उर्दू में गीता के संस्कृत श्लोक अनुवादक अनवर जलालपुरी को दी श्रद्धांजलि

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उर्दू में गीता के संस्कृत  श्लोक अनुवादक अनवर जलालपुरी को दी श्रद्धांजलि  
चंडीगढ़ ; 6 जनवरी ; आरके शर्मा विक्रमा /करणशर्मा /एनके धीमान ;—–साहित्यिक पिपासु किसी धर्म नस्ल जाति और सरहदों के दायरों म नहीं सिमटते हैं ! खासकरके जिस मानस ने भगवान के स्वरूप और आविर्भाव के मूल का ज्ञान प् लिया है वह समाज की ओछी सोच वालों से कदापि प्रभावित नहीं होते हुए अपनी लेखनी की धार में कुंध नहीं होने देते हैं ! ऐसे विरले कलमकारों को समाज एक मत होकर    भावभीनी श्रद्धांजलि देते हैं ! ऐसे भी एक विलक्षण प्रतिभावान कलमकार और भगवान की होंद को जान चुके श्री मदभागवत मोक्षदायी गीता के श्लोकों का उर्दू में अनुवाद करने वाले को समाज शत शत नमन कर रहा है ! 
                     अदिति कलाकृति हब ऑफ़ हॉबीज की प्रिंसिपल आर्टिस्ट मोनिका शर्मा आभा और पंजाब स्टेट अवार्डी और उभरते हिंदी पंजाबी के कलमकार  डॉ सुभाष भास्कर सहित पंजाब स्टेट अवार्डी डॉ भोला सिंह [जाने माने एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट] सहित हिन्द संग्राम परिषद मोहाली की चेयरमेन और सीनियर पत्रकार संतोष गुप्ता 
ने श्री मद्भागवत गीता के श्लोकों को उर्दू भाषा में अनुवाद करने वाले जानेमाने कलमकार अनवर जलालपुरी के देहावसान पर सबने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की ! सीनियर पत्रकार संतोष गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि 71 वर्षीय अनवर जलालपुरी को यश भारती सम्मान से नवाजा गया था ! शायर अनवर जलालपुरी अपने लेखन की विशेष विधा के लिए हमेशा अव्वल स्थान रखेंगे ! प्रिंसिपल आर्टिस्ट मोनिका शर्मा आभा ने कहा कि कलमकार की कोई जाति नस्ल भेद और धर्म सम्प्रदाय की परिधि नहीं होती है ! वह सांझे शख्सियत के नाते जाने और सम्मान करने योग्य होते हैं ! 
                                  थैलेसीमिया रोग से ग्रस्त रोगियों के लिए स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों के आयोजकों को प्रेरित करने वाले  व् कलमकार सुभाष भास्कर ने दिवंगत अनवर जलालपुरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उर्दू भाषा के विख्याता अनवर का जाना भारी क्षति है ! साहित्य समाज में उनका स्थान बड़े सत्कार का सुपात्र था और रहेगा भी ! ऑल इंडिया रेडियो चंडीगढ़ केंद्र की उद्घोषिका बानो पंडिता ने कहा कि साहित्यिक संसार को ऐसे विलक्षण कलमकार के जाने का खामियाजा लम्बे वक़्त तक भुगतना पड़ता है ! अनवर जी ने धर्म साहित्य में अनुकरणीय सेवा प्रदान की और तकरीबन 700 संस्कृत श्लोकों का उर्दू शायरी में बखूबी अनुवाद किया ! एआईआर के ही उद्घोषक निर्मोही ने अनवर जलालपुरी के देहावसान पर शोक व्यक्त करते हुए बताया कि 6 जुलाई 1947 को जन्मे अनवर जलालपुरी विनम्र वृति के धनी थे और उर्दू शायरी के जीवट हस्ताक्षर भी थे ! और  नववर्ष 2018 मंगलवार दो जनवरी को उन्हों ने भौतिक संसार को अलविदा कहा ! इससे पूर्व उन्हें वीरवार की रात्रि को ब्रेन स्ट्रोक होने के चलते गहन चिकित्सा में उपचाराधीन रखा गया था !   
                                                                                                                            [फोटो साभार जीआई से]  

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