। केस ऑफिसर ने ट्रायल के दौरान समस्त गवाह व साक्ष्य पेश किये। आरोपो प्रेम मेघवाल (27) को 4 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने मृत्यु पर्यन्त आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

● उदयपुर के गोकुन्दा थाने में 20 जून 2019 में 5 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने मामले में आरोपी पूरा भील के विरुद्ध 6 दिन में चालान पेश कर ट्रायल के दौरान समस्त गवाह व साक्ष्य पेश किए। कोर्ट ने 23 सितम्बर 2021 को आरोपी को 20 साल की सजा व 5 हजार रुपये जुर्माने से दण्डित किया।

●अलवर के एनईबी थाना में 20 सितम्बर 2020 को 14 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ। आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने 23 सितम्बर को कोर्ट में चालान पेश कर दिया। केस ऑफिसर ने ट्रायल के दौरान 5 पेशियो में गवाह व साक्ष्य प्रस्तुत कर आरोपी पूरन खाती (50) को दोष सिद्ध करवाया। 20 सितम्बर 2021 को कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

● पिलानी जिला झुन्झुनू में 5 वर्ष की बालिका से दरिंदगी के प्रकरण में 17 मार्च,2021 को कोर्ट द्वारा मुल्जिम सुनील कुमार को मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई।

● सवाईमाधोपुर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के 10 जून,19 को दर्ज मामले में 11 अगस्त,21 को कोर्ट द्वारा आरोपी रतन सैनी एवं सोनू रैगर को 20 वर्ष के कारावास एवं 65 हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई।

● नवलगढ जिला झुन्झुनू के गांव बडवासी में ढाई साल की मासूम से दुष्कर्म के मामले में 7 अगस्त,21 को कोर्ट द्वारा आरोपी भागीरथ नायक को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रूपये के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई गई।

● दरगाह जिला अजमेर के बाहर 3 वर्ष की बच्ची का अपहरण के मामले में मुल्जिम मौहम्मद सागर को कोर्ट द्वारा 5 अगस्त,21 को 5 वर्ष के कारावास एवं 25 हजार रूपये से दण्डित किया गया।

● रास जिला पाली में नाबालिग से बलात्कार के प्रकरण में आरोपी तारांचद बावरी को 5 अगस्त,2021 को 20 वर्ष की सजा एवं 26 हजार का अर्थदण्ड दिया गया।

● पीलीबंगा जिला हनुमानगढ में नाबालिग लडकी को बंधक बनाकर बलात्कार के मामले में कोर्ट द्वारा 3 अगस्त,21 को आरोपी गजानंद को 10 साल की सजा एवं एक लाख 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड व मुल्जिम हरीराम को 3 वर्ष की सजा से दण्डित किया गया।

● आसिन्द जिला भीलवाडा में महिला के साथ दुष्कर्म कर हत्या के प्रकरण में 1 अप्रेल,21 को मुल्जिम नारायण को कोर्ट द्वारा हत्या के मामले में आजीवन कारावास व 50 हजार रूपये का अर्थदण्ड व धारा 376 भादस में 14 वर्ष का कठोर कारावास व 50 हजार रूपये का अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई।

● करणी विहार जयपुर में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट द्वारा आरोपी महेश कुमार को 31 मार्च,21 को 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 50 हजार रूपये का अर्थदण्ड दिया गया।

● उद्योग नगर जिला अलवर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में 19 मार्च,21 को आरोपी रामेन्द्र गुर्जर को आजीवन करावास की सजा से दण्डित किया गया।

● मालाखेडा जिला अलवर में पीडिता को जबरन गाडी में बैठा सामुहिक दुष्कर्म के मामले में 30 जनवरी, 2021 को अभियुक्त नसरु व अली मौहम्मद को 20 साल के कठोर कारावास तथा 25 हजार रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया।

● सेवर जिला भरतपुर में 8 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म कर हत्या के मामले में 11 जनवरी, 21 को आरोपी राजन सिंह केा आजीवन कारावास व 5 हजार रूपये आर्थिक दण्ड से दण्डित किया गया है।

● शास़्त्री नगर जयपुर में पापा का दोस्त बताकर घर से मासूम को उठा ले जाकर ज्यादती करने के मामले में आरोपी सिकन्दर उर्फ जीवाणु को 27 नवम्बर,20 को आजीवन कारावास (मृत्युपर्यन्त जेल) की सजा सुनवाई गयी।

● अलवर में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी गौरव उर्फ भानू को 23 नवम्बर,20 को 10 वर्ष के कठोर कारावास से दण्डित किया गया।

● थानागाजी जिला अलवर में पति को बंधक बनाकर, पत्नी से 5 युवको द्वारा गैंगरेप के मामले में 06 दिसम्बर, 2020 को आरोपी छोटेलाल उर्फ छोटया गुर्जर, इन्द्राज गुर्जर, हसंराज उर्फ हसां गुर्जर व अशोक गुर्जर को आजीवन कठोर कारावास जो कि शेष प्राकृतिक जीवन काल के लिए प्रभावी होगा व 1-1 लाख रूपये के आर्थिक दण्ड से दण्डित किया गया। घटना का फोटो व वीडियो वायरल करने वाले अभियुक्त मुकेश को आईटी एक्ट के तहत 5 साल का कठोर कारावास व 50 हजार रूपये के आर्थिक दण्ड से दण्डित किया गया है।

● भानीपुरा जिला चुरू में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में 17 दिसम्बर, 19 को मुलजिम दयाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी।

● कोतवाली जिला टोंक में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी मजीद को 19 अगस्त,19 को 20 वर्ष का कारावास एवं एक लाख रूपये का अर्थदण्ड दिया गया।

● भीमगंज मण्डी जिला कोटा शहर में मॉ बेटी से दुष्कर्म कर हत्या के मामले में आरोपी मस्तराम उर्फ सल्लू एवं लोकेश मीणा को 18 फरवरी,19 को फांसी की सजा एवं 80-80 हजार रूपयों के जुर्माने से दण्ड़ित किया गया।

महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध होने वाले अधिकांश मामलों में पुलिस तत्काल आरोपियों को पकड़ रही है और अपराधियों को सजा भी मिल रही है, लेकिन महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर गम्भीर प्रयासों की भी आवश्यकता है।

 

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